कान्हा की पोशाकों से सजा बाजार:आगरा में भक्तों को लुभा रहीं कान्हा की मूर्तियां, झूले और बैड
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व नजदीक आते ही बाजारों में रौनक देखते ही बन रही है। इस पावन अवसर पर बाजार कान्हा जी के भव्य श्रृंगार और सजावट से जगमगा उठा है। बाजार में कान्हा जी के लिए अलग-अलग प्रकार की सुंदर पोशाकें तैयार की गई हैं। हल्की और आरामदायक पोशाकों के साथ-साथ भारी और भव्य कढ़ाई वाली ड्रेस भी उपलब्ध हैं। यह पोशाक 50 से लेकर 1500 रुपए तक उपलब्ध हैं। श्रद्धालुओं की सेवा और भक्ति के लिए बाजार में पीतल, स्टील और अन्य धातुओं से बने सुंदर झूले उपलब्ध हैं। इनके अलावा छोटे बिस्तर, सोफा सेट, और सिंहासन भी मिल रहे हैं। जो कान्हा जी की साज-सज्जा को और भी दिव्य बना रहे हैं। दुकानदार जतिन आहुजा ने बताया कि इस बार झूलों में कई यूनीक डिजाइन है जाे लोगों को काफी लुभा रहा है। बांसुरी, मुकुट और उनके श्रृंगार का संपूर्ण सामान भी दुकानों में सजा है। मोतियों, मुरझटियों और कलात्मक सजावट से सजे मुकुट और मनमोहक बांसुरी विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं बाजार में हाथ से बनी कान्हा के लिए टोकरियां भी मौजूद हैं। इस बीच, बाजार में मिट्टी से बनी सुंदर कान्हा जी की मूर्तियां भी खास जगह बना रही हैं। एक महिला कारीगर शिखा मित्तल ने बताया, "हम ये मूर्तियां लगभग दो महीने पहले से बनाना शुरू कर देते हैं, ताकि समय पर तैयार होकर लोगों तक पहुंच सकें। जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं और बाजार भक्ति, रंग और श्रद्धा से सराबोर हो चुका है। श्रद्धालु सज-धज कर अपने लड्डू गोपाल को झुलाने, सजाने और पूजन की पूरी तैयारी में जुटे हैं। बच्चों के लिए भी श्रीकृष्ण की ड्रेस मौजूद है, जिससे वे भी बाल गोपाल बन सकें। दुकानों की चमक-धमक और सजावट इस बात का प्रमाण हैं कि श्रद्धालु इस बार जन्माष्टमी को विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाने को तैयार हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व नजदीक आते ही बाजारों में रौनक देखते ही बन रही है। इस पावन अवसर पर बाजार कान्हा जी के भव्य श्रृंगार और सजावट से जगमगा उठा है। बाजार में कान्हा जी के लिए अलग-अलग प्रकार की सुंदर पोशाकें तैयार की गई हैं। हल्की और आरामदायक पोशाकों के साथ-साथ भारी और भव्य कढ़ाई वाली ड्रेस भी उपलब्ध हैं। यह पोशाक 50 से लेकर 1500 रुपए तक उपलब्ध हैं। श्रद्धालुओं की सेवा और भक्ति के लिए बाजार में पीतल, स्टील और अन्य धातुओं से बने सुंदर झूले उपलब्ध हैं। इनके अलावा छोटे बिस्तर, सोफा सेट, और सिंहासन भी मिल रहे हैं। जो कान्हा जी की साज-सज्जा को और भी दिव्य बना रहे हैं। दुकानदार जतिन आहुजा ने बताया कि इस बार झूलों में कई यूनीक डिजाइन है जाे लोगों को काफी लुभा रहा है। बांसुरी, मुकुट और उनके श्रृंगार का संपूर्ण सामान भी दुकानों में सजा है। मोतियों, मुरझटियों और कलात्मक सजावट से सजे मुकुट और मनमोहक बांसुरी विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं बाजार में हाथ से बनी कान्हा के लिए टोकरियां भी मौजूद हैं। इस बीच, बाजार में मिट्टी से बनी सुंदर कान्हा जी की मूर्तियां भी खास जगह बना रही हैं। एक महिला कारीगर शिखा मित्तल ने बताया, "हम ये मूर्तियां लगभग दो महीने पहले से बनाना शुरू कर देते हैं, ताकि समय पर तैयार होकर लोगों तक पहुंच सकें। जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं और बाजार भक्ति, रंग और श्रद्धा से सराबोर हो चुका है। श्रद्धालु सज-धज कर अपने लड्डू गोपाल को झुलाने, सजाने और पूजन की पूरी तैयारी में जुटे हैं। बच्चों के लिए भी श्रीकृष्ण की ड्रेस मौजूद है, जिससे वे भी बाल गोपाल बन सकें। दुकानों की चमक-धमक और सजावट इस बात का प्रमाण हैं कि श्रद्धालु इस बार जन्माष्टमी को विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाने को तैयार हैं।