हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी कृपा प्राप्त करने के लिए साधक व्रत और पूजा-अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन श्री विष्णु जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही एकादशी के भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति शिवलिंग पर इन चीजों को अर्पित करता है उसके रुके हुए सारे कार्य पूर्ण होने लगते हैं।
इंदिरा एकादशी का कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का प्रारंभ 16 सितंबर को रात 12 बजकर 23 मिनट पर होगा और 17 तारीख की रात में 11 बजकर 40 मिनट तक एकादशी तिथि रहने वाली है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत उस तिथि पर किया जाता है जिस दिन सुबह से समय एकादशी तिथि रहती है। इसीलिए 17 सितंबर को ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
शिवलिंग पर ये चीजें अर्पित करें
- इंद्रिरा एकादशी के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। जीवन के दुख और संकट को दूर करने के लिए यह दिन सबसे खास है। इस दिन आप सच्चे मन से शिवलिंग पर 21 बेलपत्र चढ़ाएं। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से जीवन में चल रही हैं तमाम बांधाएं दूर हो जाती है। इसके साथ ही भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
- अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो आप इस दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से आपको छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- आप चाहें तो दूध, दही और शहद भी शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। ऐसा करने से महादेव आपकी सारी मानोकामना पूर्ण करेंगे और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी।
इन मंत्रों का जाप करें
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥