बहादुरगढ़ में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन:7 सितंबर को होगी किसानों की पंचायत; बोले- 1 लाख हेक्टेयर भूमि पर संकट

हरियाणा सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ बहादुरगढ़ में लाइन पार क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में किसानों का विरोध तेज हो गया है। किसानों ने भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसान नेता हंसराज राणा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और पॉलिसी को वापस लेने की मांग की। किसानों ने 7 सितंबर को पंचायत बुलाई है। जानकारी अनुसार, किसानों ने गांव लडरावण, कुलासी, किडौली सहित IMT खरखौदा विस्तार योजना से प्रभावित 5800 एकड़ उपजाऊ भूमि बचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए किसानों ने 7 सितंबर को लडरावण सीमा स्थित बाबा सदानंद आश्रम में पंचायत करने की घोषणा की है। डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि हरियाणा में करीब 1 लाख हैक्टेयर भूमि इस पॉलिसी से प्रभावित होगी। उन्होंने जानकारी दी कि पंजाब की तरह हरियाणा में भी अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। किसान सुरेश कुमार बनाम हरियाणा सरकार मामले पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जबकि पंजाब में गुरदीप गिल बनाम पंजाब सरकार मामले में पहले ही स्टे मिल चुका है। किसानों का आरोप है कि यह पॉलिसी भूमि अधिग्रहण संशोधित कानून 2023 के समांतर किसानों को भूमिहीन करने का षड्यंत्र है। इसमें सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलुओं का कोई आकलन नहीं है। किसानों ने बताया कि निजी कंपनी गर्ग ए को वेल्युएशन का ठेका दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट किसानों को उपलब्ध नहीं कराई गई। किसान जोगेंद्र छिक्कारा ने कहा कि जहां जमीन का मार्केट रेट 8–10 करोड़ प्रति एकड़ है, वहां मात्र 90 लाख का प्रस्ताव अन्यायपूर्ण है। इस मौके पर नफे सिंह, जोगेंद्र छिक्कारा, ओमकंवर रूहिल, दर्शन खत्री, सुभाष, राजपाल, दयानंद, हरिप्रकाश, सुनील, करमबीर, कृष्ण, सुरेश राणा सहित अन्य किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और पॉलिसी को हर कीमत पर रोकने का संकल्प लिया। किसानों ने चेतावनी दी कि वे सभी खापों, विपक्षी दलों और संगठनों के साथ मिलकर इस आंदोलन को तेज करेंगे।

Sep 2, 2025 - 17:46
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बहादुरगढ़ में लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन:7 सितंबर को होगी किसानों की पंचायत; बोले- 1 लाख हेक्टेयर भूमि पर संकट
हरियाणा सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ बहादुरगढ़ में लाइन पार क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में किसानों का विरोध तेज हो गया है। किसानों ने भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसान नेता हंसराज राणा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और पॉलिसी को वापस लेने की मांग की। किसानों ने 7 सितंबर को पंचायत बुलाई है। जानकारी अनुसार, किसानों ने गांव लडरावण, कुलासी, किडौली सहित IMT खरखौदा विस्तार योजना से प्रभावित 5800 एकड़ उपजाऊ भूमि बचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए किसानों ने 7 सितंबर को लडरावण सीमा स्थित बाबा सदानंद आश्रम में पंचायत करने की घोषणा की है। डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि हरियाणा में करीब 1 लाख हैक्टेयर भूमि इस पॉलिसी से प्रभावित होगी। उन्होंने जानकारी दी कि पंजाब की तरह हरियाणा में भी अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। किसान सुरेश कुमार बनाम हरियाणा सरकार मामले पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जबकि पंजाब में गुरदीप गिल बनाम पंजाब सरकार मामले में पहले ही स्टे मिल चुका है। किसानों का आरोप है कि यह पॉलिसी भूमि अधिग्रहण संशोधित कानून 2023 के समांतर किसानों को भूमिहीन करने का षड्यंत्र है। इसमें सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलुओं का कोई आकलन नहीं है। किसानों ने बताया कि निजी कंपनी गर्ग ए को वेल्युएशन का ठेका दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट किसानों को उपलब्ध नहीं कराई गई। किसान जोगेंद्र छिक्कारा ने कहा कि जहां जमीन का मार्केट रेट 8–10 करोड़ प्रति एकड़ है, वहां मात्र 90 लाख का प्रस्ताव अन्यायपूर्ण है। इस मौके पर नफे सिंह, जोगेंद्र छिक्कारा, ओमकंवर रूहिल, दर्शन खत्री, सुभाष, राजपाल, दयानंद, हरिप्रकाश, सुनील, करमबीर, कृष्ण, सुरेश राणा सहित अन्य किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और पॉलिसी को हर कीमत पर रोकने का संकल्प लिया। किसानों ने चेतावनी दी कि वे सभी खापों, विपक्षी दलों और संगठनों के साथ मिलकर इस आंदोलन को तेज करेंगे।