लीबिया कैंपेन केस में फंसे फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, हुई 5 साल की जेल

पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को गुरुवार को पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई, जब पेरिस की एक अदालत ने उन्हें लीबिया के साथ अवैध चुनावी वित्तपोषण के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी पाया। सरकोजी, जिन्होंने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया है, पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर तत्कालीन अलग-थलग पड़ी लीबियाई सरकार का समर्थन करने के बदले में गद्दाफी के साथ चुनावी वित्तपोषण का सौदा करने का आरोप लगाया गया था। इसे भी पढ़ें: कैसे बिखर रहा नेतन्याहू का ग्रेटर इजरायल का सपना, तय हुई फिलिस्तीन देश की स्थापना, भारत का क्या रहेगा रुखन्यायाधीश, जिन्होंने सरकोजी को भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोपों से बरी कर दिया, ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सरकोजी ने गद्दाफी के साथ ऐसा कोई सौदा किया था, न ही यह कि लीबिया से भेजा गया पैसा सरकोजी के चुनाव अभियान कोष में पहुंचा। सार्कोज़ी की सज़ा का मतलब है कि चाहे वे अपील करें या न करें, उन्हें जेल जाना ही होगा। जज ने सार्कोज़ी को 100,000 यूरो का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया।

Sep 25, 2025 - 20:37
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लीबिया कैंपेन केस में फंसे फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, हुई 5 साल की जेल
पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को गुरुवार को पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई, जब पेरिस की एक अदालत ने उन्हें लीबिया के साथ अवैध चुनावी वित्तपोषण के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी पाया। सरकोजी, जिन्होंने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया है, पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर तत्कालीन अलग-थलग पड़ी लीबियाई सरकार का समर्थन करने के बदले में गद्दाफी के साथ चुनावी वित्तपोषण का सौदा करने का आरोप लगाया गया था। 

इसे भी पढ़ें: कैसे बिखर रहा नेतन्याहू का ग्रेटर इजरायल का सपना, तय हुई फिलिस्तीन देश की स्थापना, भारत का क्या रहेगा रुख

न्यायाधीश, जिन्होंने सरकोजी को भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोपों से बरी कर दिया, ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सरकोजी ने गद्दाफी के साथ ऐसा कोई सौदा किया था, न ही यह कि लीबिया से भेजा गया पैसा सरकोजी के चुनाव अभियान कोष में पहुंचा। सार्कोज़ी की सज़ा का मतलब है कि चाहे वे अपील करें या न करें, उन्हें जेल जाना ही होगा। जज ने सार्कोज़ी को 100,000 यूरो का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया।