जिंदल स्टील का बड़ा कदम! 20000 करोड़ के विस्तार में नया BOF चालू, क्षमता बढ़ी
जिंदल स्टील ने ओडिशा के अंगुल में जारी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विस्तार परियोजना के तहत 3एमटीपीए क्षमता की बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) को चालू करने की मंगलवार को घोषणा की। जिंदल स्टील ने बयान में कहा कि नए बीओएफ की स्थापना के साथ संयंत्र की कच्चे इस्पात बनाने की क्षमता 60 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर नौ 90 लाख टन प्रति वर्ष हो गई है। एक बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग करके पिघले हुए लोहे या गर्म धातु को इस्पात में तब्दील करती है। जिंदल स्टील के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा, ‘‘ नया बीओएफ अब चालू हो गया है और पहली ऊष्मा का सफलतापूर्वक दोहन कर लिया गया है।इसे भी पढ़ें: Saraswati Puja 2025: महाअष्टमी पर मां सरस्वती की विशेष कृपा के लिए करें यह पूजन विधि, मिलेगी अपार विद्याएक अलग घटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीसी जिंदल समूह की कंपनियों और उसके प्रवर्तकों ने ‘‘फर्जी लेनदेन’’ के जरिये करीब 505 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे। केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली स्थित बिजली क्षेत्र के प्रमुख कारोबारी समूह, प्रवर्तक श्याम सुंदर जिंदल, उसके निदेशकों और अन्य पदाधिकारियों के कुल 13 परिसरों पर 18-19 सितंबर के दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी। कंपनी या उसके प्रवर्तकों से टिप्पणी के लिए तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।इसे भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि: महाष्टमी पर मां महागौरी को ऐसे करें प्रसन्न, जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र एजेंसी ने एक बयान में दावा किया कि बी सी जिंदल समूह की इकाइयों, खासकर जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड (जेआईटीपीएल), जिंदल इंडिया पावरटेक लिमिटेड और जिंदल पॉली फिल्म्स लिमिटेड द्वारा विदेशी निवेश और अपनी विदेशी संस्थाओं में धन छुपाकर रखने तथा ‘राउंड ट्रिपिंग’ (धनराशि को इधर से उधर भेजने) के लिए फेमा के संदिग्ध उल्लंघन के लिए यह छापेमारी की गई। स समूह का लाभकारी स्वामित्व श्याम सुंदर जिंदल, उनकी पत्नी शुभद्रा जिंदल और पुत्र भावेश जिंदल के पास है। जांच एजेंसी ने कहा कि तीनों पर ईडी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक अन्य विदेशी संस्था गार्नेट एंटरप्राइज डीएमसीसी (जीईडी) की शेयरधारिता हासिल करने के लिए भारत से बाहर अपनी विदेशी संस्था टोपाज एंटरप्राइज डीएमसीसी, दुबई को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ओडीआई) की आड़ में 505.14 करोड़ रुपये भेजे।

जिंदल स्टील ने ओडिशा के अंगुल में जारी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विस्तार परियोजना के तहत 3एमटीपीए क्षमता की बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) को चालू करने की मंगलवार को घोषणा की। जिंदल स्टील ने बयान में कहा कि नए बीओएफ की स्थापना के साथ संयंत्र की कच्चे इस्पात बनाने की क्षमता 60 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर नौ 90 लाख टन प्रति वर्ष हो गई है। एक बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (बीओएफ) गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग करके पिघले हुए लोहे या गर्म धातु को इस्पात में तब्दील करती है। जिंदल स्टील के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा, ‘‘ नया बीओएफ अब चालू हो गया है और पहली ऊष्मा का सफलतापूर्वक दोहन कर लिया गया है।
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एक अलग घटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीसी जिंदल समूह की कंपनियों और उसके प्रवर्तकों ने ‘‘फर्जी लेनदेन’’ के जरिये करीब 505 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेजे। केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली स्थित बिजली क्षेत्र के प्रमुख कारोबारी समूह, प्रवर्तक श्याम सुंदर जिंदल, उसके निदेशकों और अन्य पदाधिकारियों के कुल 13 परिसरों पर 18-19 सितंबर के दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी। कंपनी या उसके प्रवर्तकों से टिप्पणी के लिए तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।
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एजेंसी ने एक बयान में दावा किया कि बी सी जिंदल समूह की इकाइयों, खासकर जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड (जेआईटीपीएल), जिंदल इंडिया पावरटेक लिमिटेड और जिंदल पॉली फिल्म्स लिमिटेड द्वारा विदेशी निवेश और अपनी विदेशी संस्थाओं में धन छुपाकर रखने तथा ‘राउंड ट्रिपिंग’ (धनराशि को इधर से उधर भेजने) के लिए फेमा के संदिग्ध उल्लंघन के लिए यह छापेमारी की गई।
स समूह का लाभकारी स्वामित्व श्याम सुंदर जिंदल, उनकी पत्नी शुभद्रा जिंदल और पुत्र भावेश जिंदल के पास है। जांच एजेंसी ने कहा कि तीनों पर ईडी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक अन्य विदेशी संस्था गार्नेट एंटरप्राइज डीएमसीसी (जीईडी) की शेयरधारिता हासिल करने के लिए भारत से बाहर अपनी विदेशी संस्था टोपाज एंटरप्राइज डीएमसीसी, दुबई को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ओडीआई) की आड़ में 505.14 करोड़ रुपये भेजे।