गोरखपुर में मोहसिन-ए-आजम कांफ्रेंस:मुफ्ती खालिद अय्यूब को दीनी शिक्षा और सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मान

गोरखपुर में सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के मैदान में रविवार को आयोजित मोहसिन-ए-आजम कांफ्रेंस में राजस्थान के प्रमुख इस्लामी विद्वान मुफ्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही शीरानी को दीनी शिक्षा और सामाजिक सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मान पत्र, शील्ड और पुष्पगुच्छ प्रदान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। पैगंबर-ए-इस्लाम ने महिलाओं को दिया सम्मान मुख्य वक्ता मुफ्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही ने कहा कि कुरआन साफ तौर पर बताता है कि कामयाबी के लिए पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दिखाया रास्ता अपनाना जरूरी है। अरब जगत में जब महिलाओं के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या जैसी बुराइयां फैली थीं, तब पैगंबर-ए-इस्लाम ने इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने इन बुराइयों को खत्म किया। उन्होंने विधवा से विवाह कर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया और उन्हें संपत्ति में अधिकार दिलाया। जुल्म सहकर भी उन्होंने इंसानियत और अहिंसा का पैगाम दिया। तालीम और स्वच्छता का दिया पैगाम विशिष्ट वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने 1500 साल पहले ही शिक्षा हासिल करने, बेटी बचाने और स्वच्छता का संदेश दिया था। उन्होंने फरमाया कि जो लोग बच्चियों को खुशी-खुशी सही तालीम देंगे और उनकी परवरिश करेंगे, पैगंबर-ए-इस्लाम ने उनके लिए जन्नत का वादा किया है। कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी शरफुद्दीन मिस्बाही ने की। नात-ए-पाक मौलाना दारैन, कासिद रजा इस्माइली और मौलाना महमूद रजा कादरी ने पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। बड़ी संख्या में लोगों ने की शिरकत कांफ्रेंस में मुफ्ती अख्तर हुसैन, मुफ्ती अजहर शम्सी, कारी मुहम्मद अनस रजवी, मुजफ्फर हसनैन रूमी, हाफिज रजी, हाफिज आफताब, आरिफ, तारिक सामानी, मौलाना मकसूद आलम, हाफिज आमिर हुसैन, हाफिज अजमत अली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

Sep 15, 2025 - 19:26
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गोरखपुर में मोहसिन-ए-आजम कांफ्रेंस:मुफ्ती खालिद अय्यूब को दीनी शिक्षा और सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मान
गोरखपुर में सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के मैदान में रविवार को आयोजित मोहसिन-ए-आजम कांफ्रेंस में राजस्थान के प्रमुख इस्लामी विद्वान मुफ्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही शीरानी को दीनी शिक्षा और सामाजिक सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मान पत्र, शील्ड और पुष्पगुच्छ प्रदान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। पैगंबर-ए-इस्लाम ने महिलाओं को दिया सम्मान मुख्य वक्ता मुफ्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही ने कहा कि कुरआन साफ तौर पर बताता है कि कामयाबी के लिए पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दिखाया रास्ता अपनाना जरूरी है। अरब जगत में जब महिलाओं के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या जैसी बुराइयां फैली थीं, तब पैगंबर-ए-इस्लाम ने इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने इन बुराइयों को खत्म किया। उन्होंने विधवा से विवाह कर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया और उन्हें संपत्ति में अधिकार दिलाया। जुल्म सहकर भी उन्होंने इंसानियत और अहिंसा का पैगाम दिया। तालीम और स्वच्छता का दिया पैगाम विशिष्ट वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने 1500 साल पहले ही शिक्षा हासिल करने, बेटी बचाने और स्वच्छता का संदेश दिया था। उन्होंने फरमाया कि जो लोग बच्चियों को खुशी-खुशी सही तालीम देंगे और उनकी परवरिश करेंगे, पैगंबर-ए-इस्लाम ने उनके लिए जन्नत का वादा किया है। कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी शरफुद्दीन मिस्बाही ने की। नात-ए-पाक मौलाना दारैन, कासिद रजा इस्माइली और मौलाना महमूद रजा कादरी ने पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। बड़ी संख्या में लोगों ने की शिरकत कांफ्रेंस में मुफ्ती अख्तर हुसैन, मुफ्ती अजहर शम्सी, कारी मुहम्मद अनस रजवी, मुजफ्फर हसनैन रूमी, हाफिज रजी, हाफिज आफताब, आरिफ, तारिक सामानी, मौलाना मकसूद आलम, हाफिज आमिर हुसैन, हाफिज अजमत अली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।