भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा। यह रात्रि 21:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक प्रभावी रहेगा और भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व होगा। इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे। इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है। इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी।
उपच्छाया प्रवेश रात्रि 08:57,
ग्रहण प्रारम्भ (स्पर्श) :- रात्रि 09:57,
पूर्णता प्रारम्भ : मध्यरात्रि 11:00,
ग्रहण मध्य: मध्यरात्रि 11:41,
पूर्णता समाप्त मध्यरात्रि 12:23,
ग्रहण समाप्त (मोक्ष):-मध्यरात्रि 01:27,
उपच्छाया अन्त: मध्यरात्रि 02:27,
ग्रहण की अवधि:- 03 घंटे 30 मिनट,
पूर्णता की अवधि:- 01 घंटे 23 मिनट
भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से भारत सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत के सभी हिस्सों से दिखाई देगा। पूरे देश में ग्रहण की शुरुआत से लेकर अंत तक उपच्छाया सहित ग्रहण के सभी चरण दिखेंगे।
सूतक काल
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले हमेशा सूतक काल लगाता है। ऐसे में 7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण रात 9:57 मिनट से शुरू होगा। इसलिए इससे 9 घंटे पहले से सूतक काल लग जाएगा। इसका सूतक दोपहर 12:57 पर प्रारम्भ हो जायेगा।
ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस बार चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12.56 बजे से शुरू होगा और ग्रहण खत्म होने के साथ ही खत्म होगा। सूतक के समय में भगवान की पूजा नहीं की जाती है, इसलिए मंदिरों के पट बंद रहते हैं। ग्रहण के सूतक के समय में मंत्रों का मानसिक जप करना चाहिए। मानसिक जप यानी मन ही मन मंत्रों का जप करें। मंत्र बोलना नहीं है। इस समय में दान-पुण्य करना चाहिए। गायों को हरी घास खिलाएं। चंद्र ग्रहण के बाद मंदिरों में सफाई होती है और फिर मंदिर के पट भक्तों के लिए खोले जाते हैं।
न करें ये काम
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहण लगने पर मंदिरों में मूर्तियों को स्पर्श करने से बचें। कैंची, सुई-धागे और धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें। यात्रा करने से बचें। ग्रहण को देखने की भूल न करें। महिलाएं ग्रहण के दौरान श्रृंगार न करें। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद ही ताजा बना हुआ भोजन करें।
ग्रहण योग का पड़ेगा व्यापक प्रभाव
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विश्व के नजरिए से देखा जाए तो इस दौरान ग्रहों के प्रभाव से दो राष्ट्रों के मध्य तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। राष्ट्र अध्यक्षों के मध्य वाक् युद्ध की स्थिति बन सकती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के दृष्टिकोण से बड़ी नकारात्मक सूचना प्राप्त हो सकती है। लेकिन पद प्रतिष्ठा के लिए यह समय महिलाओं के लिए ठीक है। बौद्धिकता , नए अन्वेषण, व्यापारिक दृष्टिकोण से यह अवधि शुभ फल प्रदायक साबित होगा । ग्रहण से तीन महीने तक की अवधि में आम जनमानस के स्वास्थ्य में अवरोध, सुख में कमी ,नए रोगों का उत्पन्न होना , नए रोगों के आने से या होने से सुख में कमी होना ,आपसी मतभेद मनमुटाव, राजनीतिक दलों में कटुता का भाव। बड़े वाहन की दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारतीय रुपए का ह्रास हो सकता है। व्यापारिक दृष्टिकोण से यह समय ठीक रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से समय ठीक रहेगा एवं बौद्धिक दृष्टिकोण से भी यह समय उपयुक्त रहेगा।
शुभ-अशुभ प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। दुर्घटनाएं आगजनी आतंक और तनाव होने की संभावना। आंदोलन धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी। बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना।
करें पूजा-पाठ और दान
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास बता रहे हैं चंद्र ग्रहण का राशि अनुसार प्रभाव।
मेष: सुखद लाभ देखने को मिलेगा।
वृषभ: सुखप्रद रहेगा।
मिथुन: कष्टप्रद रहेगा।
कर्क: पीड़ादायक रहेगा।
सिंह: मानसिक चिंता रहेगी।
कन्या: विकासप्रद सुखद रहेगा।
तुला: प्रवास चिंतन, चिंता कारक रहेगा।
वृश्चिक: चिंता, कष्टप्रद रहेगा।
धनु: धनलाभ रहेगा।
मकर: अपव्यय धन हानि की संभावना है।
कुंभ: हानिकारक की संभावना है।
मीन: आर्थिक नुकसान होने के योग है।
- डा. अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक