MI6 के निवर्तमान प्रमुख ने रूस, चीन, ईरान और इस्लामिक आतंकवाद को बताया खतरा
Richard Moore MI6: विदेश में जासूसी करने वाली ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के निवर्तमान प्रमुख ने रूस, चीन, ईरान और इस्लामी आतंकवाद को पश्चिमी देशों के समक्ष प्रमुख खतरे के रूप में रेखांकित किया। रिचर्ड मूर, पांच वर्षों के बाद इस माह के अंत में एमआई6 ...

Richard Moore MI6: विदेश में जासूसी करने वाली ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के निवर्तमान प्रमुख ने रूस, चीन, ईरान और इस्लामी आतंकवाद को पश्चिमी देशों के समक्ष प्रमुख खतरे के रूप में रेखांकित किया। रिचर्ड मूर, पांच वर्षों के बाद इस माह के अंत में एमआई6 (MI6) के प्रमुख पद से विदा हो रहे हैं।
उन्होंने इस्तांबुल में अपने संबोधन का बड़ा हिस्सा यूक्रेन में युद्ध पर केंद्रित किया, लेकिन साथ ही उन्होंने एजेंसी की अन्य प्राथमिकताओं के रूप में चीन, ईरान और आतंकवाद की रोकथाम को भी रेखांकित किया। चीन पर मूर ने कहा कि ब्रिटेन एक ‘सम्मानजनक और रचनात्मक संबंध’ चाहता है, लेकिन बीजिंग को हस्तक्षेप न करने के स्थापित नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने चीन को ‘अवसर और खतरे के द्वंद्व’ में फंसा हुआ बताया।
ब्रिटेन सरकार ने पहले भी चीनी जासूसों पर राजनीति, रक्षा और व्यापार जगत में ब्रिटिश अधिकारियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। रूस के युद्ध को समर्थन देने के लिए ईरान, उत्तर कोरिया और चीन की आलोचना करते हुए मूर ने कहा कि चीनी कूटनीतिक समर्थन के साथ-साथ ‘दोहरे उपयोग’ वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रसायनों के प्रावधान ने (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन को इस निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक दिया है कि शांति ही सर्वोत्तम विकल्प है।
ईरान पर मूर ने कहा कि इस बीच, परमाणु-मुक्त ईरान प्राथमिकता बना हुआ है। उन्होंने तेहरान को ‘आंखें मूंदकर ऐसी रणनीति अपनाने के प्रति आगाह किया, जो उनके पड़ोस को अस्थिर करे और उन्हें दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ विवाद में डाल दे।’
पश्चिमी देशों और इजराइल ने लंबे समय से ईरान पर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, हालांकि ईरान इस दावे से इनकार करता रहा है। जून में ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान तनाव बढ़ गया था, जब इजराइल ने ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले किए थे।
इस्लामिक स्टेट समूह और अलकायदा का जिक्र करते हुए, मूर ने कहा कि उन्हें काफी नुकसान पहुंचा है, लेकिन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ‘अपनी हिंसक विचारधाराओं को ऑनलाइन माध्यम से फैलाने’ के लिए खुद को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala