आठ टन राशन, 27 सौ किलो गोश्त, 2500 बोतल शैम्पेन की, हज़ार बोतल बरगंडी की। पेरिस के सबसे महंगे होटल के सबसे बेहतरीन ख़ानसामे। स्विट्जरलैंड के वेटर और खाना परोसने के लिए लंदन से ख़ास मंगाई गई, सोने के पानी से नक़्क़ाशी की गई दस हज़ार प्लेटें। कहते हैं कि पार्टी ऐसी हो कि उसे हर कोई याद रखे। उसकी खबरें बने। लोग उसके बारे में बाते करें। मुकेश अंबानी के घर हुई शाही पार्टी के खर्चे सुनकर लोग दातों तले उंगलियां दबा लेते हैं। लेकिन आज आपको जिस पार्टी की कहानी सुनाने वाला हूं जिसे सुनकर शायद अंबानी भी भौचक्के रह जाएंगे। ये पार्टी ईरान के शाह ने दुनियाभर के नेताओं को दी थी। इस पार्टी में 65 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल थे और उनके साथ उनके खासमखास लोगों का काफिला भी था। करीब 650 लोग तीन दिनों तक इस पार्टी का हिस्सा बने थे। इन लोगों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत के प्रतिनिधि भी शामिल थे। पूरे पांच हजार करोड़ रुपए इन तीन दिनों में स्वाहा हो गए। तीन दिन जब ईरान का एक रेगिस्तान असल में एक शहर में तब्दील हो गया। 70 के दशक में हुई ये पार्टी न सिर्फ दुनिया की सबसे महंगी पार्टी थी। बल्कि शायद सबसे मनहूस पार्टियों में से एक थी। ये वो पार्टी है जिसके बारे में आज भी ईरान का शाही परिवार बात करने से बचना ही चाहेगा क्योंकि इस पार्टी से उड़ी धूल ने ईरान के शाही परिवार को तबाह कर दिया।
रेजा शाह पहलवी को गद्दी क्यों छोड़नी पड़ी
1953 से लेकर 1977 तक ईरान में शाह रेजा पहलवी ने अमेरिका की मदद से हुकूमत चलाई। फिर आती है तारीख 14 अक्टूबर 1971 की ईरान के शाह मोहम्मद रजा पहलवी ने एक पार्टी पारसी एंपायर की 2500वीं वर्षगांठ मनाने के लिए रखी थी। जगह चुनी गई थी प्राचीन शहर पर्सेपोलिस, जो उस समय ईरान की ऐतिहासिक राजधानी था। शाही डिनर का आयोजन उस वीरान रेगिस्तान में हुआ जो शीराज शहर से करीन 60 किमी दूर था। वहां पानी नहीं था, कांच नहीं थी, लेकिन शाह का ख्वाब था, पर्सेपोलिस को एक बार फिर से जिंदा करना। लिहाजा 160 एकड़ में फैले रेशम के टेट्स बनाए गए, जिन्हें गोल्डन सिटी कहा गया। 37 किलोमीटर लंबा फ्रेंच सिल्क इस्तेमाल हुआ। 50,000 यूरोपीय चिड़ियों को मंगवाया गया, ताकि संगीत और यकृति का संगम हो, हालांकि वे चिड़ियों कुछ ही दिनों में गर्मी से मर गई। पार्टी के करीब 600 खास मेहमानों में प्रिंसेस ग्रेस और प्रिंस रेनियर (Monaco), ब्रिटेन की राजकुमारी ऐनी और प्रिंस फिलिप, अमेरिका के उपराष्ट्रपति स्पाइरो ऐग्न्यू और अफ्रीकी सम्राट हाइले सेलासी जैसे चेहरे मौजूद थे। सेलासी तो 72 लोगों के लाव-लश्कर के साथ पहुंचे। उनका कुत्ता भी साथ था, जिसकी गर्दन पर हीरे जड़ा पट्टा था। भले ही मौका ईरानी इतिहास का था, लेकिन खाना फ्रेंच था, ताकि यह दिखाया जा सके कि ईरान अब एक आधुनिक, परिष्कृत राष्ट्र है। 120 बेटर, 40 शेफ, और 150 टन आधुनिक रसोई के सामान फ्रांस से लाए गए। कुल 18 टन खाना, जिसमें 2700 किलो मांस, 30 किलो ईरानी कैवियार, और वर्फ के ट्रक शामिल थे। साथ ही 2,500 बोतल संपेन, 1,000 बोतल बोडों और 1,300 बोतल वर्गडी वाइन भी थी। शाही भोज 5 घंटे से ज्यादा चला, जो गिनीज बुक में दर्ज हुआ। तीन दिन के इस शाही जलसे के नाद मेहमान तो लौट गए, लेकिन अब शाह को अपने ही देश की जनता का सामना करना था। मीडिया में खबरे आई कि इस पार्टी पर उस वक्त 10 करोड़ डॉलर खर्च किए गए। यानी आज के हिसाब से करीब 50 करोड़ डॉलर। जव ईरान के गरीव और हाशिये पर जी रहे लोगों को इस खर्च की भनक लगी तो शाह के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा।