अपना हिसाब-किताब निपटाना चाहिए...पाकिस्तान पर इस कदर भड़का तालिबान, मुल्ला बरादर ने कर दिया बड़ा ऐलान
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का पाकिस्तान के साथ व्यापार और पारगमन रोकने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। इस्लामिक अमीरात के आर्थिक मामलों के उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा है कि देश की गरिमा, व्यापार, उद्योग और अफ़गानों के अधिकारों की रक्षा के लिए, इस्लामिक अमीरात ने अपने भाईचारे के व्यापारियों को सूचित किया है कि पाकिस्तान ने बार-बार हमारे व्यापार के रास्ते रोके हैं और गैर-राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसलिए सभी व्यापारियों को, यथासंभव, पाकिस्तान के साथ व्यापार कम करना चाहिए और माल के परिवहन के लिए अन्य उपलब्ध मार्गों का उपयोग करना चाहिए।इसे भी पढ़ें: 1100 सैनिकों की मौत, पाकिस्तान को लेकर ये क्या चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आयावर्तमान में पाकिस्तान से आने वाले आयातों को वैकल्पिक बाज़ारों और देशों की ओर पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिए, जो सौभाग्य से अब बड़ी संख्या में मौजूद हैं। दवाइयाँ पूरी तरह से दूसरे देशों से आयात की जानी चाहिए। व्यापारियों को अपना हिसाब-किताब निपटाना चाहिए और वहीं से अपना लेन-देन समेटना चाहिए। तीन महीने बाद, वित्त मंत्रालय पाकिस्तान से आने वाली दवाओं पर न तो कर लगाएगा और न ही आयात की अनुमति देगा।इसे भी पढ़ें: चाय के कप ने पाकिस्तान में मचाया हड़कंप, भारत खुश तो बहुत होगादरअसल, जब पाकिस्तान तालिबान के साथ शांति वार्ता में कुछ नहीं कर पाया तो उसने अफगानिस्तान की जनता को परेशान करने के लिए दूसरा पैथरा अपना लिया। अब पाकिस्तान प्याज टमाटर के लिए अफगानिस्तान से लड़ रहा है। दरअसल पाकिस्तान ने व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है और अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी ने पाकिस्तान की इस घटिया हरकत पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि खुद को परमाणु संपन्न देश कहने वाले पाकिस्तान प्याज, आलू, टमाटर और गरीब अफगान शरणार्थियों पर अपनी ताकत आजमा रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का पाकिस्तान के साथ व्यापार और पारगमन रोकने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। इस्लामिक अमीरात के आर्थिक मामलों के उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा है कि देश की गरिमा, व्यापार, उद्योग और अफ़गानों के अधिकारों की रक्षा के लिए, इस्लामिक अमीरात ने अपने भाईचारे के व्यापारियों को सूचित किया है कि पाकिस्तान ने बार-बार हमारे व्यापार के रास्ते रोके हैं और गैर-राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसलिए सभी व्यापारियों को, यथासंभव, पाकिस्तान के साथ व्यापार कम करना चाहिए और माल के परिवहन के लिए अन्य उपलब्ध मार्गों का उपयोग करना चाहिए।
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वर्तमान में पाकिस्तान से आने वाले आयातों को वैकल्पिक बाज़ारों और देशों की ओर पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिए, जो सौभाग्य से अब बड़ी संख्या में मौजूद हैं। दवाइयाँ पूरी तरह से दूसरे देशों से आयात की जानी चाहिए। व्यापारियों को अपना हिसाब-किताब निपटाना चाहिए और वहीं से अपना लेन-देन समेटना चाहिए। तीन महीने बाद, वित्त मंत्रालय पाकिस्तान से आने वाली दवाओं पर न तो कर लगाएगा और न ही आयात की अनुमति देगा।
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दरअसल, जब पाकिस्तान तालिबान के साथ शांति वार्ता में कुछ नहीं कर पाया तो उसने अफगानिस्तान की जनता को परेशान करने के लिए दूसरा पैथरा अपना लिया। अब पाकिस्तान प्याज टमाटर के लिए अफगानिस्तान से लड़ रहा है। दरअसल पाकिस्तान ने व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है और अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी ने पाकिस्तान की इस घटिया हरकत पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि खुद को परमाणु संपन्न देश कहने वाले पाकिस्तान प्याज, आलू, टमाटर और गरीब अफगान शरणार्थियों पर अपनी ताकत आजमा रहा है।



