सॉफ्टबैंक ने एनवीडिया से निकाली पूरी हिस्सेदारी, 5.8 अरब डॉलर का बंपर मुनाफा कमाया।

जापान की दिग्गज टेक कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने अमेरिकी चिप निर्माता एनवीडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी हैं। कंपनी ने इस सौदे से करीब 5.8 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया हैं जब सॉफ्टबैंक के संस्थापक मासायोशी सोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं में निवेश की तैयारी कर रहे हैं।बता दें कि टोक्यो स्थित सॉफ्टबैंक ने मार्च तक एनवीडिया में लगभग 3 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बढ़ाई थी। इस निवेश और विजन फंड की मजबूत कमाई के चलते कंपनी ने अपने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.5 ट्रिलियन येन (करीब 16.2 अरब डॉलर) का अप्रत्याशित शुद्ध लाभ दर्ज किया हैं, जो विश्लेषकों के अनुमान 418.2 अरब येन से कहीं अधिक हैं।गौरतलब हैं कि कंपनी ने मंगलवार को अपने शेयरों को और आकर्षक बनाने के लिए 4-के-बदले-1 का स्टॉक स्प्लिट भी घोषित किया हैं, जो 1 जनवरी से लागू होगा।मौजूद जानकारी के अनुसार, सॉफ्टबैंक अब AI से जुड़ी प्रमुख कंपनियों जैसे OpenAI और ओरेकल कार्पोरेशन में हिस्सेदारी रखता हैं, जिससे कंपनी के कागजी लाभ और बाजार मूल्य दोनों में तेज उछाल आया हैं। पिछले तीन महीनों में सॉफ्टबैंक के शेयरों में 78% की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं, जो 2005 के बाद सबसे मजबूत तिमाही प्रदर्शन हैं।सिटीग्रुप के विश्लेषक केइची योनेशिमा ने कहा कि कंपनी अब पहले की तुलना में ज्यादा निवेशों से लाभ कमा रही हैं, इसलिए आने वाले समय के लिए अनुमान बढ़ाए गए हैं। उन्होंने सॉफ्टबैंक के शेयर का लक्ष्य मूल्य 27,100 येन तय किया हैं और OpenAI के भविष्य के मूल्यांकन को 500 अरब से 1 ट्रिलियन डॉलर के बीच माना हैं।बता दें कि सॉफ्टबैंक पहले अमेरिकी चिपमेकर मारवेल टेक्नोलॉजी को खरीदने की योजना पर भी विचार कर चुका हैं। हालांकि, नए निवेशों के लिए फंडिंग जुटाना कंपनी के लिए एक चुनौती बनी हुई हैं। कंपनी को OpenAI में लगभग 20 अरब डॉलर और एम्पीयर कंप्यूटिंग के अधिग्रहण के लिए करीब 6.5 अरब डॉलर की जरूरत होगी।वहीं, बाजार के जानकारों का कहना हैं कि सॉफ्टबैंक का शेयर पहले “सस्ता निवेश विकल्प” माना जाता था क्योंकि यह आर्म और AI सेक्टर में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी का मौका देता था। लेकिन अब कंपनी के शेयर मूल्य में तेजी के चलते यह डिस्काउंट लगभग खत्म हो चुका हैं। इसलिए कई विशेषज्ञों का मानना हैं कि यह मुनाफा निकालने का उपयुक्त समय हो सकता हैं।

Nov 12, 2025 - 19:24
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सॉफ्टबैंक ने एनवीडिया से निकाली पूरी हिस्सेदारी, 5.8 अरब डॉलर का बंपर मुनाफा कमाया।
जापान की दिग्गज टेक कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने अमेरिकी चिप निर्माता एनवीडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी हैं। कंपनी ने इस सौदे से करीब 5.8 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया हैं जब सॉफ्टबैंक के संस्थापक मासायोशी सोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं में निवेश की तैयारी कर रहे हैं।

बता दें कि टोक्यो स्थित सॉफ्टबैंक ने मार्च तक एनवीडिया में लगभग 3 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बढ़ाई थी। इस निवेश और विजन फंड की मजबूत कमाई के चलते कंपनी ने अपने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.5 ट्रिलियन येन (करीब 16.2 अरब डॉलर) का अप्रत्याशित शुद्ध लाभ दर्ज किया हैं, जो विश्लेषकों के अनुमान 418.2 अरब येन से कहीं अधिक हैं।

गौरतलब हैं कि कंपनी ने मंगलवार को अपने शेयरों को और आकर्षक बनाने के लिए 4-के-बदले-1 का स्टॉक स्प्लिट भी घोषित किया हैं, जो 1 जनवरी से लागू होगा।

मौजूद जानकारी के अनुसार, सॉफ्टबैंक अब AI से जुड़ी प्रमुख कंपनियों जैसे OpenAI और ओरेकल कार्पोरेशन में हिस्सेदारी रखता हैं, जिससे कंपनी के कागजी लाभ और बाजार मूल्य दोनों में तेज उछाल आया हैं। पिछले तीन महीनों में सॉफ्टबैंक के शेयरों में 78% की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं, जो 2005 के बाद सबसे मजबूत तिमाही प्रदर्शन हैं।

सिटीग्रुप के विश्लेषक केइची योनेशिमा ने कहा कि कंपनी अब पहले की तुलना में ज्यादा निवेशों से लाभ कमा रही हैं, इसलिए आने वाले समय के लिए अनुमान बढ़ाए गए हैं। उन्होंने सॉफ्टबैंक के शेयर का लक्ष्य मूल्य 27,100 येन तय किया हैं और OpenAI के भविष्य के मूल्यांकन को 500 अरब से 1 ट्रिलियन डॉलर के बीच माना हैं।

बता दें कि सॉफ्टबैंक पहले अमेरिकी चिपमेकर मारवेल टेक्नोलॉजी को खरीदने की योजना पर भी विचार कर चुका हैं। हालांकि, नए निवेशों के लिए फंडिंग जुटाना कंपनी के लिए एक चुनौती बनी हुई हैं। कंपनी को OpenAI में लगभग 20 अरब डॉलर और एम्पीयर कंप्यूटिंग के अधिग्रहण के लिए करीब 6.5 अरब डॉलर की जरूरत होगी।

वहीं, बाजार के जानकारों का कहना हैं कि सॉफ्टबैंक का शेयर पहले “सस्ता निवेश विकल्प” माना जाता था क्योंकि यह आर्म और AI सेक्टर में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी का मौका देता था। लेकिन अब कंपनी के शेयर मूल्य में तेजी के चलते यह डिस्काउंट लगभग खत्म हो चुका हैं। इसलिए कई विशेषज्ञों का मानना हैं कि यह मुनाफा निकालने का उपयुक्त समय हो सकता हैं।