'नीतीश शारीरिक-मानसिक रूप से थके हुए':राजगीर में गरजे प्रशांत किशोर, कहा- आगे की तरक्की के लिए जन सुराज चाहिए

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को नालंदा के राजगीर में आयोजित 'बिहार बदलाव सभा' को संबोधित किया। इन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर जमकर हमला बोला। पीटीजेएम कॉलेज मैदान में हजारों की संख्या में एकत्रित जनता के समक्ष किशोर ने कहा कि बिहार को अब सड़क-बिजली से आगे बढ़कर शिक्षा और रोजगार की गारंटी चाहिए। अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत विभिन्न जिलों में जनसंपर्क कर रहे प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजगीर नीतीश कुमार का गृह जिला है और यहां की स्थिति दूसरे जिलों से निश्चित रूप से बेहतर है। सड़क और बिजली की स्थिति अच्छी है, लेकिन शिक्षा, रोजगार और भ्रष्टाचार जो बिहार की मूल समस्याएं हैं, वे नालंदा में भी उतनी ही गंभीर हैं जितनी अन्य जिलों में। नीतीश शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के 20 साल के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार को 20 साल का अवसर मिला है। जो उनसे बन पड़ा, वह उन्होंने किया। अब वे शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं। नालंदा की जनता को दिख रहा है कि आगे की तरक्की के लिए जन सुराज चाहिए, नई व्यवस्था चाहिए। प्रशान्त किशोर ने मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी शराबबंदी की असफलता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का गृह जिला होने का मतलब यह नहीं है कि यहां शराब नहीं बिक रहा। हर गांव, हर घर में शराब मिल रहा है। भ्रष्टाचार भी नालंदा में उतना ही है जितना दूसरे जिलों में। नालंदा को फिर से ज्ञान की भूमि बनाने का संकल्प ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय की भूमि राजगीर में बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिहार के गौरव की भूमि है। बिहार का सबसे गौरवशाली इतिहास नालंदा से जुड़ा है। जन सुराज का सपना है कि बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाया जाए और इस परिकल्पना में नालंदा की भूमिका सबसे बड़ी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अब सड़क-बिजली-पानी से ऊपर उठकर बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट कीजिए। नई व्यवस्था बनाइए और किसी भी हालत में लालटेन को वापस जलने मत दीजिए।" बच्चे कलम को सरस्वती मानते प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल पर भी तीखा हमला बोला। हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का कलम फेंकना उनके चरित्र को दिखाता है। हम बिहार के बच्चे कलम को सरस्वती मानते हैं, इसकी पूजा करते हैं। यह आदमी मां सरस्वती के स्वरूप कलम को हवा में फेंक रहा है। इस बार जनता इन्हें सबक सिखाएगी। उन्होंने आरजेडी को "अपहरण, रंगदारी और गुंडागर्दी वाली पार्टी" बताया और कहा कि "शेर बूढ़ा भी हो जाए तो घास नहीं खाता, मांस ही खाता है।" प्रशांत किशोर ने दावा किया कि वे राजगीर में पहली बार नहीं आए हैं और पहले भी नीतीश कुमार के साथ यहां आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोग समझ गए हैं कि बुनियादी ढांचे के विकास के बाद अब शिक्षा और रोजगार पर फोकस करना जरूरी है। सभा में उपस्थित जनता के बीच जन सुराज के नारे गूंजते रहे और लोगों ने प्रशांत किशोर के भाषण का जोरदार स्वागत किया।

Sep 21, 2025 - 19:12
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'नीतीश शारीरिक-मानसिक रूप से थके हुए':राजगीर में गरजे प्रशांत किशोर, कहा- आगे की तरक्की के लिए जन सुराज चाहिए
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को नालंदा के राजगीर में आयोजित 'बिहार बदलाव सभा' को संबोधित किया। इन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर जमकर हमला बोला। पीटीजेएम कॉलेज मैदान में हजारों की संख्या में एकत्रित जनता के समक्ष किशोर ने कहा कि बिहार को अब सड़क-बिजली से आगे बढ़कर शिक्षा और रोजगार की गारंटी चाहिए। अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत विभिन्न जिलों में जनसंपर्क कर रहे प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजगीर नीतीश कुमार का गृह जिला है और यहां की स्थिति दूसरे जिलों से निश्चित रूप से बेहतर है। सड़क और बिजली की स्थिति अच्छी है, लेकिन शिक्षा, रोजगार और भ्रष्टाचार जो बिहार की मूल समस्याएं हैं, वे नालंदा में भी उतनी ही गंभीर हैं जितनी अन्य जिलों में। नीतीश शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के 20 साल के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार को 20 साल का अवसर मिला है। जो उनसे बन पड़ा, वह उन्होंने किया। अब वे शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं। नालंदा की जनता को दिख रहा है कि आगे की तरक्की के लिए जन सुराज चाहिए, नई व्यवस्था चाहिए। प्रशान्त किशोर ने मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी शराबबंदी की असफलता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का गृह जिला होने का मतलब यह नहीं है कि यहां शराब नहीं बिक रहा। हर गांव, हर घर में शराब मिल रहा है। भ्रष्टाचार भी नालंदा में उतना ही है जितना दूसरे जिलों में। नालंदा को फिर से ज्ञान की भूमि बनाने का संकल्प ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय की भूमि राजगीर में बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिहार के गौरव की भूमि है। बिहार का सबसे गौरवशाली इतिहास नालंदा से जुड़ा है। जन सुराज का सपना है कि बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाया जाए और इस परिकल्पना में नालंदा की भूमिका सबसे बड़ी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अब सड़क-बिजली-पानी से ऊपर उठकर बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट कीजिए। नई व्यवस्था बनाइए और किसी भी हालत में लालटेन को वापस जलने मत दीजिए।" बच्चे कलम को सरस्वती मानते प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल पर भी तीखा हमला बोला। हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का कलम फेंकना उनके चरित्र को दिखाता है। हम बिहार के बच्चे कलम को सरस्वती मानते हैं, इसकी पूजा करते हैं। यह आदमी मां सरस्वती के स्वरूप कलम को हवा में फेंक रहा है। इस बार जनता इन्हें सबक सिखाएगी। उन्होंने आरजेडी को "अपहरण, रंगदारी और गुंडागर्दी वाली पार्टी" बताया और कहा कि "शेर बूढ़ा भी हो जाए तो घास नहीं खाता, मांस ही खाता है।" प्रशांत किशोर ने दावा किया कि वे राजगीर में पहली बार नहीं आए हैं और पहले भी नीतीश कुमार के साथ यहां आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोग समझ गए हैं कि बुनियादी ढांचे के विकास के बाद अब शिक्षा और रोजगार पर फोकस करना जरूरी है। सभा में उपस्थित जनता के बीच जन सुराज के नारे गूंजते रहे और लोगों ने प्रशांत किशोर के भाषण का जोरदार स्वागत किया।