संपत्ति के लालच में बेटे ने किया पुजारी का मर्डर:गयाजी में 2 साल बाद बेटा-बहू अरेस्ट; रात भर गाड़ी में घुमाई थी लाश
गया के शेरघाटी राम मंदिर के पुजारी शिवरतन मिश्रा की 2 साल पहले हत्या हुई थी। इस पुराने मामले में अब सच सामने आया है। खुलासे में सामने आया कि 80 साल के पुजारी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही बड़े बेटे पवन मिश्रा, बहू और पोते ने मिल कर की थी। पुलिस ने तीनों को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालांकि, हत्या किसने की थी और उसमें कौन-कौन शामिल है। इस बात की जानकारी पुलिस को 2 साल पहले ही पड़ोसियों से लग चुकी थी। लेकिन साक्ष्य व तकनीकी सबूत के अभाव में पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी थी। साल 2023 में सामने आया था मामला शेरघाटी शहर स्थित राम मंदिर के पुजारी शिवरतन मिश्रा की मौत साल 2023 में हुई थी। उस समय मौत का कारण स्पष्ट नहीं था। मामले में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने जांच शुरू की। घटना को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। शुरुआत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। इसके बाद शव का बेसरा जांच के लिए भेजा गया। बेसरा रिपोर्ट ने पुलिस की शंका को सही साबित किया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पुजारी की मौत जहर देने से हुई थी। बेसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज की। जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे बड़े बेटे पवन मिश्रा, उसकी पत्नी और बेटा भोलू मिश्रा का हाथ है। संपत्ति हड़पने के लिए पिता की हत्या पुलिस की मानें तो पवन मिश्रा ने संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी। वह संपत्ति को अपने नाम कर तुरंत बेचना चाहता था। लेकिन, पिता इसके लिए तैयार नहीं थे। बेटे ने पत्नी और बेटे के साथ मिलकर पिता को पहले काबू में किया और फिर जहर दे दिया। यही नहीं जहर देने के बाद जब पिता की मौत हो गई तो उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए रातभर गाड़ी में शव को रखकर इधर-उधर धीरे-धीरे घूमता रहा। लेकिन शव को जब ठिकाने नहीं लगा सका, तो हत्या आरोपी अपने पिता का शव घर ले आया और नेचुरल डेथ की कहानी गढ़ कर मुहल्ले व रिश्तेदारों में अफवाह उड़ा दिया। पुलिस की जांच में मौत की यह गुत्थी धीरे धीरे खुलती गई और सच्चाई सामने आ गई। छोटे बेटे ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब पुजारी के छोटे बेटे दीपक मिश्रा ने हत्या की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसी के आधार पर जांच की दिशा तय की और आखिरकार आरोपी सामने आ गए। शेरघाटी थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि राम मंदिर पुजारी की हत्या के मामले में मृतक का बड़ा बेटा पवन मिश्रा, उसकी पत्नी और बेटा भोलू मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि इस मामले का एक अभियुक्त अब भी फरार है।
गया के शेरघाटी राम मंदिर के पुजारी शिवरतन मिश्रा की 2 साल पहले हत्या हुई थी। इस पुराने मामले में अब सच सामने आया है। खुलासे में सामने आया कि 80 साल के पुजारी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही बड़े बेटे पवन मिश्रा, बहू और पोते ने मिल कर की थी। पुलिस ने तीनों को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालांकि, हत्या किसने की थी और उसमें कौन-कौन शामिल है। इस बात की जानकारी पुलिस को 2 साल पहले ही पड़ोसियों से लग चुकी थी। लेकिन साक्ष्य व तकनीकी सबूत के अभाव में पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी थी। साल 2023 में सामने आया था मामला शेरघाटी शहर स्थित राम मंदिर के पुजारी शिवरतन मिश्रा की मौत साल 2023 में हुई थी। उस समय मौत का कारण स्पष्ट नहीं था। मामले में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने जांच शुरू की। घटना को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। शुरुआत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। इसके बाद शव का बेसरा जांच के लिए भेजा गया। बेसरा रिपोर्ट ने पुलिस की शंका को सही साबित किया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पुजारी की मौत जहर देने से हुई थी। बेसरा रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज की। जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे बड़े बेटे पवन मिश्रा, उसकी पत्नी और बेटा भोलू मिश्रा का हाथ है। संपत्ति हड़पने के लिए पिता की हत्या पुलिस की मानें तो पवन मिश्रा ने संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी। वह संपत्ति को अपने नाम कर तुरंत बेचना चाहता था। लेकिन, पिता इसके लिए तैयार नहीं थे। बेटे ने पत्नी और बेटे के साथ मिलकर पिता को पहले काबू में किया और फिर जहर दे दिया। यही नहीं जहर देने के बाद जब पिता की मौत हो गई तो उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए रातभर गाड़ी में शव को रखकर इधर-उधर धीरे-धीरे घूमता रहा। लेकिन शव को जब ठिकाने नहीं लगा सका, तो हत्या आरोपी अपने पिता का शव घर ले आया और नेचुरल डेथ की कहानी गढ़ कर मुहल्ले व रिश्तेदारों में अफवाह उड़ा दिया। पुलिस की जांच में मौत की यह गुत्थी धीरे धीरे खुलती गई और सच्चाई सामने आ गई। छोटे बेटे ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब पुजारी के छोटे बेटे दीपक मिश्रा ने हत्या की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसी के आधार पर जांच की दिशा तय की और आखिरकार आरोपी सामने आ गए। शेरघाटी थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि राम मंदिर पुजारी की हत्या के मामले में मृतक का बड़ा बेटा पवन मिश्रा, उसकी पत्नी और बेटा भोलू मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि इस मामले का एक अभियुक्त अब भी फरार है।