असम के सबसे प्रसिद्ध और प्रिय गायकों में से एक, जुबीन गर्ग, अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन से न केवल संगीत जगत, बल्कि उनके अनगिनत प्रशंसकों के दिलों में भी एक गहरा खालीपन आ गया है। उनका अंतिम संस्कार इसका गवाह है कि कितने लोग उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे।
बॉलीवुड फिल्म 'गैंगस्टर के उनके लोकप्रिय गीत 'या अली' ने उन्हें पूरे देश में पहचान दिलाई थी। लगभग दो दशक बाद, उनके आकस्मिक निधन ने उनके गृह राज्य असम को स्तब्ध कर दिया। गुवाहाटी में जीवन मानो थम-सा गया। दुकानें बंद हो गईं, सार्वजनिक सेवाएं रुक गईं, और सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यह दुःख सिर्फ एक कलाकार को खोने का नहीं, बल्कि एक ऐसे सांस्कृतिक प्रतीक को खोने का था, जिसने असम की पहचान को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया।
सिंगापुर में निधन, गुवाहाटी में अंतिम यात्रा
जुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में हुआ, जहां स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसा होने से उनकी मौत हो गयी थी। रविवार को उनका पार्थिव शरीर सिंगापुर से गुवाहाटी लाया गया। गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उनके घर, काहिलीपाड़ा, तक 25 किलोमीटर लंबे रास्ते पर हजारों लोग कतार में खड़े थे।
फूलों से सजी एम्बुलेंस को यह दूरी तय करने में साढ़े पांच घंटे से अधिक का समय लगा, क्योंकि उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ बहुत अधिक थी। इस भीड़ में हर उम्र के लोग थे। सभी ने फूल बरसाए, हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि दी और कई लोग तो उन्हें खोने के गम में रो भी पड़े। यह एक ऐसा क्षण था जिसने दिखा दिया कि जुबीन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि असम की आत्मा थे।