पाकिस्तान सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही पीआईए को बेचने की कवायद की तेज
पाकिस्तान सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही पीआईए को बेचने की कवायद की तेज कर दी है। उसका लक्ष्य 2025 के अंत इसे बेचने का है। बुधवार को प्रकाशित मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी को पिछले साल बेचने की असफल कोशिश के बाद सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई तेज की है। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, निजीकरण आयोग बोर्ड ने मंगलवार को चार स्थानीय कंपनियों को विमानन कंपनी के अधिग्रहण के लिए बोली लगाने के योग्य घोषित किया।इनमें से तीन सीमेंट कारोबार से जुड़ी हैं। सरकार ने अपने पिछले प्रयास में, 45 अरब रुपये के नकारात्मक बही-खाते के साथ न्यूनतम मूल्य 85.03 अरब रुपये निर्धारित किया था। हालांकि, वह केवल 10 अरब रुपये का प्रस्ताव ही प्राप्त करने में सफल रही। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, निजीकरण आयोग बोर्ड ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीआईएसीएल) के विनिवेश के लिए चार इच्छुक पक्षों की पूर्व-योग्यता को मंजूरी दे दी। बोर्ड की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के निजीकरण मामलों के सलाहकार मुहम्मद अली ने की। निजीकरण आयोग बोर्ड ने पांच संभावित निवेशकों द्वारा प्रस्तुत योग्यता विवरणों (एसओक्यू) के मूल्यांकन के आधार पर पूर्व-योग्यता समिति की सिफारिशों की समीक्षा की। इनमें से एक बोली लगाने के लिए योग्य नहीं पाया गया। आयोग ने कहा कि पूर्व-योग्य पक्ष अब खरीद-पक्ष के उचित परिश्रम चरण में आगे बढ़ेंगे जो पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी निजीकरण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। अखबार ने मुहम्मद अली के हवाले से बताया कि पीआईए की बोली चालू कैलेंडर वर्ष की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में होने की उम्मीद है। सरकार पीआईए में बहुलांश हिस्सेदारी के साथ-साथ प्रबंधन नियंत्रण भी बेचना चाहती है। पीआईए कई वर्ष से वित्तीय संकट से जूझ रही है। यह समस्या 2023 में तब सामने आई जब पीआईए के 7,000 कर्मचारियों को नवंबर 2023 का वेतन नहीं मिला। इससे पहले, यूरोपीय संघ ने सुरक्षा चिंताओं के चलते 2020 में पीआईए पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पाकिस्तान सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही पीआईए को बेचने की कवायद की तेज कर दी है। उसका लक्ष्य 2025 के अंत इसे बेचने का है। बुधवार को प्रकाशित मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी को पिछले साल बेचने की असफल कोशिश के बाद सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई तेज की है। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, निजीकरण आयोग बोर्ड ने मंगलवार को चार स्थानीय कंपनियों को विमानन कंपनी के अधिग्रहण के लिए बोली लगाने के योग्य घोषित किया।
इनमें से तीन सीमेंट कारोबार से जुड़ी हैं। सरकार ने अपने पिछले प्रयास में, 45 अरब रुपये के नकारात्मक बही-खाते के साथ न्यूनतम मूल्य 85.03 अरब रुपये निर्धारित किया था। हालांकि, वह केवल 10 अरब रुपये का प्रस्ताव ही प्राप्त करने में सफल रही। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, निजीकरण आयोग बोर्ड ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीआईएसीएल) के विनिवेश के लिए चार इच्छुक पक्षों की पूर्व-योग्यता को मंजूरी दे दी। बोर्ड की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के निजीकरण मामलों के सलाहकार मुहम्मद अली ने की। निजीकरण आयोग बोर्ड ने पांच संभावित निवेशकों द्वारा प्रस्तुत योग्यता विवरणों (एसओक्यू) के मूल्यांकन के आधार पर पूर्व-योग्यता समिति की सिफारिशों की समीक्षा की।
इनमें से एक बोली लगाने के लिए योग्य नहीं पाया गया। आयोग ने कहा कि पूर्व-योग्य पक्ष अब खरीद-पक्ष के उचित परिश्रम चरण में आगे बढ़ेंगे जो पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी निजीकरण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। अखबार ने मुहम्मद अली के हवाले से बताया कि पीआईए की बोली चालू कैलेंडर वर्ष की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में होने की उम्मीद है। सरकार पीआईए में बहुलांश हिस्सेदारी के साथ-साथ प्रबंधन नियंत्रण भी बेचना चाहती है। पीआईए कई वर्ष से वित्तीय संकट से जूझ रही है। यह समस्या 2023 में तब सामने आई जब पीआईए के 7,000 कर्मचारियों को नवंबर 2023 का वेतन नहीं मिला। इससे पहले, यूरोपीय संघ ने सुरक्षा चिंताओं के चलते 2020 में पीआईए पर प्रतिबंध लगा दिया था।