भारतीय विकास यात्रा में इंफ्रास्ट्रक्चर हमेशा से परिवर्तन का वाहक रहा है। सड़कें, रेल और बिजली ने जिस प्रकार औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया, उसी प्रकार आधुनिक भारत में हवाई अड्डे केवल यात्रियों के लिए सुविधाएँ नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति देने वाले इंजन बन चुके हैं। 30 अक्टूबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) का उद्घाटन करेंगे, तो यह घटना केवल एक परियोजना का लोकार्पण नहीं होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की नई पहचान की शुरुआत होगी।
देखा जाये तो आज से कुछ दशक पहले तक उत्तर प्रदेश निवेश और औद्योगिक विकास के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता था। लेकिन 2017 में सत्ता में आने के बाद से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और केंद्र की सक्रिय नीतियों ने इस तस्वीर को बदल डाला है। डिफेंस कॉरिडोर, गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने यूपी को निवेशकों की सूची में अग्रणी स्थान दिलाया है। अब नोएडा एयरपोर्ट का उद्घाटन इस यात्रा को निर्णायक मुकाम देने जा रहा है। देखा जाये तो यह एयरपोर्ट केवल हवाई यातायात का विस्तार नहीं करेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई उड़ान देगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तर प्रदेश अब निवेश, उद्योग और पर्यटन का नया गढ़ बनने की ओर है।
एयरपोर्ट का स्वरूप और भविष्य की क्षमता को देखें तो आपको बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट को चार चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में 1.2 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता वाला रनवे और टर्मिनल तैयार है। अंतिम चरण तक यह 7 करोड़ यात्रियों को संभालने वाला भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट्स में शुमार होगा। यही नहीं, उद्घाटन के पहले वर्ष में ही लगभग 60 लाख यात्री यहाँ से यात्रा करेंगे। महत्वपूर्ण यह है कि इसे कार्गो हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों के लिए यह वैश्विक सप्लाई चेन से सीधा जुड़ाव उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, यात्रियों और एयरलाइनों को नया विकल्प मिल गया है क्योंकि दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले से ही यात्री दबाव चरम पर है। ऐसे में नोएडा एयरपोर्ट यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा।
नोएडा एयरपोर्ट से पहले चरण में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे महानगरों से सीधी उड़ानें मिलेंगी। भविष्य में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन भी होगा। इंडिगो एयरलाइंस को लॉन्च कैरियर बनाया गया है और अकासा एयर ने इसे हब के रूप में इस्तेमाल करने की घोषणा की है। यह न केवल यात्रियों को सुविधा देगा, बल्कि एयरलाइनों के लिए भी एक बड़ा अवसर होगा।
नोएडा एयरपोर्ट से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर होने वाले सीधे असर को देखें तो हवाई अड्डे का निर्माण और संचालन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों स्तरों पर लाखों रोजगार पैदा करेगा। सुरक्षा, ग्राउंड हैंडलिंग, होटल, पर्यटन, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में नई संभावनाएँ खुलेंगी।
इसके अलावा, यूपी अब विश्वस्तरीय हवाई सुविधा से लैस होगा। विदेशी कंपनियों के लिए ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल एरिया निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनेंगे। आईटी, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल कंपनियाँ यहाँ आकर अपने कारोबार को विस्तार देंगी। साथ ही, आगरा, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल अब वैश्विक पर्यटकों के लिए सहज पहुँच में होंगे। यह धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक उद्योग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के किसान अपनी उपज सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचा सकेंगे। फल, सब्ज़ियाँ और दुग्ध उत्पादों का निर्यात आसान होगा। इससे फूड प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज उद्योग को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, एनसीआर में ई-कॉमर्स कंपनियाँ— अमेज़न, फ्लिपकार्ट या अन्य वैश्विक खिलाड़ी नोएडा एयरपोर्ट के माध्यम से अपनी सप्लाई चेन को और मज़बूत करेंगे। यूपी धीरे-धीरे उत्तर भारत का लॉजिस्टिक्स हब बन सकता है।
देखा जाये तो दिल्ली-एनसीआर अब एशिया के प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में गिना जाता है। लेकिन इसकी हवाई सुविधा लंबे समय से केवल दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भर थी। नोएडा एयरपोर्ट इस दबाव को विभाजित करेगा और लोगों को वैकल्पिक एवं सुविधाजनक विकल्प देगा। इससे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद की कॉर्पोरेट कंपनियाँ लाभान्वित होंगी। साथ ही बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा जैसे ज़िलों को रोजगार और औद्योगिक अवसर मिलेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट के ट्रैफिक का बोझ कम होगा। यानी, यह एयरपोर्ट पूरे एनसीआर को विकास का दूसरा इंजन प्रदान करेगा।
हम आपको यह भी बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट केवल आकार में बड़ा नहीं है, बल्कि इसकी डिज़ाइन और सुरक्षा मानक भी विश्वस्तरीय हैं। यहां 350 से अधिक हाई-रेज़ोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे और इलेक्ट्रिक फेंसिंग है। यूनिफाइड सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर से 24x7 निगरानी है। इनलाइन बैगेज स्क्रीनिंग, फुल-बॉडी स्कैनर और ऑटोमेटेड ट्रे रिट्रीवल सिस्टम है। साथ ही क्राइम प्रिवेंशन थ्रू एनवायरनमेंटल डिज़ाइन पर आधारित ढाँचा है। इससे यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा। निश्चित रूप से यह एयरपोर्ट भारत के एविएशन सेक्टर को नई दिशा देगा और उत्तर प्रदेश को निवेश का वैश्विक गंतव्य बना देगा।
कुल मिलाकर देखें तो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन केवल एक भौतिक ढाँचे का लोकार्पण नहीं है। यह भारत की विकास गाथा का नया अध्याय है। उत्तर प्रदेश, जो कभी औद्योगिक रूप से पिछड़ा माना जाता था, अब नई उड़ान भरने के लिए तैयार है। मोदी-योगी नेतृत्व ने मिलकर एनसीआर को दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट देकर जनता को आर्थिक सशक्तिकरण का उपहार दिया है। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश की भरमार होगी, लाखों रोजगार पैदा होंगे और पर्यटन, कृषि तथा उद्योग सबको गति मिलेगी। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि नोएडा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के लिए 21वीं सदी का परिवर्तनकारी प्रतीक है। यह हवाई अड्डा न केवल यात्रियों को सुविधा देगा बल्कि प्रदेश को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी स्थान भी दिलाएगा।
जहां तक नोएडा एयरपोर्ट के उद्घाटन की बात है तो आपको बता दें कि केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने कहा है कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन 30 अक्टूबर को होगा और उसके 45 दिन बाद उड़ान संचालन शुरू होने की उम्मीद है।
-नीरज कुमार दुबे