जयपुर में बीच सड़क पर हुआ 12 फीट गहरा गड्ढा:तीन अलग-अलग जगह से धंसी रोड, मेट्रो लाइन के पास हुआ नुकसान
जयपुर जंक्शन और रेलवे स्टेशन मेट्रो के पिलर नंबर 148 के पास सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया। यह जगह नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र में आती है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी निगम का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। सड़क पर अब तक तीन गड्ढे बन चुके हैं। इनमें से एक करीब 10 से 12 फीट गहरा है। इसके बावजूद ट्रैफिक को डायवर्ट करने के बजाय वन-वे किया गया है, जिससे यहां लंबा जाम लग रहा है। स्थानीय निवासी शक्ति ने बताया- दो दिन पहले रात में एक स्कूटी सवार इस गड्ढे में गिर गया था। आस-पास मौजूद लोगों ने समय रहते उसे बाहर निकाल लिया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। उनका कहना है कि सड़क पर लगातार लोड बढ़ रहा है, जिससे नीचे की सीवर लाइन धंस गई है। गड्ढे की शुरुआत यहीं से हुई थी, जो अब बढ़ती जा रही है। यहां पास में ही मेट्रो का पिलर है। ऐसे में इससे मेट्रो लाइन को भी नुकसान हो सकता है। पहले भी धंसी थी सड़क, निगम ने नहीं सीखा सबक स्थानीय निवासी जितेंद्र ने बताया- इसी जगह करीब 7-8 दिन पहले भी सड़क धंसी थी। तब निगम ने थोड़ी मिट्टी डालकर उसे भर दिया था, लेकिन पक्की मरम्मत नहीं की गई। अब वहां फिर से एक बड़ा और दो छोटे (करीब 4-5 फीट के) गड्ढे बन गए हैं। अब निगम की गाड़ी तो आई है। लेकिन कोई बड़ा अधिकारी अभी तक नहीं आया। गड्ढे को टेंपररी तौर पर मिट्टी के कट्टों से ब्लॉक तो किया गया है लेकिन इससे वहां से लोगों का निकलना लगातार जारी है। गड्ढे को क्रॉस करते हुए छोटे बच्चे, महिलाएं निकल रही है। जिससे कभी भी वहां कोई गंभीर हादसा हो सकता है। ट्रैफिक पुलिस की एकतरफा व्यवस्था, सुरक्षा के इंतजाम नहीं ट्रैफिक पुलिस ने एहतियात के तौर पर इस रास्ते को वन-वे कर दिया है, लेकिन गड्ढों को लेकर कोई बैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। गड्ढे के बिल्कुल पास से बाइक और कार निकल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम की लापरवाही के कारण यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। अभी केवल ट्रैफिक पुलिस का एक जवान तैनात है, जो ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा है। लोगों की मांग: तुरंत बंद हो सड़क, की जाए मरम्मत स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि जब तक गड्ढे पूरी तरह भरे नहीं जाते और सीवर लाइन की जांच नहीं होती, तब तक इस रास्ते पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद किया जाए। साथ ही गड्ढों के पास बैरिकेडिंग और साइन बोर्ड लगाए जाएं ताकि राहगीर सतर्क रहें।
जयपुर जंक्शन और रेलवे स्टेशन मेट्रो के पिलर नंबर 148 के पास सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया। यह जगह नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र में आती है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी निगम का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। सड़क पर अब तक तीन गड्ढे बन चुके हैं। इनमें से एक करीब 10 से 12 फीट गहरा है। इसके बावजूद ट्रैफिक को डायवर्ट करने के बजाय वन-वे किया गया है, जिससे यहां लंबा जाम लग रहा है। स्थानीय निवासी शक्ति ने बताया- दो दिन पहले रात में एक स्कूटी सवार इस गड्ढे में गिर गया था। आस-पास मौजूद लोगों ने समय रहते उसे बाहर निकाल लिया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। उनका कहना है कि सड़क पर लगातार लोड बढ़ रहा है, जिससे नीचे की सीवर लाइन धंस गई है। गड्ढे की शुरुआत यहीं से हुई थी, जो अब बढ़ती जा रही है। यहां पास में ही मेट्रो का पिलर है। ऐसे में इससे मेट्रो लाइन को भी नुकसान हो सकता है। पहले भी धंसी थी सड़क, निगम ने नहीं सीखा सबक स्थानीय निवासी जितेंद्र ने बताया- इसी जगह करीब 7-8 दिन पहले भी सड़क धंसी थी। तब निगम ने थोड़ी मिट्टी डालकर उसे भर दिया था, लेकिन पक्की मरम्मत नहीं की गई। अब वहां फिर से एक बड़ा और दो छोटे (करीब 4-5 फीट के) गड्ढे बन गए हैं। अब निगम की गाड़ी तो आई है। लेकिन कोई बड़ा अधिकारी अभी तक नहीं आया। गड्ढे को टेंपररी तौर पर मिट्टी के कट्टों से ब्लॉक तो किया गया है लेकिन इससे वहां से लोगों का निकलना लगातार जारी है। गड्ढे को क्रॉस करते हुए छोटे बच्चे, महिलाएं निकल रही है। जिससे कभी भी वहां कोई गंभीर हादसा हो सकता है। ट्रैफिक पुलिस की एकतरफा व्यवस्था, सुरक्षा के इंतजाम नहीं ट्रैफिक पुलिस ने एहतियात के तौर पर इस रास्ते को वन-वे कर दिया है, लेकिन गड्ढों को लेकर कोई बैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। गड्ढे के बिल्कुल पास से बाइक और कार निकल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम की लापरवाही के कारण यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। अभी केवल ट्रैफिक पुलिस का एक जवान तैनात है, जो ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा है। लोगों की मांग: तुरंत बंद हो सड़क, की जाए मरम्मत स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि जब तक गड्ढे पूरी तरह भरे नहीं जाते और सीवर लाइन की जांच नहीं होती, तब तक इस रास्ते पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद किया जाए। साथ ही गड्ढों के पास बैरिकेडिंग और साइन बोर्ड लगाए जाएं ताकि राहगीर सतर्क रहें।