जयराम रमेश बोले-ट्रम्प ने भारतीय विदेश मंत्रालय को नजरअंदाज किया:कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति ने 5 दिन में 3 बार रूसी तेल खरीद का मुद्दा उठाया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर केंद्र सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा- ट्रम्प ने पिछले 5 दिन में 3 बार भारत के रूस से तेल इम्पोर्ट का मुद्दा उठाया, इसमें कोई शक नहीं कि वे इस हफ्ते बुडापेस्ट में पुतिन से मुलाकात से पहले इस बात को और दोहराएंगे। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि उन्होंने अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से बात की और भारत ने रूस से तेल इम्पोर्ट रोकने का विश्वास दिलिया। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने ऐसी किसी बातचीत की जानकारी होने से इनकार किया है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने मंत्रालय की इस बात को नकार दिया। दरअसल, 15 अक्टूबर को ट्रम्प ने दावा किया था कि उनकी पीएम मोदी से फोन पर बात हुई। इसमें पीएम मोदी ने ट्रम्प को आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अगले दिन भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। ट्रम्प ने कब-कब बयान दिया भारत पर प्रतिबंध का मकसद रूस पर दबाव बनाना अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है। ट्रम्प प्रशासन रूस से तेल लेने पर भारत के खिलाफ की गई आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ बताता रहा है। ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव केरोलिना लेविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है, ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो सके। सितंबर में भारत ने 34% तेल रूस से खरीदा ट्रम्प के दावे के बावजूद, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल स्रोत बना हुआ है। कमोडिटी और शिपिंग ट्रैकर क्लेप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में ही नई दिल्ली ने आने वाले शिपमेंट का 34 फीसदी हिस्सा लिया। हालांकि, 2025 के पहले आठ महीनों में आयात में 10 फीसदी की गिरावट आई थी। एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2025 के अगस्त महीने में रूस से औसतन 1.72 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) कच्चा तेल आयात किया। वहीं, सितंबर में यह आंकड़ा थोड़ा घटकर 1.61 मिलियन bpd रह गया।) एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कटौती अमेरिकी दबाव और सप्लाई में डाइवरसीफिकेशन लाने के लिए की गई है। इसके विपरीत रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियों ने इसकी खरीद बढ़ा दी है। सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी आयात में कमी की सरकारी कंपनियां (जैसे IOC, BPCL, HPCL) ने रूसी तेल आयात 45% से ज्यादा घटाया। जून में 1.1 मिलियन bpd से सितंबर में घटकर 600,000 bpd रह गया। वहीं, प्राइवेट रिफाइनरीयां (रिलायंस इंडस्ट्रीज: 850,000 bpd, नयारा एनर्जी: ~400,000 bpd) ने इसे संतुलित किया, जिससे कुल आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा। रूस से सस्ता तेल खरीदने की शुरुआत कैसे हुई? फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोप ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद रूस ने अपने तेल को एशिया की ओर मोड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने 2021 में रूसी तेल का सिर्फ 0.2% आयात किया था। 2025 में यह भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। औसतन 1.67 मिलियन बैरल प्रति दिन की आपूर्ति कर रहा है। यह भारत के कुल जरूरत का करीब 37% है। भारत रूस से तेल खरीदना क्यों नहीं बंद करता?
भारत को रूस से तेल खरीदने के कई डायरेक्ट फायदे हैं... भारत के पास रूस के अलावा किन देशों से तेल खरीदने के विकल्प हैं?
भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से ज्यादा इम्पोर्ट करता है। ज्यादातर तेल रूस के अलावा इराक, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों से खरीदता है। अगर रूस से तेल इम्पोर्ट बंद करना है तो उसे इन देशों से अपना इम्पोर्ट बढ़ाना होगा... ------------------------------- मोदी-ट्रम्प से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...1. 1. ट्रम्प बोले-सुना है भारत रूस से तेल खरीदना बंद करेगा: रिपोर्ट में दावा- भारत अभी भी मास्को से तेल ले रहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी खबरें हैं कि भारत ज्यादा दिन तक रूस से तेल नहीं खरीदेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इन खबरों के सही होने की जानकारी नहीं है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह अच्छी बात होगी। आगे देखते हैं कि क्या होता है। पूरी खबर पढ़ें... 2. पेट्रोलियम मंत्री बोले- पेट्रोल-डीजल के दाम घट सकते हैं: अगर कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल रही तो 2-3 महीने में कटौती संभव देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक 65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहती हैं, तो उम्मीद कर सकते हैं कि अगले 2-3 महीनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती हो। ये बात उन्होंने दिल्ली में चल रही ‘ऊर्जा वार्ता 2025’ में कही। पूरी खबर पढ़ें...
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर केंद्र सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा- ट्रम्प ने पिछले 5 दिन में 3 बार भारत के रूस से तेल इम्पोर्ट का मुद्दा उठाया, इसमें कोई शक नहीं कि वे इस हफ्ते बुडापेस्ट में पुतिन से मुलाकात से पहले इस बात को और दोहराएंगे। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि उन्होंने अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से बात की और भारत ने रूस से तेल इम्पोर्ट रोकने का विश्वास दिलिया। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने ऐसी किसी बातचीत की जानकारी होने से इनकार किया है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने मंत्रालय की इस बात को नकार दिया। दरअसल, 15 अक्टूबर को ट्रम्प ने दावा किया था कि उनकी पीएम मोदी से फोन पर बात हुई। इसमें पीएम मोदी ने ट्रम्प को आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अगले दिन भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। ट्रम्प ने कब-कब बयान दिया भारत पर प्रतिबंध का मकसद रूस पर दबाव बनाना अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है। ट्रम्प प्रशासन रूस से तेल लेने पर भारत के खिलाफ की गई आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ बताता रहा है। ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव केरोलिना लेविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है, ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो सके। सितंबर में भारत ने 34% तेल रूस से खरीदा ट्रम्प के दावे के बावजूद, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल स्रोत बना हुआ है। कमोडिटी और शिपिंग ट्रैकर क्लेप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में ही नई दिल्ली ने आने वाले शिपमेंट का 34 फीसदी हिस्सा लिया। हालांकि, 2025 के पहले आठ महीनों में आयात में 10 फीसदी की गिरावट आई थी। एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2025 के अगस्त महीने में रूस से औसतन 1.72 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) कच्चा तेल आयात किया। वहीं, सितंबर में यह आंकड़ा थोड़ा घटकर 1.61 मिलियन bpd रह गया।) एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कटौती अमेरिकी दबाव और सप्लाई में डाइवरसीफिकेशन लाने के लिए की गई है। इसके विपरीत रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियों ने इसकी खरीद बढ़ा दी है। सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी आयात में कमी की सरकारी कंपनियां (जैसे IOC, BPCL, HPCL) ने रूसी तेल आयात 45% से ज्यादा घटाया। जून में 1.1 मिलियन bpd से सितंबर में घटकर 600,000 bpd रह गया। वहीं, प्राइवेट रिफाइनरीयां (रिलायंस इंडस्ट्रीज: 850,000 bpd, नयारा एनर्जी: ~400,000 bpd) ने इसे संतुलित किया, जिससे कुल आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा। रूस से सस्ता तेल खरीदने की शुरुआत कैसे हुई? फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोप ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद रूस ने अपने तेल को एशिया की ओर मोड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने 2021 में रूसी तेल का सिर्फ 0.2% आयात किया था। 2025 में यह भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। औसतन 1.67 मिलियन बैरल प्रति दिन की आपूर्ति कर रहा है। यह भारत के कुल जरूरत का करीब 37% है। भारत रूस से तेल खरीदना क्यों नहीं बंद करता?
भारत को रूस से तेल खरीदने के कई डायरेक्ट फायदे हैं... भारत के पास रूस के अलावा किन देशों से तेल खरीदने के विकल्प हैं?
भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से ज्यादा इम्पोर्ट करता है। ज्यादातर तेल रूस के अलावा इराक, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों से खरीदता है। अगर रूस से तेल इम्पोर्ट बंद करना है तो उसे इन देशों से अपना इम्पोर्ट बढ़ाना होगा... ------------------------------- मोदी-ट्रम्प से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...1. 1. ट्रम्प बोले-सुना है भारत रूस से तेल खरीदना बंद करेगा: रिपोर्ट में दावा- भारत अभी भी मास्को से तेल ले रहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी खबरें हैं कि भारत ज्यादा दिन तक रूस से तेल नहीं खरीदेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इन खबरों के सही होने की जानकारी नहीं है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह अच्छी बात होगी। आगे देखते हैं कि क्या होता है। पूरी खबर पढ़ें... 2. पेट्रोलियम मंत्री बोले- पेट्रोल-डीजल के दाम घट सकते हैं: अगर कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल रही तो 2-3 महीने में कटौती संभव देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक 65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहती हैं, तो उम्मीद कर सकते हैं कि अगले 2-3 महीनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती हो। ये बात उन्होंने दिल्ली में चल रही ‘ऊर्जा वार्ता 2025’ में कही। पूरी खबर पढ़ें...