गोला में सीएचसी अधीक्षक पर हमले का मामला:निलंबित अधिवक्ता और साथी ने किया सरेंडर, पैरवी कर रहे वकील को मिली थी धमकी

गोला के निलंबित अधिवक्ता मनोज श्रीवास्तव और उनके सहयोगी मनुज बाजपेई ने शनिवार को सीजेएम खीरी की अदालत में सरेंडर कर दिया। यह मामला गोला गोकरननाथ में दर्ज एफआईआर नंबर 637/24 से संबंधित है, जिसमें सीएचसी अधीक्षक डॉ. गणेश और संविदा कर्मी योगेश कुमार पर प्राणघातक हमले का आरोप है साथ ही उनके अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी को भी जान से मारने की धमकी दी थी । अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी ने दोनों पीड़ितों की ओर से और अपने ऊपर की गयी टिप्पणी को लेकर यह FIR दर्ज कराई थी। पुलिस विवेचना में आरोप सही पाए गए, जिसके आधार पर सीजेएम प्रमोद सिंह यादव ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किए थे । घटना मई 2024 की है, जब गोला तहसील परिसर में सरकारी कार्य से आए डॉ. गणेश और योगेश कुमार पर मनोज श्रीवास्तव और मनुज बाजपेई ने हमला किया था। पुलिस ने जांच के बाद दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। संतोष त्रिपाठी ने सीजेएम कोर्ट में डॉ. गणेश की ओर से पैरवी की और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में योगेश की याचिका पर मनोज श्रीवास्तव का वकालत लाइसेंस पांच वर्ष के लिए निलंबित करवाया । वे भारतीय विधिज्ञ परिषद, नई दिल्ली में भी इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, त्रिपाठी जिला मजिस्ट्रेट दुर्गा शक्ति नागपाल के समक्ष पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा द्वारा मनुज बाजपेई के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की सिफारिश वाली पत्रावली में भी डॉ. गणेश की ओर से पैरवी कर रहे हैं। संयुक्त निदेशक अभियोजन दिलीप श्रीवास्तव से अनुमति प्राप्त कर त्रिपाठी ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई। दोनों आरोपियों के पास वारंट के बाद सरेंडर के सिवा कोई विकल्प नहीं था। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर कानूनी और प्रशासनिक सक्रियता को उजागर किया है ।

Aug 31, 2025 - 12:49
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गोला में सीएचसी अधीक्षक पर हमले का मामला:निलंबित अधिवक्ता और साथी ने किया सरेंडर, पैरवी कर रहे वकील को मिली थी धमकी
गोला के निलंबित अधिवक्ता मनोज श्रीवास्तव और उनके सहयोगी मनुज बाजपेई ने शनिवार को सीजेएम खीरी की अदालत में सरेंडर कर दिया। यह मामला गोला गोकरननाथ में दर्ज एफआईआर नंबर 637/24 से संबंधित है, जिसमें सीएचसी अधीक्षक डॉ. गणेश और संविदा कर्मी योगेश कुमार पर प्राणघातक हमले का आरोप है साथ ही उनके अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी को भी जान से मारने की धमकी दी थी । अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी ने दोनों पीड़ितों की ओर से और अपने ऊपर की गयी टिप्पणी को लेकर यह FIR दर्ज कराई थी। पुलिस विवेचना में आरोप सही पाए गए, जिसके आधार पर सीजेएम प्रमोद सिंह यादव ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किए थे । घटना मई 2024 की है, जब गोला तहसील परिसर में सरकारी कार्य से आए डॉ. गणेश और योगेश कुमार पर मनोज श्रीवास्तव और मनुज बाजपेई ने हमला किया था। पुलिस ने जांच के बाद दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। संतोष त्रिपाठी ने सीजेएम कोर्ट में डॉ. गणेश की ओर से पैरवी की और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में योगेश की याचिका पर मनोज श्रीवास्तव का वकालत लाइसेंस पांच वर्ष के लिए निलंबित करवाया । वे भारतीय विधिज्ञ परिषद, नई दिल्ली में भी इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, त्रिपाठी जिला मजिस्ट्रेट दुर्गा शक्ति नागपाल के समक्ष पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा द्वारा मनुज बाजपेई के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की सिफारिश वाली पत्रावली में भी डॉ. गणेश की ओर से पैरवी कर रहे हैं। संयुक्त निदेशक अभियोजन दिलीप श्रीवास्तव से अनुमति प्राप्त कर त्रिपाठी ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई। दोनों आरोपियों के पास वारंट के बाद सरेंडर के सिवा कोई विकल्प नहीं था। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर कानूनी और प्रशासनिक सक्रियता को उजागर किया है ।