अमेरिकी विदेश मंत्री माको रुबियो ने घोषणा की है कि उन विदेशियों को वीसा नहीं मिलेगा जो अमेरिकी दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या का सोशल मीडिया पर जश्न मना रहे हैं। 10 सितंबर को यूटा की एक यूनिवर्सिटी में किर्क (31) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रुबियो ने कहा कि यह नीति सिर्फ किर्क तक सीमित नहीं है। उनके अनुसार 'अगर कोई किसी की हत्या का जश्न मना रहा है तो उसे अमेरिका में वीसा क्यों दें?'
10 सितंबर को रिपब्लिकन कार्यकर्ता और टर्निंग पॉइंट यूएसए के सह-संस्थापक चार्ली किर्क की यूटा के ओरेम स्थित यूटा वैली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब यह हमला हुआ, तब वह बंदूक हिंसा के विषय पर लगभग 3,000 उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे और बाद में पास के एक अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस हमले पर देश भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पर गहरा शोक और निंदा व्यक्त की। राष्ट्रपति ट्रंप ने किर्क की मौत पर अपना दुख और गुस्सा व्यक्त करते हुए इसे अमेरिका के लिए एक काला क्षण बताया, जबकि यूटा के गवर्नर स्पेंसर कॉक्स ने इसे एक राजनीतिक हत्या बताते हुए स्थिति की गंभीरता पर ज़ोर दिया।
किर्क की हत्या के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे बहाना बनाकर राजनीतिक विरोधियों पर सख्ती का नया प्लान घोषित किया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी संगठन अमेरिका की परंपराओं और मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसके तहत वाइट हाउस उदारवादी संगठनों जैसे जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसायटी फाउंडेशन और फोर्ड फाउंडेशन की जांच, वीसा रद्दीकरण और कुछ समूहों को घरेलू आतंकी घोषित करने की तैयारी कर रहा है। ट्रम्प ने कहा कि कट्टरपंथी लेफ्ट ने देश को नुकसान पहुंचाया है और हम इसे ठीक कर रहे हैं।