Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2025 : जीवन से दुख और कष्ट हो जाएंगे दूर, विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी को करें इन चीजों का दान

सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी खास महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी आती है। इस बार आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की तिथि को विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी मनाई जाएगी। जो व्यक्ति इस दिन व्रत गणपति बप्पा की पूजा और दान करता उसके लिए यह काफी फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत और दान-पुण्य करने से जातक को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के दुखों से भी मुक्ति मिल जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति दान करता है उसे पुण्य फल का प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं इस दिन किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।अनाज का दान करेंइस बार विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी 11 सितंबर को मनाई जा रही है। इस तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने के साथ ही आप किसी जरुरतमंद या फिर किसी गरीब को अनाज का दान करने से काफी लाभ मिलता है। आप 7 प्रकार का अनाज का दान कर सकते हैं।  आप चाहें गेहूं, चना, दाल समेत अन्य 7 प्रकार के अनाज का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जातक को पैसों की तंगी से निजात मिल जाता है और घर की आर्थिक स्थिति भी सुधार जाती है। मोदक और मौसमी फलों का दान करना भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। ऐसे में आप मोदक या मौसमी फलों को बच्चों मे बांट सकते हैं या फिर किसी जरुरतमंद को भी दे सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही समस्याएं और बांधाओं से मुक्ति मिल जाती है।  हरे या लाल रंग कपड़े को दान करेंवैसे तो बुधवार को हरे रंग के कपड़ों को दान करना शुभ माना जाता है।  विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी के दिन आप मंदिर में या किसी गरीब को हरे या लाल रंग वस्त्र को दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जातक को पूजा का फल प्राप्त होता है और व्यापार में चल रही समस्याओं से निजात मिलता है। इस उपाय के करने से बिजनस में तरक्की मिलती है।  शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं का करें दानइसके अलावा, आप बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं को दान कर सकते हैं। आपको बता दें कि, बुध ग्रह को बुद्धि, विवेक, शिक्षा आदि का कारक माना जाता है। इस दिन आप बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी वस्तुओं को दान कर सकते हैं, जैसे कि- कॉपी, किताब, कलम आदि दे सकते हैं। ऐसा करने से नौकरी में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है। वहीं, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। 

Sep 9, 2025 - 19:52
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Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2025 : जीवन से दुख और कष्ट हो जाएंगे दूर, विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी को करें इन चीजों का दान
सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी खास महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी आती है। इस बार आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की तिथि को विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी मनाई जाएगी। जो व्यक्ति इस दिन व्रत गणपति बप्पा की पूजा और दान करता उसके लिए यह काफी फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत और दान-पुण्य करने से जातक को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के दुखों से भी मुक्ति मिल जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति दान करता है उसे पुण्य फल का प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं इस दिन किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
अनाज का दान करें

इस बार विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी 11 सितंबर को मनाई जा रही है। इस तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने के साथ ही आप किसी जरुरतमंद या फिर किसी गरीब को अनाज का दान करने से काफी लाभ मिलता है। आप 7 प्रकार का अनाज का दान कर सकते हैं।  आप चाहें गेहूं, चना, दाल समेत अन्य 7 प्रकार के अनाज का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जातक को पैसों की तंगी से निजात मिल जाता है और घर की आर्थिक स्थिति भी सुधार जाती है। 

मोदक और मौसमी फलों का दान करना

 भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। ऐसे में आप मोदक या मौसमी फलों को बच्चों मे बांट सकते हैं या फिर किसी जरुरतमंद को भी दे सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही समस्याएं और बांधाओं से मुक्ति मिल जाती है। 
 
हरे या लाल रंग कपड़े को दान करें

वैसे तो बुधवार को हरे रंग के कपड़ों को दान करना शुभ माना जाता है।  विघ्नराज संकष्टी चुतर्थी के दिन आप मंदिर में या किसी गरीब को हरे या लाल रंग वस्त्र को दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जातक को पूजा का फल प्राप्त होता है और व्यापार में चल रही समस्याओं से निजात मिलता है। इस उपाय के करने से बिजनस में तरक्की मिलती है।
 
 शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं का करें दान

इसके अलावा, आप बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं को दान कर सकते हैं। आपको बता दें कि, बुध ग्रह को बुद्धि, विवेक, शिक्षा आदि का कारक माना जाता है। इस दिन आप बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी वस्तुओं को दान कर सकते हैं, जैसे कि- कॉपी, किताब, कलम आदि दे सकते हैं। ऐसा करने से नौकरी में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है। वहीं, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।