सुप्रीम कोर्ट का आदेश- स्कूल, अस्पताल से आवारा कुत्ते हटाएं:जहां से पकड़ें, नसबंदी के बाद वहीं न छोड़ें; हाईवे से आवारा जानवर भी हटाएं
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में बार-बार डॉग बाइट की घटनाएं सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता दिखाती हैं। कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशु हटाने का आदेश भी दिया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। इस मामले में 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा मांगी गई है। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 महीने पहले यही आदेश दिया राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 महीने पहले सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ FIR के आदेश भी दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होगा। कोर्ट के आदेश की 8 बड़ी बातें याचिका लगाने वालों ने कहा- आदेश बेहद कठोर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था-सरकारी कैंपस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम बनेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को कहा था कि वह सरकारी बिल्डिंग्स के कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम के लिए निर्देश जारी करेगा। कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से भी राहत दी थी। लेकिन चेतावनी दी थी कि हलफनामे में चूक हुई, तो उन्हें पेश होना पड़ेगा। कैसे शुरू हुआ यह मामला
यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था। इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रैबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था। 11 अगस्त:: सुप्रीम कोर्ट बोला- दिल्ली-NCR में कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करें, इसके बीच में आने वालों पर कार्रवाई होगी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR के नगर निकायों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करें और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें। कोर्ट ने कहा, इस काम में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी और अगर कोई व्यक्ति या संगठन इसके बीच में आया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पूरी खबर पढ़ें 14 अगस्त: आवारा कुत्तों पर SC में फैसला सुरक्षित, सरकार बोली- यहां ऐसे मांसाहारी, जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर गुरुवार को सुनवाई की। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि यहां कई ऐसे मांसाहारी लोग हैं, जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले का समाधान हो। दिल्ली-NCR से कुत्तों को इकट्ठा कर ऐसे शेल्टर होम भेजें, जो अभी हैं ही नहीं। पूरी खबर पढ़ें 21 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट बोला-आवारा कुत्तों की नसबंदी-टीकाकरण कर छोड़ें, सार्वजनिक जगहों पर खाना न दें सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापिस छोड़ दिया जाए। हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। पूरी खबर पढ़ें 27 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट बोला-देश की छवि खराब हुई, राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि लगातार कुत्ते काटने की घटनाओं ने देश की छवि को धूमिल किया है। आदेश सभी राज्यों को भेजा गया था। मीडिया में भी रिपोर्ट आई थीं। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। पूरी खबर पढ़ें ---------------------------------------------------- मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राजस्थान में आवारा जानवरों को बचाने वालों पर होगी FIR, हाईकोर्ट का सड़कों से कुत्ते हटाने का आदेश राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कहा था- कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी होगी। राजस्थान में साल 2024 में डॉग बाइट के 3 लाख से ज्यादा केस सामने आए थे। इस साल भी कुत्तों के साथ दूसरे आवारा जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पढ़ें पूरी खबर कुत्तों के हमले से बच्ची की मौत, हर 5 डॉग बाइट विक्टिम में 1 बच्चा; समझें आवारा कुत्तों का बिहेवियर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 6 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्ची को मुंह में दबाकर एक किनारे ले गए और नोच-नोच कर मार डाला। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि आवारा कुत्तों से हमलों के पीछे की वजहें क्या हैं? पूरी खबर पढ़ें...
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में बार-बार डॉग बाइट की घटनाएं सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता दिखाती हैं। कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशु हटाने का आदेश भी दिया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। इस मामले में 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा मांगी गई है। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 महीने पहले यही आदेश दिया राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 महीने पहले सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ FIR के आदेश भी दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होगा। कोर्ट के आदेश की 8 बड़ी बातें याचिका लगाने वालों ने कहा- आदेश बेहद कठोर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था-सरकारी कैंपस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम बनेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को कहा था कि वह सरकारी बिल्डिंग्स के कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम के लिए निर्देश जारी करेगा। कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से भी राहत दी थी। लेकिन चेतावनी दी थी कि हलफनामे में चूक हुई, तो उन्हें पेश होना पड़ेगा। कैसे शुरू हुआ यह मामला
यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था। इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रैबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था। 11 अगस्त:: सुप्रीम कोर्ट बोला- दिल्ली-NCR में कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करें, इसके बीच में आने वालों पर कार्रवाई होगी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR के नगर निकायों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करें और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें। कोर्ट ने कहा, इस काम में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी और अगर कोई व्यक्ति या संगठन इसके बीच में आया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पूरी खबर पढ़ें 14 अगस्त: आवारा कुत्तों पर SC में फैसला सुरक्षित, सरकार बोली- यहां ऐसे मांसाहारी, जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर गुरुवार को सुनवाई की। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि यहां कई ऐसे मांसाहारी लोग हैं, जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले का समाधान हो। दिल्ली-NCR से कुत्तों को इकट्ठा कर ऐसे शेल्टर होम भेजें, जो अभी हैं ही नहीं। पूरी खबर पढ़ें 21 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट बोला-आवारा कुत्तों की नसबंदी-टीकाकरण कर छोड़ें, सार्वजनिक जगहों पर खाना न दें सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापिस छोड़ दिया जाए। हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। पूरी खबर पढ़ें 27 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट बोला-देश की छवि खराब हुई, राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि लगातार कुत्ते काटने की घटनाओं ने देश की छवि को धूमिल किया है। आदेश सभी राज्यों को भेजा गया था। मीडिया में भी रिपोर्ट आई थीं। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। पूरी खबर पढ़ें ---------------------------------------------------- मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राजस्थान में आवारा जानवरों को बचाने वालों पर होगी FIR, हाईकोर्ट का सड़कों से कुत्ते हटाने का आदेश राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कहा था- कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी होगी। राजस्थान में साल 2024 में डॉग बाइट के 3 लाख से ज्यादा केस सामने आए थे। इस साल भी कुत्तों के साथ दूसरे आवारा जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पढ़ें पूरी खबर कुत्तों के हमले से बच्ची की मौत, हर 5 डॉग बाइट विक्टिम में 1 बच्चा; समझें आवारा कुत्तों का बिहेवियर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 6 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्ची को मुंह में दबाकर एक किनारे ले गए और नोच-नोच कर मार डाला। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि आवारा कुत्तों से हमलों के पीछे की वजहें क्या हैं? पूरी खबर पढ़ें...