बड़ी कंपनियों में ले-ऑफ की खबरें लोगों को डरा रहा हैं। लोगों का मानना है कि AI रोजगार के लिए खतरा साबित हो रहा है। हालांकि इस बात में सच्चाई है कि AI के कारण कुछ नौकरियों पर असर पड़ा है। लेकिन AI की वजह से ही उससे भी ज्यादा लोगों के लिए मौके भी बने हैं। ह्यूमन टच, क्रिएटिव और स्ट्रैटजिक वाले रोल्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है। एक्सपर्ट की मानें, तो अगर आप खुद को अपस्किल करें और थोड़ा सा कॉन्फिडेंस लाएं व AI को अपना दोस्त बनाते हैं, तो यह तय है कि मार्केट में आपकी डिमांड कभी खत्म नहीं होगी।
AI का किन 9 सेक्टर्स अधिक असर
कस्टमर सर्विस
पिछले साल एक स्डटी में कहा गया कि AI से 60% कॉल सेंटर जॉब्स प्रभावित हो सकती हैं।
मार्केटिंग
हालांकि बेसिक डिजिटल मार्केटिंग रोल्स खतरे में हैं, लेकिन क्रिएटिव कैंपेन स्ट्रैटेजी ह्यूमन्स सरक्षित हैं।
हेल्थकेयर
डायग्नोस्टिक्स और रिकॉर्ड-कीपिंग को AI टूल्स ऑटोमेट कर रहे हैं।
एजुकेशन
ट्यूटर्स और ऑटोमेटेड ग्रेडिंग सिस्टम्स बेसिक टीचिंग असिस्टेंट रोल्स AI कम करने का काम कर रहा है।
लीगल
कॉन्ट्रैक्ट एनालिसिस और बेसिक रिसर्च को AI ऑटोमेट कर रहा है। वहीं इसका असर पैरालीगल और जूनियर लॉयर्स पर भी है।
जर्नलिज्म
AI का असर जूनियर जर्नलिस्ट्स और कॉपी एडिटर्स पर ज्यादा है। AI कंटेंट मॉडरेशन, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और बेसिक फैक्ट-चेकिंग कर रहे हैं।
मैनेजमेंट
मिड-लेवल और ऑपरेशनल रोल्स को भी AI प्रभावित कर रहा है। इंटरव्यू शेड्यूलिंग, रिज्यूमे स्क्रीनिंग और परफॉर्मेंस ट्रैकिंग आदि काम AI कर रहा है।
फाइनेंस
कई जगह अब AI टूल्स बेसिक अकाउंटिंग और बजट एनालिसिस को हैंडल कर रहे हैं।
सॉफ्टवेयर
कोडिंग में 40% तक जूनियर रोल्स की मांग घटी हैं। क्योंकि AI से डेटा क्लीनिंग और बेसिक एनालिटिक्स भी हो रहा है।
खुद को ऐसे करें अपस्किल
बता दें कि AI रिपीटिटिव काम करता है, लेकिन इमोशनल इंटेलिजेंस, क्रिएटिव सॉल्यूशन्स और ह्यूमन टच AI की पहुंच से बहुत दूर है।
ह्यूमन कनेक्शन अभी भी बहुत जरूरी है। इसलिए अपने फील्ड के लोगों से जुड़े रहें, इंडस्ट्री ट्रेंड्स पर नजर रखें और मेंटर्स ढूंढें।
अगर आप जर्नलिस्ट हैं, तो आपको डेटा जर्नलिज्म, इमोशनल स्टोरीटेलिंग, AI-बेस्ड रिसर्च टूल्स या मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सीखना चाहिए।
लीडरशिप, स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट और ह्यूमन इंटरेक्शन्स आदि AI के बस की बात नहीं है।
अगर आप मैनेजर हैं, तो आपको डेटा-ड्रिवन डिसीजन मेकिंग और AI टूल्स का इस्तेमाल करना सीखना चाहिए। इसलिए आप अपनी इमोशनल इंटेलिजेंस और कम्युनिकेशन को अधिक शार्प करें।
सॉफ्टवेयर सेक्टर में सिस्टम आर्किटेक्ट्स, सीनियर डिवेलपर्स और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट्स जैसे रोल्स अभी भी सुरक्षित हैं।
क्रिएटिविटी, कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम-सॉल्विंग और स्ट्रैटेजिक थिंकिंग जैसे काम AI अभी भी नहीं कर सकता है।
साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड या AI डिवलपमेंट सीखकर आप मार्केट में बने रह सकते हैं।
रोजाना के दोहराव वाले काम AI से कराएं और बचे हुए समय में अपनी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी को बढ़ाएं। AI सारे काम कर सकता है, लेकिन वह लीडरशिप, क्रिएटिव सोच, टीमवर्क और इंसानों जैसी समझ नहीं ला सकता है। इसलिए खुद को इसमे अपस्किल रखें। समय के साथ ही छोटे-छोटे कोर्स करते रहें और AI टूल्स को रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल करना चाहिए। रूटीन की जगह क्रिएटिव और स्पेशल प्रोजेक्ट पर फोकस रखें। आप जिस भी सेक्टर में हैं, उस सेक्टर के प्रमुख AI टूल्स पर प्रैक्टिस करते रहें।
स्पेशलिस्ट और AI बनाएगा परफेक्ट
बड़ी कंपनियों में सीनियर पोजिशन से भी लोगों को निकाला गया, इसका कारण सिर्फ AI नहीं हो सकता है। जो लोग 8-10 घंटे में कोई काम करते हैं, वह AI कुछ मिनटों में कर सकता है। लेकिन AI स्पेशलिस्ट नहीं बन सकता है। यह एक ऐसी स्किल है, जो हमको AI से आगे रख सकती है।
खुद को किसी भी एक चीज में स्पेशलिस्ट बनाएं। इसके साथ ही AI टूल्स से भी फ्रेंडली रहेंगे तो मार्केट में आपकी डिमांड बनी रहेगी। अपने सेक्टर में नेटवर्किंग अच्छी रखें, खुद की ब्रैंडिंग के लिए क्रिएटिव रहें और हमेशा कुछ न कुछ नया पढ़ते व सीखते रहें। इसके अलावा रेगुलेटर्स और पॉलिसी मेकर्स को यह जरूर सीखना होगा कि पुरानी चीजों को सिखाने की बजाय अब नई चीजों को सिखाने पर जोर देना चाहिए।
अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाएं
AI टूल्स कैसे जवाब देते हैं और कैसे सोचते हैं। इससे वाकिफ रहना जरूरी है। अगर आप AI को अपना दुश्मन नहीं बल्कि मेंटर मानें, तो आपका काम आसान रहे। इससे क्वालिटी चेक, प्रोजेक्ट प्लानिंग, बेसिक कंटेंट राइटिंग या डेटा एनालिसिस जैसे काम AI से कराएं। इससे न सिर्फ आपके समय की बचत होगी, बल्कि उस दौरान खुद को अपस्किल करने में लगाएं। अगर आपके पास किसी इंस्टिट्यूट में जाने का समय नहीं है, तो आप AI के एक्सपर्ट हो या स्पेशल प्रोजेक्ट के जानकार से चीजें ऑनलाइन सीखें। साथ ही उनसे बातचीत का दायरा बढ़ाएं और क्रिएटिविटी पर फोकस रखें। मार्केट में अपनी नेटवर्किंग बनाएं और अपनी स्पेशिलिटी की ब्रैंडिंग करें।