औरंगाबाद पहुंचे बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत:नहर के रीमॉडलिंग कार्यों का किया निरीक्षण, मार्च 2026 तक कार्य पूरा करने का निर्देश

बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत बुधवार को औरंगाबाद पहुंचे। उन्होंने उत्तर कोयल मुख्य नहर के रिमाडलिंग कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने एरिका सिंचाई कॉलोनी परिसर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।इस दौरान मुख्य सचिव के साथ जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, उर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ औरंगाबाद के चीफ इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह, गया के चीफ इंजीनियर विनीत वाप्कोस के प्रोजेक्ट मैनेजर गगनदीप सिंह, इंजीनियर कृष कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंनें मुख्य नहर के तटबंधों के किनारे अनधिकृत रूप से खड़े किए गए हाईटेंशन बिजली के तार- पोल और ट्रांसमीटर सेफ्टिंग पर चर्चा की।इसके साथ हीं नहर के बेड और दोनों किनारे के तटबंध की लाइनिंग से लेकर पुल-पुलिया,सीआर और एचआर गेटों के साथ सभी सरंचनाओ के कार्यो में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर हाल में मार्च 2026तक नहर के रिमाडलिंग कार्यों को पूरा करें। समीक्षा बैठक में झारखंड पोरसन से लेकर अंतिम छोर तक लेफ्ट साईड के तटबंधों को पक्की-करण पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने बताया कि एक साईड के तटबंध को जीएसबी पथ निर्माण करने का प्रावधान तय किया गया था।अब उसे कालीकरण करने का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।इसके लिए शीघ्र हीं कागजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुख्य सचिव के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नहर के तटबंध पर लगाए गए बिजली के पल के कारण प्रभावित हो रहा लाइनिंग का कार्य जानकारी के अनुसार बिहार पोरसन में अंबा,नवीनगर,औरंगाबाद व मदनपुर डिवीजन क्षेत्र में नहर के तटबंधों के किनारे हर एक-दो किलोमीटर पर 11 हजार केविए का तकरीबन 500 से अधिक बिजली का पोल खड़ा किया हुआ है। इसके वजह से लाइनिंग कार्यों में तेजी नहीं आ रही है। यहीं नहीं झारखंड पोरसन में बराज से लेकर 103आरडी के बीच तकरीबन 12 से 13 किलोमीटर की दूरी के बीच 750 इलेक्ट्रिक पोल है। तार-पोल शिफ्टिंग करने से पहले निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति जारी रखने के लिए अलग हटकर नया पोल तार लगाया जाना है। बिना नया पोल लगाए पुराने पोल को हटाया नहीं जा सकता है। हालांकि उधर बिजली कंपनी के द्वारा पोल शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। बिहार पोरसन में भी विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता ने साइड विजिट के बाद संबंधित कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिया है। जल्द ही पोल हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डीएम और एसपी रहे मौजूद मुख्य सचिव के नेतृत्व में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी सत्यम आनंद सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। करीब 45 मिनट तक चली बैठक में परियोजना की प्रगति से लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। निरीक्षण के पश्चात मुख्य सचिव ने किसानों से रू-ब-रू हुए। उन्होंने वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसानों से उनकी समस्याएं सुनीं। किसानों ने बताया कि उन्हें जमीन के बदले 2012 के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है, जो काफी कम है। मुख्य सचिव ने उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दियाmइस क्रम में जदयू जिला महासचिव रामाकांत सिंह ने अंबा को नगर पंचायत का दर्जा देने तथा एनएच-139 के चौड़ीकरण की मांग रखी।जिला से आए प्रशासनिक अधिकारियो ने भी मुख्य सचिव से बताया कि आए दिन एनएच 139 पथ पर बिहार झारखंड, यूपी,एमपी, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में आने-जानेवाली वाहन का निरंतर परिचालन होता है। सड़क पर वाहनों का परिचालन अधिक होने के कारण सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई है, जिस पर मुख्य सचिव ने सकारात्मक आश्वासन दिया। क्या है रिमाडलिंग का प्रावधान झारखंड पोरसन में भीम बराज से लेकर राईट साईड मेन कैनाल के 103आरडी के बाद से लेकर अंतिम छोर 358 आरडी तक यानी 31.40 किलो मीटर के बाद से लेकर 109.2 किलोमीटर कुल 77.69 किलोमीटर दूरी में मेन कैनाल में लाइनिंग कार्य किया जाना है। पिछले वर्ष से सभी डिवीजनों में पार्ट-बाई- पार्ट 11 पैकेज में संरचनाओं का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय ने वाप्कोस को अधिकृत किया है। गौरतलब है कि लाइनिंग कार्य के दौरान पहले का पुराना टाइल्स को हटा कर गाद साफ की जानी है। इसके बाद मोरम व उत्तम क्वालिटी की मिट्टी मिलाकर सीएनएस वर्क किया जाना है। रौलर से लेबलिंग व कंप्रेशर मशीन से कंपेक्शन करने के बाद एलडीसीटी बिछाकर कंक्रीट से ढलाई कराई जा रही है। इस दौरान जल प्रवाह के बाधा समाप्त करने के लिए संकीर्ण पुलिया को हटाकर आधुनिक डिजाइन के पुल बनाया जाना है। रिमाडलिंग कार्यों के मानिटरिंग व प्रयुक्त मेटेरियल्स के क्वांटिटी व क्वालिटी को विजिट करने के लिए टेक्निकल एवाल्यूशन कमेटी के साथ-साथ केंद्रीय जल आयोग की टीम गठित की है। चीफ इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह से संपर्क करने पर बताया कि बिहार पोरसन अलग-अलग 9पैकेज में लाईनिंग कार्य चल रहा है।5 व छह पैकेज छोड़कर सभी पैकेज में कार्य जारी है।इन दो पैकेज में भी आज से कल तक काम शुरू होने वाला है।

Nov 12, 2025 - 19:26
 0
औरंगाबाद पहुंचे बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत:नहर के रीमॉडलिंग कार्यों का किया निरीक्षण, मार्च 2026 तक कार्य पूरा करने का निर्देश
बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत बुधवार को औरंगाबाद पहुंचे। उन्होंने उत्तर कोयल मुख्य नहर के रिमाडलिंग कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने एरिका सिंचाई कॉलोनी परिसर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।इस दौरान मुख्य सचिव के साथ जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, उर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ औरंगाबाद के चीफ इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह, गया के चीफ इंजीनियर विनीत वाप्कोस के प्रोजेक्ट मैनेजर गगनदीप सिंह, इंजीनियर कृष कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंनें मुख्य नहर के तटबंधों के किनारे अनधिकृत रूप से खड़े किए गए हाईटेंशन बिजली के तार- पोल और ट्रांसमीटर सेफ्टिंग पर चर्चा की।इसके साथ हीं नहर के बेड और दोनों किनारे के तटबंध की लाइनिंग से लेकर पुल-पुलिया,सीआर और एचआर गेटों के साथ सभी सरंचनाओ के कार्यो में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर हाल में मार्च 2026तक नहर के रिमाडलिंग कार्यों को पूरा करें। समीक्षा बैठक में झारखंड पोरसन से लेकर अंतिम छोर तक लेफ्ट साईड के तटबंधों को पक्की-करण पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने बताया कि एक साईड के तटबंध को जीएसबी पथ निर्माण करने का प्रावधान तय किया गया था।अब उसे कालीकरण करने का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।इसके लिए शीघ्र हीं कागजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुख्य सचिव के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नहर के तटबंध पर लगाए गए बिजली के पल के कारण प्रभावित हो रहा लाइनिंग का कार्य जानकारी के अनुसार बिहार पोरसन में अंबा,नवीनगर,औरंगाबाद व मदनपुर डिवीजन क्षेत्र में नहर के तटबंधों के किनारे हर एक-दो किलोमीटर पर 11 हजार केविए का तकरीबन 500 से अधिक बिजली का पोल खड़ा किया हुआ है। इसके वजह से लाइनिंग कार्यों में तेजी नहीं आ रही है। यहीं नहीं झारखंड पोरसन में बराज से लेकर 103आरडी के बीच तकरीबन 12 से 13 किलोमीटर की दूरी के बीच 750 इलेक्ट्रिक पोल है। तार-पोल शिफ्टिंग करने से पहले निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति जारी रखने के लिए अलग हटकर नया पोल तार लगाया जाना है। बिना नया पोल लगाए पुराने पोल को हटाया नहीं जा सकता है। हालांकि उधर बिजली कंपनी के द्वारा पोल शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। बिहार पोरसन में भी विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता ने साइड विजिट के बाद संबंधित कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिया है। जल्द ही पोल हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डीएम और एसपी रहे मौजूद मुख्य सचिव के नेतृत्व में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी सत्यम आनंद सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। करीब 45 मिनट तक चली बैठक में परियोजना की प्रगति से लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। निरीक्षण के पश्चात मुख्य सचिव ने किसानों से रू-ब-रू हुए। उन्होंने वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसानों से उनकी समस्याएं सुनीं। किसानों ने बताया कि उन्हें जमीन के बदले 2012 के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है, जो काफी कम है। मुख्य सचिव ने उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दियाmइस क्रम में जदयू जिला महासचिव रामाकांत सिंह ने अंबा को नगर पंचायत का दर्जा देने तथा एनएच-139 के चौड़ीकरण की मांग रखी।जिला से आए प्रशासनिक अधिकारियो ने भी मुख्य सचिव से बताया कि आए दिन एनएच 139 पथ पर बिहार झारखंड, यूपी,एमपी, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में आने-जानेवाली वाहन का निरंतर परिचालन होता है। सड़क पर वाहनों का परिचालन अधिक होने के कारण सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई है, जिस पर मुख्य सचिव ने सकारात्मक आश्वासन दिया। क्या है रिमाडलिंग का प्रावधान झारखंड पोरसन में भीम बराज से लेकर राईट साईड मेन कैनाल के 103आरडी के बाद से लेकर अंतिम छोर 358 आरडी तक यानी 31.40 किलो मीटर के बाद से लेकर 109.2 किलोमीटर कुल 77.69 किलोमीटर दूरी में मेन कैनाल में लाइनिंग कार्य किया जाना है। पिछले वर्ष से सभी डिवीजनों में पार्ट-बाई- पार्ट 11 पैकेज में संरचनाओं का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय ने वाप्कोस को अधिकृत किया है। गौरतलब है कि लाइनिंग कार्य के दौरान पहले का पुराना टाइल्स को हटा कर गाद साफ की जानी है। इसके बाद मोरम व उत्तम क्वालिटी की मिट्टी मिलाकर सीएनएस वर्क किया जाना है। रौलर से लेबलिंग व कंप्रेशर मशीन से कंपेक्शन करने के बाद एलडीसीटी बिछाकर कंक्रीट से ढलाई कराई जा रही है। इस दौरान जल प्रवाह के बाधा समाप्त करने के लिए संकीर्ण पुलिया को हटाकर आधुनिक डिजाइन के पुल बनाया जाना है। रिमाडलिंग कार्यों के मानिटरिंग व प्रयुक्त मेटेरियल्स के क्वांटिटी व क्वालिटी को विजिट करने के लिए टेक्निकल एवाल्यूशन कमेटी के साथ-साथ केंद्रीय जल आयोग की टीम गठित की है। चीफ इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह से संपर्क करने पर बताया कि बिहार पोरसन अलग-अलग 9पैकेज में लाईनिंग कार्य चल रहा है।5 व छह पैकेज छोड़कर सभी पैकेज में कार्य जारी है।इन दो पैकेज में भी आज से कल तक काम शुरू होने वाला है।