हिसार में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत:खेड़ीजालब उप-तहसील में 20 अगस्त तक दस्तावेज जमा करवाने का मौका; 2021 खरीफ का है मामला
हिसार जिले की नारनौंद खेड़ी जालब उपतहसील में खरीफ 2021 के दौरान प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार ने अब तक मुआवजा न पाने वाले पात्र किसानों को एक और अवसर दिया है। उपतहसील के नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि किसानों को 20 अगस्त 2025 तक अपने बैंक खाता नंबर और आधार कार्ड की फोटो प्रति संबंधित पटवारी के पास जमा करवानी होगी। इस तिथि के बाद कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जाएंगे। योजना में 17 गांवों के किसान शामिल इस योजना में कोथ कलां, कोथ खुर्द, कापड़ो, गंडास, खेडी जालब, खेडी लोहचब, हैबतपुर, राखी खास, राखी शाहपुर, गामड़ा, मिर्चपुर, किन्नर, नाड़ा, पनिहारी, सरसाना, सोथा और भाड़ा खेड़ा के बीमित किसान शामिल हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि समय पर दस्तावेज जमा न करने वाले किसानों को मुआवजा पाने में कठिनाई हो सकती है। तहसील प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह मुआवजा वितरण अभियान उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है जो प्राकृतिक आपदाओं से आर्थिक रूप से प्रभावित हुए थे। प्रशासन का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र किसान मुआवजे से वंचित न रहे। लापरवाही से भविष्य में होगा नुकसान उन्होंने किसानों को आगाह किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही से उन्हें भविष्य में आर्थिक नुकसान हो सकता है। यदि किसी किसान ने पहले दस्तावेज दिए हैं और मुआवजा नहीं मिला है तो वे अपने क्षेत्र के पटवारी या तहसील कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
हिसार जिले की नारनौंद खेड़ी जालब उपतहसील में खरीफ 2021 के दौरान प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार ने अब तक मुआवजा न पाने वाले पात्र किसानों को एक और अवसर दिया है। उपतहसील के नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि किसानों को 20 अगस्त 2025 तक अपने बैंक खाता नंबर और आधार कार्ड की फोटो प्रति संबंधित पटवारी के पास जमा करवानी होगी। इस तिथि के बाद कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जाएंगे। योजना में 17 गांवों के किसान शामिल इस योजना में कोथ कलां, कोथ खुर्द, कापड़ो, गंडास, खेडी जालब, खेडी लोहचब, हैबतपुर, राखी खास, राखी शाहपुर, गामड़ा, मिर्चपुर, किन्नर, नाड़ा, पनिहारी, सरसाना, सोथा और भाड़ा खेड़ा के बीमित किसान शामिल हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि समय पर दस्तावेज जमा न करने वाले किसानों को मुआवजा पाने में कठिनाई हो सकती है। तहसील प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह मुआवजा वितरण अभियान उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है जो प्राकृतिक आपदाओं से आर्थिक रूप से प्रभावित हुए थे। प्रशासन का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र किसान मुआवजे से वंचित न रहे। लापरवाही से भविष्य में होगा नुकसान उन्होंने किसानों को आगाह किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही से उन्हें भविष्य में आर्थिक नुकसान हो सकता है। यदि किसी किसान ने पहले दस्तावेज दिए हैं और मुआवजा नहीं मिला है तो वे अपने क्षेत्र के पटवारी या तहसील कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।