गुरुग्राम में महंगी गाड़ी छोड़ रैपिड मेट्रो बनी पसंद:तीन महीने में बढ़े 13.59% यात्री, दिल्ली-रोहतक नमो कॉरिडोर की DPR बनेगी

गुरुग्राम में बढ़ते जाम और जलभराव के बीच पॉश इलाके के एलीट पैसेंजर अपनी महंगी कार का मोह छोड़ कर अब रैपिड मेट्रो में सफर को अपनी पसंद बनाने लगे हैं। पिछले फाइनेंशियल ईयर के पहले क्वार्टर के मुकाबले इस साल पैसेंजर की संख्या में 13.59% की बढ़ोतरी हुई है। यात्रियों की संख्या बढ़ने से उत्साहित हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने दिल्ली मेट्रो (DMRC) से गुरुग्राम रैपिड मेट्रो प्रणाली को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। HMRTC (हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) द्वारा इसका संचालन गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड को सौंपा जाएगा। जब तक पूरी जिम्मेदारी नहीं मिल जाती, तब तक रैपिड मेट्रो का संचालन और रखरखाव DMRC और GMRL (गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। ज्वाइंट कमेटियों का गठन इस ट्रांसफर को सुगम बनाने के लिए ज्वाइंट कमेटियों का गठन किया गया है और ट्रांसफर ऑफ रेफरेंस (TOR) निर्धारित की गई हैं। सुचारू अधिग्रहण और यात्री सेवाओं को सुनिश्चित रखने के लिए सिस्टम और निश्चित समय-सीमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रियों की संख्या और किराया राजस्व बढ़ा इस साल के पहले क्वार्टर में अप्रैल से जुलाई 2025 तक यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी गई। इस अवधि के दौरान कुल 62.49 लाख यात्रियों ने रैपिड का उपयोग किया, जो 2024 के इसी महीने की तुलना में 13.59% की वृद्धि है। किराया राजस्व में भी 11.87% की तीव्र वृद्धि हुई है। बोर्ड मीटिंग में लिया फैसला मुख्य सचिव और निगम के अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की 62वीं बोर्ड बैठक में इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की गई। बैठक में रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के असाधारण प्रदर्शन के आंकड़े भी सामने आए। परिचालन खर्च में कमी हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक चंद्रशेखर खरे ने बताया कि बेहतर परिचालन दक्षता के साथ, निगम ने परिचालन व्यय में 6.33% की गिरावट दर्ज की, जिससे HMRTC को एक बेहतर वित्तीय संतुलन हासिल करने में मदद मिली। विज्ञापन से भी हो रही कमाई HMRTC ने सफल राजस्व विविधीकरण रणनीतियों का प्रदर्शन करते हुए, गैर-किराया स्रोतों से अपनी आय को और मजबूत किया है। किराए, विपणन और विज्ञापन अधिकारों से आय में वृद्धि हुई है, जो अप्रैल और जुलाई 2025 के बीच ₹21.11 करोड़ तक पहुंच गई। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹15.56 करोड़ थी। अकेले मेट्रो पुलों और खंभों पर 22 विज्ञापन स्थलों की सफल ई-नीलामी से ₹58.34 करोड़ का अनुमानित वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है। जिसमें HMRTC हिस्सा ₹35 करोड़ से अधिक आंका गया है। दिल्ली-रोहतक नमो कॉरिडोर की डीपीआर बनेगी बोर्ड ने क्षेत्र भर में कई प्रमुख मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की महत्वपूर्ण प्रगति की भी समीक्षा की। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने प्रस्तावित दिल्ली (मुनिरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करना शुरू कर दिया है। यह महत्वाकांक्षी कॉरिडोर दिल्ली आईजीआई टर्मिनल 1, 2 और 3, यशोभूमि (द्वारका सेक्टर-25), नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को जोड़ेगा। गुरुग्राम-फरीदाबाद-ग्रेटर कॉरिडोर को मंजूरी NCRTC के औपचारिक अनुरोध पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर को मंजूरी दी गई। इसके डीपीआर पर काम शुरू हो गया है। जिससे एनसीआर के शहर आपस में जुड़ जाएंगे। दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर में बदलाव दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इसकी संशोधित डीपीआर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सक्रिय रूप से विचाराधीन है। दिसंबर 2020 में 103.02 किलोमीटर लंबे खंड और 17 स्टेशनों के साथ शुरू में स्वीकृत इस परियोजना को अब 21 स्टेशनों के प्रावधान के साथ 136.30 किलोमीटर तक विस्तारित किया गया है। संशोधित डीपीआर में ₹33 हजार 51.15 करोड़ की पूर्णता लागत का अनुमान लगाया गया है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा ₹7 हजार 472.11 करोड़ अनुमानित है, और बेहतर वित्तीय और आर्थिक लाभ का वादा किया गया है। दिल्ली-गुरुग्राम बहरोड़ प्रोजेक्ट को मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार दिल्ली-गुरुग्राम-नीमराना-बहरोड़ (एसएनबी) नमो भारत कॉरिडोर की डीपीआर भी मंत्रालय द्वारा विचाराधीन है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उच्च गति क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार में हरियाणा के के लिए महत्वपूर्ण है।

Sep 16, 2025 - 10:48
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गुरुग्राम में महंगी गाड़ी छोड़ रैपिड मेट्रो बनी पसंद:तीन महीने में बढ़े 13.59% यात्री, दिल्ली-रोहतक नमो कॉरिडोर की DPR बनेगी
गुरुग्राम में बढ़ते जाम और जलभराव के बीच पॉश इलाके के एलीट पैसेंजर अपनी महंगी कार का मोह छोड़ कर अब रैपिड मेट्रो में सफर को अपनी पसंद बनाने लगे हैं। पिछले फाइनेंशियल ईयर के पहले क्वार्टर के मुकाबले इस साल पैसेंजर की संख्या में 13.59% की बढ़ोतरी हुई है। यात्रियों की संख्या बढ़ने से उत्साहित हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने दिल्ली मेट्रो (DMRC) से गुरुग्राम रैपिड मेट्रो प्रणाली को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। HMRTC (हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) द्वारा इसका संचालन गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड को सौंपा जाएगा। जब तक पूरी जिम्मेदारी नहीं मिल जाती, तब तक रैपिड मेट्रो का संचालन और रखरखाव DMRC और GMRL (गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। ज्वाइंट कमेटियों का गठन इस ट्रांसफर को सुगम बनाने के लिए ज्वाइंट कमेटियों का गठन किया गया है और ट्रांसफर ऑफ रेफरेंस (TOR) निर्धारित की गई हैं। सुचारू अधिग्रहण और यात्री सेवाओं को सुनिश्चित रखने के लिए सिस्टम और निश्चित समय-सीमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रियों की संख्या और किराया राजस्व बढ़ा इस साल के पहले क्वार्टर में अप्रैल से जुलाई 2025 तक यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी गई। इस अवधि के दौरान कुल 62.49 लाख यात्रियों ने रैपिड का उपयोग किया, जो 2024 के इसी महीने की तुलना में 13.59% की वृद्धि है। किराया राजस्व में भी 11.87% की तीव्र वृद्धि हुई है। बोर्ड मीटिंग में लिया फैसला मुख्य सचिव और निगम के अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की 62वीं बोर्ड बैठक में इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की गई। बैठक में रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के असाधारण प्रदर्शन के आंकड़े भी सामने आए। परिचालन खर्च में कमी हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक चंद्रशेखर खरे ने बताया कि बेहतर परिचालन दक्षता के साथ, निगम ने परिचालन व्यय में 6.33% की गिरावट दर्ज की, जिससे HMRTC को एक बेहतर वित्तीय संतुलन हासिल करने में मदद मिली। विज्ञापन से भी हो रही कमाई HMRTC ने सफल राजस्व विविधीकरण रणनीतियों का प्रदर्शन करते हुए, गैर-किराया स्रोतों से अपनी आय को और मजबूत किया है। किराए, विपणन और विज्ञापन अधिकारों से आय में वृद्धि हुई है, जो अप्रैल और जुलाई 2025 के बीच ₹21.11 करोड़ तक पहुंच गई। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹15.56 करोड़ थी। अकेले मेट्रो पुलों और खंभों पर 22 विज्ञापन स्थलों की सफल ई-नीलामी से ₹58.34 करोड़ का अनुमानित वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है। जिसमें HMRTC हिस्सा ₹35 करोड़ से अधिक आंका गया है। दिल्ली-रोहतक नमो कॉरिडोर की डीपीआर बनेगी बोर्ड ने क्षेत्र भर में कई प्रमुख मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की महत्वपूर्ण प्रगति की भी समीक्षा की। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने प्रस्तावित दिल्ली (मुनिरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करना शुरू कर दिया है। यह महत्वाकांक्षी कॉरिडोर दिल्ली आईजीआई टर्मिनल 1, 2 और 3, यशोभूमि (द्वारका सेक्टर-25), नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को जोड़ेगा। गुरुग्राम-फरीदाबाद-ग्रेटर कॉरिडोर को मंजूरी NCRTC के औपचारिक अनुरोध पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर को मंजूरी दी गई। इसके डीपीआर पर काम शुरू हो गया है। जिससे एनसीआर के शहर आपस में जुड़ जाएंगे। दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर में बदलाव दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इसकी संशोधित डीपीआर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सक्रिय रूप से विचाराधीन है। दिसंबर 2020 में 103.02 किलोमीटर लंबे खंड और 17 स्टेशनों के साथ शुरू में स्वीकृत इस परियोजना को अब 21 स्टेशनों के प्रावधान के साथ 136.30 किलोमीटर तक विस्तारित किया गया है। संशोधित डीपीआर में ₹33 हजार 51.15 करोड़ की पूर्णता लागत का अनुमान लगाया गया है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा ₹7 हजार 472.11 करोड़ अनुमानित है, और बेहतर वित्तीय और आर्थिक लाभ का वादा किया गया है। दिल्ली-गुरुग्राम बहरोड़ प्रोजेक्ट को मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार दिल्ली-गुरुग्राम-नीमराना-बहरोड़ (एसएनबी) नमो भारत कॉरिडोर की डीपीआर भी मंत्रालय द्वारा विचाराधीन है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उच्च गति क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार में हरियाणा के के लिए महत्वपूर्ण है।