महाराष्ट्र सरकार ने कीमत स्थिरता के लिए केंद्र से प्याज निर्यात सब्सिडी दोगुनी करने का आग्रह किया

महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र से प्याज निर्यात पर सब्सिडी दोगुनी करने का आग्रह किया है ताकि बाजार में कीमतों में स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके और राज्य के किसानों को लाभ मिल सके। मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बात बातचीत में मंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में प्याज का उत्पादन 55 लाख टन बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, निर्यात को बढ़ावा देना और अन्य उपाय करना आवश्यक है। केंद्र ने निर्यात सब्सिडी दोगुनी करने के राज्य के अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’ कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे, कृषि मूल्य आयोग के प्रमुख पाशा पटेल, वरिष्ठ विधायक और नेफेड तथा एनसीसीएफ के अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल हुए। महाराष्ट्र प्याज का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है। नासिक जिले के लासलगांव में प्याज की सबसे बड़ी मंडी है। लासलगांव प्याज बाजार की दरें एक मानक के रूप में कार्य करती हैं, जो एशियाई बाजार में प्याज की कीमतों को प्रभावित करती हैं। प्याज को केंद्र से एक निश्चित प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जिसे राज्य ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दोगुना करने की मांग की है, जिससे घरेलू कीमतों को समर्थन मिल सके। रावल ने कहा कि जिला कलेक्टरों के अधीन सतर्कता समितियों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय किया गया है, जो अक्सर कृत्रिम रूप से कीमतों में गिरावट का कारण बनती हैं और किसानों को नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा कि बाजार समितियों को मुनाफे के लिए अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उचित मुनाफा मिले। रावल ने कहा कि दीर्घकालिक उपायों के तहत, राज्य किसान-उत्पादक समूहों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सौर-आधारित प्याज निर्जलीकरण परियोजनाएं शुरू करेगा, जिसका लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए पाउडर और चिप्स बनाने हेतु एक लाख टन प्याज का प्रसंस्करण करना है। मंत्री ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 28 कृषि उपज बाजार समितियों के अध्यक्षों और सचिवों से भी बातचीत की और उन्हें किसानों के हितों की रक्षा करने और स्थानीय स्तर पर गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए।

Sep 18, 2025 - 10:04
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महाराष्ट्र सरकार ने कीमत स्थिरता के लिए केंद्र से प्याज निर्यात सब्सिडी दोगुनी करने का आग्रह किया

महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र से प्याज निर्यात पर सब्सिडी दोगुनी करने का आग्रह किया है ताकि बाजार में कीमतों में स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके और राज्य के किसानों को लाभ मिल सके।

मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बात बातचीत में मंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में प्याज का उत्पादन 55 लाख टन बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, निर्यात को बढ़ावा देना और अन्य उपाय करना आवश्यक है। केंद्र ने निर्यात सब्सिडी दोगुनी करने के राज्य के अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’

कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे, कृषि मूल्य आयोग के प्रमुख पाशा पटेल, वरिष्ठ विधायक और नेफेड तथा एनसीसीएफ के अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल हुए। महाराष्ट्र प्याज का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है। नासिक जिले के लासलगांव में प्याज की सबसे बड़ी मंडी है।

लासलगांव प्याज बाजार की दरें एक मानक के रूप में कार्य करती हैं, जो एशियाई बाजार में प्याज की कीमतों को प्रभावित करती हैं। प्याज को केंद्र से एक निश्चित प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जिसे राज्य ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दोगुना करने की मांग की है, जिससे घरेलू कीमतों को समर्थन मिल सके।

रावल ने कहा कि जिला कलेक्टरों के अधीन सतर्कता समितियों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय किया गया है, जो अक्सर कृत्रिम रूप से कीमतों में गिरावट का कारण बनती हैं और किसानों को नुकसान पहुंचाती हैं।

उन्होंने कहा कि बाजार समितियों को मुनाफे के लिए अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उचित मुनाफा मिले।

रावल ने कहा कि दीर्घकालिक उपायों के तहत, राज्य किसान-उत्पादक समूहों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सौर-आधारित प्याज निर्जलीकरण परियोजनाएं शुरू करेगा, जिसका लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए पाउडर और चिप्स बनाने हेतु एक लाख टन प्याज का प्रसंस्करण करना है।

मंत्री ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 28 कृषि उपज बाजार समितियों के अध्यक्षों और सचिवों से भी बातचीत की और उन्हें किसानों के हितों की रक्षा करने और स्थानीय स्तर पर गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए।