जयपुर से आई जांच टीम ने 7 घंटे खंगाले रिकॉर्ड:बोलोरो ड्राइवर पर कार्रवाई की तैयारी, रोडवेज डिपो पहुंची टीम

राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में बुधवार को जयपुर मुख्यालय से आई जांच टीम ने सात घंटे तक रिकॉर्ड खंगाले। जांच का केंद्र रहा डिपो की बोलेरो गाड़ी और उसके ड्राइवर योगेश ढूकिया, जो बीते साढ़े पांच महीने से लगातार उसी वाहन पर ड्यूटी कर रहा है। कर्मचारियों ने इसी को लेकर मुख्यालय तक शिकायत भेजी थी कि बोलेरो के ड्राइवर का न तो परिवर्तन किया गया और न ही किसी तरह का रोटेशन लागू हुआ। सुबह से शाम तक चली जांच प्रक्रिया जानकारी के अनुसार जयपुर मुख्यालय से संस्थापन अधिकारी विजय शर्मा और अतिरिक्त सहायक प्रशासनिक अधिकारी कैलाश झुंझुनूं पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने सुबह करीब 11 बजे डिपो पहुंचकर बोलेरो वाहन की ड्यूटी बुक, हाजिरी रजिस्टर, गाड़ी की लॉग बुक, वाहन उपयोग के आदेश और पिछले साढ़े पांच महीने के ड्यूटी चार्ट की बारीकी से जांच शुरू की। टीम शाम छह बजे तक डिपो परिसर में मौजूद रही और जांच के बाद दस्तावेज अपने साथ लेकर जयपुर रवाना हुई। कर्मचारियों ने उठाए थे सवाल डिपो के कर्मचारियों ने पिछले महीने जयपुर मुख्यालय और डिपो प्रबंधन को शिकायत दी थी कि बोलेरो वाहन पर एक ही ड्राइवर को महीनों तक लगातार बनाए रखना नियमों के खिलाफ है। नियमों के अनुसार सरकारी वाहनों पर ड्राइवरों का समय-समय पर रोटेशन किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि वाहन का उपयोग विभागीय कार्यों के अलावा निजी कामों में भी हो रहा है। चीफ मैनेजर बोले– मुझे जानकारी नहीं, जयपुर आया हुआ हूं जब इस संबंध में झुंझुनूं रोडवेज डिपो के चीफ मैनेजर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, “मुझे मामले की जानकारी नहीं है। मैं डिपो के कार्य से जयपुर आया हुआ हूं। जांच टीम के आने की सूचना मुझे बाद में मिली।” हालांकि कर्मचारियों ने बताया कि शिकायत के बाद से ही डिपो में आंतरिक असंतोष बना हुआ था और कई बार प्रबंधन को मौखिक तौर पर भी कहा गया था कि ड्राइवर परिवर्तन किया जाए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यालय ले गई साढ़े पांच महीने का रिकॉर्ड टीम ने बोलेरो वाहन का अप्रैल से अक्टूबर तक का ड्यूटी चार्ट और उपस्थिति रजिस्टर अपने साथ लिया है। इसमें यह देखने की तैयारी है कि वाहन का उपयोग किन-किन अधिकारियों के आदेश पर हुआ, कितनी बार यात्रा विवरण दर्ज नहीं किया गया और किन तारीखों में ड्यूटी चार्ट पर हस्ताक्षर अधूरे या संदिग्ध हैं। सूत्रों के अनुसार, टीम रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। आंतरिक रिपोर्ट के बाद तय होगी जवाबदेही रोडवेज सूत्रों का कहना है कि इस जांच के बाद न केवल ड्राइवर बल्कि रिकॉर्ड संधारण के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है। जयपुर मुख्यालय इस बात पर भी गौर करेगा कि शिकायत के बावजूद डिपो स्तर पर सुधारात्मक कदम क्यों नहीं उठाए गए।

Nov 12, 2025 - 19:27
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जयपुर से आई जांच टीम ने 7 घंटे खंगाले रिकॉर्ड:बोलोरो ड्राइवर पर कार्रवाई की तैयारी, रोडवेज डिपो पहुंची टीम
राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में बुधवार को जयपुर मुख्यालय से आई जांच टीम ने सात घंटे तक रिकॉर्ड खंगाले। जांच का केंद्र रहा डिपो की बोलेरो गाड़ी और उसके ड्राइवर योगेश ढूकिया, जो बीते साढ़े पांच महीने से लगातार उसी वाहन पर ड्यूटी कर रहा है। कर्मचारियों ने इसी को लेकर मुख्यालय तक शिकायत भेजी थी कि बोलेरो के ड्राइवर का न तो परिवर्तन किया गया और न ही किसी तरह का रोटेशन लागू हुआ। सुबह से शाम तक चली जांच प्रक्रिया जानकारी के अनुसार जयपुर मुख्यालय से संस्थापन अधिकारी विजय शर्मा और अतिरिक्त सहायक प्रशासनिक अधिकारी कैलाश झुंझुनूं पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने सुबह करीब 11 बजे डिपो पहुंचकर बोलेरो वाहन की ड्यूटी बुक, हाजिरी रजिस्टर, गाड़ी की लॉग बुक, वाहन उपयोग के आदेश और पिछले साढ़े पांच महीने के ड्यूटी चार्ट की बारीकी से जांच शुरू की। टीम शाम छह बजे तक डिपो परिसर में मौजूद रही और जांच के बाद दस्तावेज अपने साथ लेकर जयपुर रवाना हुई। कर्मचारियों ने उठाए थे सवाल डिपो के कर्मचारियों ने पिछले महीने जयपुर मुख्यालय और डिपो प्रबंधन को शिकायत दी थी कि बोलेरो वाहन पर एक ही ड्राइवर को महीनों तक लगातार बनाए रखना नियमों के खिलाफ है। नियमों के अनुसार सरकारी वाहनों पर ड्राइवरों का समय-समय पर रोटेशन किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि वाहन का उपयोग विभागीय कार्यों के अलावा निजी कामों में भी हो रहा है। चीफ मैनेजर बोले– मुझे जानकारी नहीं, जयपुर आया हुआ हूं जब इस संबंध में झुंझुनूं रोडवेज डिपो के चीफ मैनेजर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, “मुझे मामले की जानकारी नहीं है। मैं डिपो के कार्य से जयपुर आया हुआ हूं। जांच टीम के आने की सूचना मुझे बाद में मिली।” हालांकि कर्मचारियों ने बताया कि शिकायत के बाद से ही डिपो में आंतरिक असंतोष बना हुआ था और कई बार प्रबंधन को मौखिक तौर पर भी कहा गया था कि ड्राइवर परिवर्तन किया जाए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यालय ले गई साढ़े पांच महीने का रिकॉर्ड टीम ने बोलेरो वाहन का अप्रैल से अक्टूबर तक का ड्यूटी चार्ट और उपस्थिति रजिस्टर अपने साथ लिया है। इसमें यह देखने की तैयारी है कि वाहन का उपयोग किन-किन अधिकारियों के आदेश पर हुआ, कितनी बार यात्रा विवरण दर्ज नहीं किया गया और किन तारीखों में ड्यूटी चार्ट पर हस्ताक्षर अधूरे या संदिग्ध हैं। सूत्रों के अनुसार, टीम रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। आंतरिक रिपोर्ट के बाद तय होगी जवाबदेही रोडवेज सूत्रों का कहना है कि इस जांच के बाद न केवल ड्राइवर बल्कि रिकॉर्ड संधारण के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है। जयपुर मुख्यालय इस बात पर भी गौर करेगा कि शिकायत के बावजूद डिपो स्तर पर सुधारात्मक कदम क्यों नहीं उठाए गए।