किशनगंज में CDPO पर भ्रष्टाचार-अवैध वसूली का आरोप:गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नहीं मिल पा रहा लाभ, अनीता कुमारी बोलीं- मामला मजहबी रंग
किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड में कार्यरत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) अनीता कुमारी पर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप राष्ट्रीय आरटीआई कार्यकर्ता हसीबुर रहमान ने मुख्यमंत्री, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में लगाए हैं। शिकायत में क्या कहा गया हसीबुर रहमान ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि अनीता कुमारी कथित रूप से अवैध वसूली में लिप्त हैं और राजनीतिक संरक्षण के चलते सेवा में बनी हुई हैं। शिकायत में कहा गया है कि उनके कथित भ्रष्ट आचरण से बाल विकास योजनाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। “जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा। कई केंद्र समय पर नहीं खुलते, और जो खुलते हैं, उनमें बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती है,” शिकायत में कहा गया। जांच और कार्रवाई की मांग आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि आरोपों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि योजनाओं का सही लाभ जनता तक पहुंच सके। अनीता कुमारी का पक्ष जब सीडीपीओ एवं प्रभारी डीपीओ अनीता कुमारी से इस विषय पर बात की गई, तो उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मामला “मजहबी रंग” देने की कोशिश का परिणाम है। शिकायत के आधार पर अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। जिले में आंगनबाड़ी योजनाओं की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर आम लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है।
किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड में कार्यरत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) अनीता कुमारी पर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप राष्ट्रीय आरटीआई कार्यकर्ता हसीबुर रहमान ने मुख्यमंत्री, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में लगाए हैं। शिकायत में क्या कहा गया हसीबुर रहमान ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि अनीता कुमारी कथित रूप से अवैध वसूली में लिप्त हैं और राजनीतिक संरक्षण के चलते सेवा में बनी हुई हैं। शिकायत में कहा गया है कि उनके कथित भ्रष्ट आचरण से बाल विकास योजनाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। “जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा। कई केंद्र समय पर नहीं खुलते, और जो खुलते हैं, उनमें बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती है,” शिकायत में कहा गया। जांच और कार्रवाई की मांग आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि आरोपों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि योजनाओं का सही लाभ जनता तक पहुंच सके। अनीता कुमारी का पक्ष जब सीडीपीओ एवं प्रभारी डीपीओ अनीता कुमारी से इस विषय पर बात की गई, तो उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मामला “मजहबी रंग” देने की कोशिश का परिणाम है। शिकायत के आधार पर अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। जिले में आंगनबाड़ी योजनाओं की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर आम लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है।