गोपालगंज में माधोमठ के पास पुलिया क्षतिग्रस्त:बाजार जानें के लिए 5-6 KM घूमना पड़ रहा,बड़े वाहनों का आवागमन बंद,ग्रामीणों का प्रोटेस्ट
गोपालगंज के फुलवरिया प्रखंड स्थित माधोमठ गांव के पास एक पुलिया बारिश के कारण ध्वस्त हो गई है। इससे स्थानीय लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को ग्रामीणों ने पुल की मरम्मत की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कई सालों से मरम्मत को कह रहे यह पुलिया माधोमठ और रतनपुरा बाजार को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर है। इसके क्षतिग्रस्त होने से पूरे इलाके का संपर्क बंद हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पुलिया लंबे समय से जर्जर अवस्था में थी और कई वर्षों से इसकी मरम्मत की मांग की जा रही थी। विभागीय उदासीनता के कारण पुलिया की मरम्मत नहीं कराई गई, जिसके परिणामस्वरूप मार्ग में बड़े गड्ढे हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि, पहले भी पुल के आंशिक रूप से धंसने या किनारे टूटने पर केवल मिट्टी डालकर अस्थायी रूप से जोड़ा जाता रहा, स्थायी समाधान कभी नहीं किया गया। बड़े वाहनों का आवागमन बंद यह मार्ग रतनपुरा, माधोमठ, बथुआ और आसपास के दर्जनभर गांवों के लिए आवागमन का मुख्य साधन था। पुल टूटने के बाद भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। दोपहिया, तिपहिया वाहन चालकों और पैदल राहगीरों को भी गहरे गड्ढों और दलदल से होकर गुजरना पड़ रहा है। रास्ता खराब होने से बाजार को नुकसान ग्रामीणों का कहना है कि, अब उन्हें रतनपुरा या बथुआ बाजार तक पहुंचने के लिए चार से पांच किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है। स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों ने बताया कि, इस मार्ग के बाधित होने से बथुआ बाजार से सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है। रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हुए और पुल की खराब स्थिति को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई और पुल की स्थायी मरम्मत की मांग की।
गोपालगंज के फुलवरिया प्रखंड स्थित माधोमठ गांव के पास एक पुलिया बारिश के कारण ध्वस्त हो गई है। इससे स्थानीय लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को ग्रामीणों ने पुल की मरम्मत की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कई सालों से मरम्मत को कह रहे यह पुलिया माधोमठ और रतनपुरा बाजार को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर है। इसके क्षतिग्रस्त होने से पूरे इलाके का संपर्क बंद हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पुलिया लंबे समय से जर्जर अवस्था में थी और कई वर्षों से इसकी मरम्मत की मांग की जा रही थी। विभागीय उदासीनता के कारण पुलिया की मरम्मत नहीं कराई गई, जिसके परिणामस्वरूप मार्ग में बड़े गड्ढे हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि, पहले भी पुल के आंशिक रूप से धंसने या किनारे टूटने पर केवल मिट्टी डालकर अस्थायी रूप से जोड़ा जाता रहा, स्थायी समाधान कभी नहीं किया गया। बड़े वाहनों का आवागमन बंद यह मार्ग रतनपुरा, माधोमठ, बथुआ और आसपास के दर्जनभर गांवों के लिए आवागमन का मुख्य साधन था। पुल टूटने के बाद भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। दोपहिया, तिपहिया वाहन चालकों और पैदल राहगीरों को भी गहरे गड्ढों और दलदल से होकर गुजरना पड़ रहा है। रास्ता खराब होने से बाजार को नुकसान ग्रामीणों का कहना है कि, अब उन्हें रतनपुरा या बथुआ बाजार तक पहुंचने के लिए चार से पांच किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है। स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों ने बताया कि, इस मार्ग के बाधित होने से बथुआ बाजार से सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है। रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हुए और पुल की खराब स्थिति को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई और पुल की स्थायी मरम्मत की मांग की।