बाढ़ग्रस्त इलाकों में हजारों एकड़ फसल डूबकर बर्बाद; किसान परेशान:गनौरा पंचायत के मुखिया ने डीएम से मांगी मदद, कहा-क्षति का आकलन कर दें मुआवजा

सुपौल में बाढ़ से हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं। कोसी नदी और उसकी सहायक धाराओं में जलस्तर बढ़ने से धान, मक्का और सब्जियों की फसलें जलमग्न हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गनौरा पंचायत के मुखिया ने जिला प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। बता दें कि पिछले 2-3 दिनों से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके कारण फसलें सड़ने लगी हैं। मरौना प्रखंड की गनौरा पंचायत में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां लगभग 90 प्रतिशत खेतों में पानी भर गया है। धान की बालियां पूरी तरह डूब चुकी हैं, जिससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की गनौरा पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार ने किसानों की समस्याओं को लेकर जिला पदाधिकारी सावन कुमार को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में किसान हित में त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। मुखिया ने बताया कि पिछले 3-4 दिनों से पानी नहीं उतर रहा है, जिससे किसानों की मेहनत और पूंजी दोनों डूब गई है। मुखिया जितेंद्र कुमार ने फसल क्षति का आकलन कर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पंचायत के कई गांवों में न तो पानी निकासी की उचित व्यवस्था है और न ही राहत कार्यों की कोई ठोस पहल दिख रही है। मुखिया ने प्रशासन से शीघ्र सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की अपील की है, ताकि वे दोबारा खेती शुरू कर सकें। किसानों ने भी प्रशासन से फसल क्षति का मुआवजा, खाद-बीज सहायता और सिंचाई सुविधा बहाल करने की मांग की है। जिले के अन्य प्रखंडों में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है और किसान प्रशासन की पहल का इंतजार कर रहे हैं।

Oct 8, 2025 - 17:04
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बाढ़ग्रस्त इलाकों में हजारों एकड़ फसल डूबकर बर्बाद; किसान परेशान:गनौरा पंचायत के मुखिया ने डीएम से मांगी मदद, कहा-क्षति का आकलन कर दें मुआवजा
सुपौल में बाढ़ से हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं। कोसी नदी और उसकी सहायक धाराओं में जलस्तर बढ़ने से धान, मक्का और सब्जियों की फसलें जलमग्न हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गनौरा पंचायत के मुखिया ने जिला प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। बता दें कि पिछले 2-3 दिनों से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके कारण फसलें सड़ने लगी हैं। मरौना प्रखंड की गनौरा पंचायत में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां लगभग 90 प्रतिशत खेतों में पानी भर गया है। धान की बालियां पूरी तरह डूब चुकी हैं, जिससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की गनौरा पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार ने किसानों की समस्याओं को लेकर जिला पदाधिकारी सावन कुमार को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में किसान हित में त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। मुखिया ने बताया कि पिछले 3-4 दिनों से पानी नहीं उतर रहा है, जिससे किसानों की मेहनत और पूंजी दोनों डूब गई है। मुखिया जितेंद्र कुमार ने फसल क्षति का आकलन कर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पंचायत के कई गांवों में न तो पानी निकासी की उचित व्यवस्था है और न ही राहत कार्यों की कोई ठोस पहल दिख रही है। मुखिया ने प्रशासन से शीघ्र सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की अपील की है, ताकि वे दोबारा खेती शुरू कर सकें। किसानों ने भी प्रशासन से फसल क्षति का मुआवजा, खाद-बीज सहायता और सिंचाई सुविधा बहाल करने की मांग की है। जिले के अन्य प्रखंडों में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है और किसान प्रशासन की पहल का इंतजार कर रहे हैं।