किसान संगठनों ने NFSA से नाम हटाने पर जताई आपत्ति:डिन नंबरधारी कंपनी निदेशकों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट से बाहर करने का विरोध

किसान उत्पाद कंपनियों (एफपीओ) के डिन नंबरधारी (डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर) निदेशकों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) सूची से बाहर करने का किसान संगठनों को विरोध जताया है। संगठनों ने चेताया है कि केवल डिन नंबर को आधार मानकर NFSA से बाहर करके राशन कार्ड निरस्त करने की कार्यवाही की जाती है तो छोटे और सीमान्त किसानों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अनेक किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से बताया- केन्द्र सरकार ने केवल आयकरदाता परिवार और चार पहिया वाहन स्वामित्व रखने वाले परिवार को ही NFSA के लिए अपात्र घोषित करने के लिए कहा है। इन एफपीओ में ज्यादातर निदेशक महिला किसान है। महिला निदेशक पहले से ही सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। यदि राशन कार्ड निरस्त किए जाते हैं तो उनकी भागीदारी और कम होगी, जो महिला नेतृत्व वाले एफपीओ को प्रोत्साहित करने की नीति के विपरीत है। संगठनों ने कहा कि यदि यह प्रक्रिया आगे जारी रही तो कई निदेशक इस्तीफा देने को विवश होंगी और नए लोग इस भूमिका में आने से हिचकेंगे। इससे एफपीओ का विकास प्रभावित होगा और किसानों के संगठनात्मक प्रयास कमजोर होंगे। संगठनों ने बताया- एफपीओ के निदेशक किसानों के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं और अधिकांशतः की भूमिका अवैतनिक (बिना वेतन-भत्ते वाली) होती है। इसलिए इसे आर्थिक सम्पन्नता से जोड़ना ठीक है।

Sep 9, 2025 - 19:55
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किसान संगठनों ने NFSA से नाम हटाने पर जताई आपत्ति:डिन नंबरधारी कंपनी निदेशकों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट से बाहर करने का विरोध
किसान उत्पाद कंपनियों (एफपीओ) के डिन नंबरधारी (डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर) निदेशकों को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) सूची से बाहर करने का किसान संगठनों को विरोध जताया है। संगठनों ने चेताया है कि केवल डिन नंबर को आधार मानकर NFSA से बाहर करके राशन कार्ड निरस्त करने की कार्यवाही की जाती है तो छोटे और सीमान्त किसानों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अनेक किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से बताया- केन्द्र सरकार ने केवल आयकरदाता परिवार और चार पहिया वाहन स्वामित्व रखने वाले परिवार को ही NFSA के लिए अपात्र घोषित करने के लिए कहा है। इन एफपीओ में ज्यादातर निदेशक महिला किसान है। महिला निदेशक पहले से ही सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। यदि राशन कार्ड निरस्त किए जाते हैं तो उनकी भागीदारी और कम होगी, जो महिला नेतृत्व वाले एफपीओ को प्रोत्साहित करने की नीति के विपरीत है। संगठनों ने कहा कि यदि यह प्रक्रिया आगे जारी रही तो कई निदेशक इस्तीफा देने को विवश होंगी और नए लोग इस भूमिका में आने से हिचकेंगे। इससे एफपीओ का विकास प्रभावित होगा और किसानों के संगठनात्मक प्रयास कमजोर होंगे। संगठनों ने बताया- एफपीओ के निदेशक किसानों के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं और अधिकांशतः की भूमिका अवैतनिक (बिना वेतन-भत्ते वाली) होती है। इसलिए इसे आर्थिक सम्पन्नता से जोड़ना ठीक है।