बीजिंग ने ट्रंप के जहाज को खदेड़ दिया, बीच समुंदर जब भिड़ी US-China की सेना, जानें क्या हुआ?
एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर कई देशों में हड़कंप मचा रहा है तो दूसरी तरफ चीन और अमेरिका के बीच दक्षिण चीन सागर में एक युद्ध शुरू हो गया है। दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं और टकराव की स्थिति देखने को मिली है। चीनी सेना का दावा है कि उसने स्कार्बोरोशोल के पास गश्त करते एक अमेरिकी विध्वंसक युद्धपोत को निगरानी में लिया और खदेड़ दिया। चीन ने कहा है कि अमेरिका की ये कार्रवाई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है। दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थितरता को ये गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है। यानी की साउथ चाइना सी में दोनों देश आमन सामने आ गए हैं। अमेरिकी नौसेना ने अपनी तैनाती को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बताया। अमेरिका ने कहा कि ये नैविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए की गई थी, लेकिन चीन के द्वारा कदम उठाते हुए उन्हें खदेड़ दिया गया।इसे भी पढ़ें: Trump ने कराया सनी लियोनी का झगड़ा? खुलासे से अमेरिका दंगअमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के विवादित तटवर्ती क्षेत्र में दो युद्धपोत तैनात किए थे। जहां दो दिन पहले फिलीपीन के छोटे जहाज को भगाने के प्रयास के दौरान चीनी नौसेना और तट रक्षक बल के दो जहाज आपस में टकरा गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद कई पश्चिमी और एशियाई देशों में चिंता पैदा हो गई थी। कहा जा रहा है कि अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है। चीन और फिलीपीन दोनों ही दक्षिण चीन सागर में स्कारबोरो शोल और अन्य बाहरी क्षेत्रों पर अपना दावा करते हैं। ऐसे में वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस विवादित जलक्षेत्र पर अपने-अपने दावे करते आए हैं। लेकिन इस क्षेत्र का 80 फीसदी इलाका चीन अपना मानता है। यही वजह है कि जब अमेरिका के युद्धपोत वहां देखें गए तो चीन की सेना की तरफ से तुरंत प्रहार किया गया। इसे भी पढ़ें: 15 अगस्त को होने वाली है ट्रंप-पुतिन की मुलाकात, उससे पहले ही किम जोंग ने पलट डाला पूरा खेलचीन की तरफ से दावा ये किया जा रहा है कि अमेरिकी युद्धपोतों को वहां से खदेड़ दिया गया। 12 अगस्त को फिलीपींस की एक गश्ती नाव का पीछा करते हुए एक चीनी युद्धपोत अपने ही एक तटरक्षक पोत से टकरा गया था। चीन अपनी नाइन-डैश-लाइन के तहत लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जो नीदरलैंड की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के 2016 के उस फैसले को खारिज करता है जिसमें बीजिंग के दावों का कोई कानूनी या ऐतिहासिक आधार नहीं पाया गया था। दक्षिण चीन सागर में चीनी और फिलिपिनो जहाजों के बीच कई झड़पें हुई हैं, फिलीपींस ने पिछले साल बीजिंग की सेना पर फिलीपींस के जहाजों का पीछा करने और एक अन्य विवादित चट्टान के पास गश्त कर रहे विमानों पर लेज़र दागने का आरोप लगाया था।इसे भी पढ़ें: अगले हफ्ते दिल्ली में बड़ा गेम, भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, NSA अजीत डोभाल से करेंगे बातचीतफ़िलिपीनो अधिकारियों के अनुसार, झड़पों में नावों की टक्कर, पानी की बौछारें और फ़िलिपीनो नाविकों के घायल होने की घटनाएँ शामिल हैं। मई 2024 में फ़िलिपीनी राष्ट्रपति फ़र्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने कहा था कि अगर दक्षिण चीन सागर में चीनी तटरक्षक बल के साथ किसी घटना में किसी फ़िलिपीनी नागरिक की मौत हो जाती है, तो यह लगभग निश्चित रूप से एक रेड लाइन होगी और युद्ध की कार्रवाई के बहुत, बहुत क़रीब होगी। उन्होंने अमेरिकी सेनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा मेरा मानना है कि हमारे संधि साझेदार भी इसी मानक को मानते हैं। वाशिंगटन की मनीला के साथ 1951 से एक पारस्परिक रक्षा संधि है, जिसके अनुसार प्रशांत क्षेत्र में फ़िलिपींस या अमेरिका पर हमला दूसरे पर हमला माना जाएगा।
एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर कई देशों में हड़कंप मचा रहा है तो दूसरी तरफ चीन और अमेरिका के बीच दक्षिण चीन सागर में एक युद्ध शुरू हो गया है। दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं और टकराव की स्थिति देखने को मिली है। चीनी सेना का दावा है कि उसने स्कार्बोरोशोल के पास गश्त करते एक अमेरिकी विध्वंसक युद्धपोत को निगरानी में लिया और खदेड़ दिया। चीन ने कहा है कि अमेरिका की ये कार्रवाई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है। दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थितरता को ये गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है। यानी की साउथ चाइना सी में दोनों देश आमन सामने आ गए हैं। अमेरिकी नौसेना ने अपनी तैनाती को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बताया। अमेरिका ने कहा कि ये नैविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए की गई थी, लेकिन चीन के द्वारा कदम उठाते हुए उन्हें खदेड़ दिया गया।
इसे भी पढ़ें: Trump ने कराया सनी लियोनी का झगड़ा? खुलासे से अमेरिका दंग
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के विवादित तटवर्ती क्षेत्र में दो युद्धपोत तैनात किए थे। जहां दो दिन पहले फिलीपीन के छोटे जहाज को भगाने के प्रयास के दौरान चीनी नौसेना और तट रक्षक बल के दो जहाज आपस में टकरा गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद कई पश्चिमी और एशियाई देशों में चिंता पैदा हो गई थी। कहा जा रहा है कि अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है। चीन और फिलीपीन दोनों ही दक्षिण चीन सागर में स्कारबोरो शोल और अन्य बाहरी क्षेत्रों पर अपना दावा करते हैं। ऐसे में वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस विवादित जलक्षेत्र पर अपने-अपने दावे करते आए हैं। लेकिन इस क्षेत्र का 80 फीसदी इलाका चीन अपना मानता है। यही वजह है कि जब अमेरिका के युद्धपोत वहां देखें गए तो चीन की सेना की तरफ से तुरंत प्रहार किया गया।
इसे भी पढ़ें: 15 अगस्त को होने वाली है ट्रंप-पुतिन की मुलाकात, उससे पहले ही किम जोंग ने पलट डाला पूरा खेल
चीन की तरफ से दावा ये किया जा रहा है कि अमेरिकी युद्धपोतों को वहां से खदेड़ दिया गया। 12 अगस्त को फिलीपींस की एक गश्ती नाव का पीछा करते हुए एक चीनी युद्धपोत अपने ही एक तटरक्षक पोत से टकरा गया था। चीन अपनी नाइन-डैश-लाइन के तहत लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जो नीदरलैंड की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के 2016 के उस फैसले को खारिज करता है जिसमें बीजिंग के दावों का कोई कानूनी या ऐतिहासिक आधार नहीं पाया गया था। दक्षिण चीन सागर में चीनी और फिलिपिनो जहाजों के बीच कई झड़पें हुई हैं, फिलीपींस ने पिछले साल बीजिंग की सेना पर फिलीपींस के जहाजों का पीछा करने और एक अन्य विवादित चट्टान के पास गश्त कर रहे विमानों पर लेज़र दागने का आरोप लगाया था।
इसे भी पढ़ें: अगले हफ्ते दिल्ली में बड़ा गेम, भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, NSA अजीत डोभाल से करेंगे बातचीत
फ़िलिपीनो अधिकारियों के अनुसार, झड़पों में नावों की टक्कर, पानी की बौछारें और फ़िलिपीनो नाविकों के घायल होने की घटनाएँ शामिल हैं। मई 2024 में फ़िलिपीनी राष्ट्रपति फ़र्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने कहा था कि अगर दक्षिण चीन सागर में चीनी तटरक्षक बल के साथ किसी घटना में किसी फ़िलिपीनी नागरिक की मौत हो जाती है, तो यह लगभग निश्चित रूप से एक रेड लाइन होगी और युद्ध की कार्रवाई के बहुत, बहुत क़रीब होगी। उन्होंने अमेरिकी सेनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा मेरा मानना है कि हमारे संधि साझेदार भी इसी मानक को मानते हैं। वाशिंगटन की मनीला के साथ 1951 से एक पारस्परिक रक्षा संधि है, जिसके अनुसार प्रशांत क्षेत्र में फ़िलिपींस या अमेरिका पर हमला दूसरे पर हमला माना जाएगा।



