दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक सिस्टम 12 घंटे बाद दुरुस्त:800 फ्लाइट्स लेट, 20 रद्द: दिनभर लोग परेशान होते रहे, 50 मिनट देरी से प्लेन उड़े
दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार को 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ी। इसकी वजह सुबह करीब 9 बजे से एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में तकनीकी खराबी थी, जिसके चलते एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स यानी ATC को फ्लाइट्स का शेड्यूल नहीं मिल पा रहा था। दरअसल, ATC के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में गड़बड़ी आई थी। यह प्लेन के शेड्यूल यानी टेकऑफ और लैंडिंग की जानकारी देता है। अब रात करीब साढ़े 9 बजे एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बताया कि AMSS सिस्टम एक्टिव है और ठीक से काम कर रहा है। टेक्निकल प्रॉब्लम करीब साढ़े 12 घंटे बाद ठीक हुई है। दिनभर लोग एयरपोर्ट पर परेशान होते रहे। बोर्डिंग गेट के पास लंबी कतारें लगी हुई थीं। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार, सभी फ्लाइट में करीब 50 मिनट की देरी हुई। दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने का असर मुंबई, भोपाल, चंड़ीगढ़ समेत देशभर के एयरपोर्ट्स पर भी दिखा। दिल्ली से वहां आने-जाने वाली फ्लाइट भी लेट हुईं। सभी एयरलाइन कंपनियों ने दोपहर में बताया था कि तकनीकी समस्या के कारण उनकी उड़ानों में देरी हो रही है। दिल्ली एयरपोर्ट की 3 तस्वीरें... फ्लाइट ट्रैकिंग पोर्टल पर दिल्ली के आसमान की तस्वीर उड़ानों के रूट को ट्रैक करने वाले पोर्टल 'फ्लाइट अवेयर' ने दिल्ली के आसमान में मंडरा रहे प्लेन्स की लोकेशन को ग्राफिक के जरिए दिखाया है। इसमें कई फ्लाइट्स को एक ही जगह चक्कर लगाते देखा जा सकता है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक गुरुवार शाम से ही एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी थी। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के मुताबिक गुरुवार को 513 फ्लाइट्स देरी से रवाना हो सकी थीं। फ्लाइट्स लेट होने का असर, 4 पॉइंट्स में ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम क्या है जानिए AMSS (ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्विस से जुड़ा कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम है। AMSS के जरिए हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज हर दिन पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक रीयल-टाइम भेजे जाते हैं। इन मैसेज में क्या होता है- यह कैसे काम करता है? एयरलाइन या पायलट फ्लाइट-प्लान डालते हैं। AMSS उस डेटा को चेक करके सही जगह (ATC, दूसरे एयरपोर्ट, संबंधित एयरलाइन) तक पहुंचाता है। अगर रूट या मौसम बदलता है, तो सिस्टम तुरंत सभी को अपडेट भेजता है। यह पूरे एयर ट्रैफिक रूट को सिंक रखता है। अगर AMSS काम न करे तो क्या होता है? अगर सिस्टम फेल हो जाए, जैसे दिल्ली में हुआ — हवाई जहाजों की ट्रैफिक पुलिस है ATC, AI इमेज से समझिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) एयरपोर्ट्स पर मौजूद सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम होता है। यह हवाई जहाजों को जमीन पर, हवा में और आसमान के अलग-अलग हिस्सों में निर्देश जारी करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की तरह ही है, लेकिन सिर्फ हवाई जहाजों के लिए। इससे पहल के पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाएं......
दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार को 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ी। इसकी वजह सुबह करीब 9 बजे से एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में तकनीकी खराबी थी, जिसके चलते एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स यानी ATC को फ्लाइट्स का शेड्यूल नहीं मिल पा रहा था। दरअसल, ATC के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में गड़बड़ी आई थी। यह प्लेन के शेड्यूल यानी टेकऑफ और लैंडिंग की जानकारी देता है। अब रात करीब साढ़े 9 बजे एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बताया कि AMSS सिस्टम एक्टिव है और ठीक से काम कर रहा है। टेक्निकल प्रॉब्लम करीब साढ़े 12 घंटे बाद ठीक हुई है। दिनभर लोग एयरपोर्ट पर परेशान होते रहे। बोर्डिंग गेट के पास लंबी कतारें लगी हुई थीं। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार, सभी फ्लाइट में करीब 50 मिनट की देरी हुई। दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने का असर मुंबई, भोपाल, चंड़ीगढ़ समेत देशभर के एयरपोर्ट्स पर भी दिखा। दिल्ली से वहां आने-जाने वाली फ्लाइट भी लेट हुईं। सभी एयरलाइन कंपनियों ने दोपहर में बताया था कि तकनीकी समस्या के कारण उनकी उड़ानों में देरी हो रही है। दिल्ली एयरपोर्ट की 3 तस्वीरें... फ्लाइट ट्रैकिंग पोर्टल पर दिल्ली के आसमान की तस्वीर उड़ानों के रूट को ट्रैक करने वाले पोर्टल 'फ्लाइट अवेयर' ने दिल्ली के आसमान में मंडरा रहे प्लेन्स की लोकेशन को ग्राफिक के जरिए दिखाया है। इसमें कई फ्लाइट्स को एक ही जगह चक्कर लगाते देखा जा सकता है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक गुरुवार शाम से ही एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी थी। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के मुताबिक गुरुवार को 513 फ्लाइट्स देरी से रवाना हो सकी थीं। फ्लाइट्स लेट होने का असर, 4 पॉइंट्स में ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम क्या है जानिए AMSS (ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्विस से जुड़ा कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम है। AMSS के जरिए हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज हर दिन पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक रीयल-टाइम भेजे जाते हैं। इन मैसेज में क्या होता है- यह कैसे काम करता है? एयरलाइन या पायलट फ्लाइट-प्लान डालते हैं। AMSS उस डेटा को चेक करके सही जगह (ATC, दूसरे एयरपोर्ट, संबंधित एयरलाइन) तक पहुंचाता है। अगर रूट या मौसम बदलता है, तो सिस्टम तुरंत सभी को अपडेट भेजता है। यह पूरे एयर ट्रैफिक रूट को सिंक रखता है। अगर AMSS काम न करे तो क्या होता है? अगर सिस्टम फेल हो जाए, जैसे दिल्ली में हुआ — हवाई जहाजों की ट्रैफिक पुलिस है ATC, AI इमेज से समझिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) एयरपोर्ट्स पर मौजूद सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम होता है। यह हवाई जहाजों को जमीन पर, हवा में और आसमान के अलग-अलग हिस्सों में निर्देश जारी करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की तरह ही है, लेकिन सिर्फ हवाई जहाजों के लिए। इससे पहल के पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाएं......