OpenAI के CEO ने दी चेतावनी, कहा- 2030 तक खत्म हो जाएगी 40 प्रतिशत नौकरियां

दुनिया तेजी से डिजिटल हो रही है और एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर जगह इस्तेमाल हो रहा है। चाहे चैटबॉट्स हों ऑटोमैटिक ईमेल रिप्लाई हो या फिर फोटो-वीडियो एडिटिंग, अब मशीनें इंसानों जैसा काम करने लगी हैं। इसी बीच, ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि आने वाले कुछ सालों में लगभग 40 प्रतिशत काम एआई कर लेगा, जो अभी इंसान करते हैं। इसका मतलब ये है कि सारी नौकरियां खत्म हो जाएंगी लेकिन बहुत सी नौकरियां बदल जाएंगी। Altman ने कहा कि जिन कामों में बार-बार एक ही चीज करनी पड़ती है या सिर्फ डेटा चेक करना होता है, उन्हें एआई आसानी से संभाल लेगा। लेकिन जिन कामों में इंसानियत, सोचने-समझने की क्षमता और लोगों से जुड़ाव जरूरी है, वहां अभी भी इंसान ही सबसे जरूरी रहेंगे। तो सवाल ये है कि अगर एआई हमारी कई नौकरियां ले लेगा, तो हमें क्या करना चाहिए?AI किन नौकरियों को बदल सकता है?कस्टमर सपोर्ट और कॉल सेंटर जॉब्सएआई चैटबॉट और वॉइस असिस्टेंट अब इतनी एडवांस हो गई हैं कि वे ग्राहक के सवालों का तुरंत जवाब दे सकती हैं। कई कंपनियां पहले से ही व्हॉट्सेप चैटबॉट और वेबसाइट चैट में एआई का इस्तेमाल कर रही हैं। इसका असर ये होगा कि बेसिक लेवल कस्टमर सपोर्ट की नौकरियां कम हो सकती हैं। लेकिन जटिल और भावनात्मक मामलों में इंसान की जरूरत बनी रहेगी। डेटा एंट्री और अकाउंटिंगडेटा एंट्री में सिर्फ जानकारी को सिस्टम में डालना होता है। और एआई इसे ऑटोमेटिक तरीके से कर सकता है। अकाउंटिंग और बुक-कीपिंग के लिए भी अब कई सॉफ्टवेयर आ गए हैं जो इंसान से ज्यादा तेज और सटीक काम करते हैं। इससे लो-लेवल डेटा एंट्री ऑपरेटर और बेसिक अकाउंटिंग जॉब्स खतरे में हैं। बेसिक प्रोग्रामिंग और टेस्टिंगएआई टूल्स अब खुद से कोड लिखने और एरर ठीक करने लगे हैं। GitHub Copilot और चैटजीपीटी जैसे टूल्स डेवलपर्स की मदद कर रहे हैं इसका मतलब है कि जूनियर प्रोग्रामिंग जॉब्स धीरे-धीरे कम हो सकती हैं। लेकिन एडवांस प्रोजेक्ट्स और जटिल प्रोग्रामिंग के लिए इंसानों की मांग बन रहेगी। कंटेंट राइटिंग और रिपोर्ट जनरेशनवहीं एआई अब आर्टिकल, रिपोर्ट, ईमेल और सोशल मीडिया पोस्ट आसानी से बना सकता है। कई मीडिया कंपनियां एआई से न्यूज ड्रॉफ्ट लिखवा रही हैं। बेसिट कंटेंट क्रिएटर और कॉपी पेस्ट वाले काम एआई ले सकता है। लेकिन डीप रिसर्च, क्रिएटिव और भावनात्मक लेखन इंसानों के लिए ही रहेगा।    

Sep 29, 2025 - 21:15
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OpenAI के CEO ने दी चेतावनी, कहा- 2030 तक खत्म हो जाएगी 40 प्रतिशत नौकरियां

दुनिया तेजी से डिजिटल हो रही है और एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर जगह इस्तेमाल हो रहा है। चाहे चैटबॉट्स हों ऑटोमैटिक ईमेल रिप्लाई हो या फिर फोटो-वीडियो एडिटिंग, अब मशीनें इंसानों जैसा काम करने लगी हैं। इसी बीच, ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि आने वाले कुछ सालों में लगभग 40 प्रतिशत काम एआई कर लेगा, जो अभी इंसान करते हैं। इसका मतलब ये है कि सारी नौकरियां खत्म हो जाएंगी लेकिन बहुत सी नौकरियां बदल जाएंगी। 

Altman ने कहा कि जिन कामों में बार-बार एक ही चीज करनी पड़ती है या सिर्फ डेटा चेक करना होता है, उन्हें एआई आसानी से संभाल लेगा। लेकिन जिन कामों में इंसानियत, सोचने-समझने की क्षमता और लोगों से जुड़ाव जरूरी है, वहां अभी भी इंसान ही सबसे जरूरी रहेंगे। तो सवाल ये है कि अगर एआई हमारी कई नौकरियां ले लेगा, तो हमें क्या करना चाहिए?

AI किन नौकरियों को बदल सकता है?

कस्टमर सपोर्ट और कॉल सेंटर जॉब्स

एआई चैटबॉट और वॉइस असिस्टेंट अब इतनी एडवांस हो गई हैं कि वे ग्राहक के सवालों का तुरंत जवाब दे सकती हैं। कई कंपनियां पहले से ही व्हॉट्सेप चैटबॉट और वेबसाइट चैट में एआई का इस्तेमाल कर रही हैं। इसका असर ये होगा कि बेसिक लेवल कस्टमर सपोर्ट की नौकरियां कम हो सकती हैं। लेकिन जटिल और भावनात्मक मामलों में इंसान की जरूरत बनी रहेगी। 

डेटा एंट्री और अकाउंटिंग

डेटा एंट्री में सिर्फ जानकारी को सिस्टम में डालना होता है। और एआई इसे ऑटोमेटिक तरीके से कर सकता है। अकाउंटिंग और बुक-कीपिंग के लिए भी अब कई सॉफ्टवेयर आ गए हैं जो इंसान से ज्यादा तेज और सटीक काम करते हैं। इससे लो-लेवल डेटा एंट्री ऑपरेटर और बेसिक अकाउंटिंग जॉब्स खतरे में हैं। 

बेसिक प्रोग्रामिंग और टेस्टिंग

एआई टूल्स अब खुद से कोड लिखने और एरर ठीक करने लगे हैं। GitHub Copilot और चैटजीपीटी जैसे टूल्स डेवलपर्स की मदद कर रहे हैं इसका मतलब है कि जूनियर प्रोग्रामिंग जॉब्स धीरे-धीरे कम हो सकती हैं। लेकिन एडवांस प्रोजेक्ट्स और जटिल प्रोग्रामिंग के लिए इंसानों की मांग बन रहेगी। 

कंटेंट राइटिंग और रिपोर्ट जनरेशन

वहीं एआई अब आर्टिकल, रिपोर्ट, ईमेल और सोशल मीडिया पोस्ट आसानी से बना सकता है। कई मीडिया कंपनियां एआई से न्यूज ड्रॉफ्ट लिखवा रही हैं। बेसिट कंटेंट क्रिएटर और कॉपी पेस्ट वाले काम एआई ले सकता है। लेकिन डीप रिसर्च, क्रिएटिव और भावनात्मक लेखन इंसानों के लिए ही रहेगा।