करनाल को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने पर फूटा गुस्सा:सैलरी न मिलने पर कर्मचारियों ने दी हड़ताल की चेतावनी, जून माह से नहीं आए पैसे
करनाल नगर निगम देशभर के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करने जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहर को चमकाने वाले सफाई कर्मचारी अपनी सैलरी के लिए धरने पर बैठने को मजबूर हो गए हैं। नगरपालिका सफाई कर्मचारी संघ हरियाणा का आरोप है कि जिनकी मेहनत से नगर निगम को यह सम्मान मिलने जा रहा है।
उन्हीं कर्मचारियों की जून महीने की सैलरी रोक दी गई है। कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए मजबूर किया जा रहा है और मांगें न माने जाने पर 1180 सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। 14 तारीख हो गई, सैलरी नहीं मिली, कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आज 14 जुलाई हो चुकी है, लेकिन अब तक जून महीने की सैलरी रिलीज नहीं की गई है। कर्मचारियों के घरों में राशन और बिजली के बिल, बच्चों की फीस जैसे खर्चे लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह वह कर्मचारी हैं, जो सुबह 4 बजे से रात तक शहर को साफ रखने में लगे रहते हैं। अगर इन्हें ही समय पर वेतन न मिले तो सम्मान का क्या मतलब रह जाता है? बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर बना विवाद, सैलरी रोकी गई
संघ का आरोप है कि बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने को लेकर पहले ही 29 जून को शहरी निकाय मंत्री से बातचीत हुई थी, जिसमें यह सहमति बनी थी कि सफाई कर्मचारी ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन ने जबरदस्ती बायोमेट्रिक लागू करना शुरू कर दिया। कर्मचारियों के विरोध के बाद अब उनकी सैलरी रोक दी गई है ताकि उन पर दबाव डाला जा सके। यह रवैया कर्मचारियों के साथ अन्याय है। आज धरना, कल से हड़ताल की चेतावनी
संघ पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि आज अगर सैलरी रिलीज नहीं की गई, तो मंगलवार से करनाल नगर निगम के 1180 सफाई कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो सकती है, जिसका सीधा असर आम जनता और नगर निगम की छवि पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समझना चाहिए कि राष्ट्रपति पुरस्कार इन कर्मचारियों की मेहनत से मिला है, सम्मान की असली हकदार ये लोग हैं, जिन्हें आज सैलरी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। 'गरीब कर्मचारी की सैलरी रोकोगे, तो शहर कैसे चमकेगा?'
संघ का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निगम को देश में तीसरा और हरियाणा में पहला स्थान दिलाने वाले कर्मचारियों को अब अपनी मेहनत का मूल्य पाने के लिए धरना देना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी और सैलरी रिलीज नहीं की, तो हड़ताल का असर पूरे करनाल शहर में नजर आएगा, जिसकी जिम्मेदारी निगमायुक्त की होगी।
करनाल नगर निगम देशभर के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करने जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहर को चमकाने वाले सफाई कर्मचारी अपनी सैलरी के लिए धरने पर बैठने को मजबूर हो गए हैं। नगरपालिका सफाई कर्मचारी संघ हरियाणा का आरोप है कि जिनकी मेहनत से नगर निगम को यह सम्मान मिलने जा रहा है।
उन्हीं कर्मचारियों की जून महीने की सैलरी रोक दी गई है। कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए मजबूर किया जा रहा है और मांगें न माने जाने पर 1180 सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। 14 तारीख हो गई, सैलरी नहीं मिली, कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आज 14 जुलाई हो चुकी है, लेकिन अब तक जून महीने की सैलरी रिलीज नहीं की गई है। कर्मचारियों के घरों में राशन और बिजली के बिल, बच्चों की फीस जैसे खर्चे लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह वह कर्मचारी हैं, जो सुबह 4 बजे से रात तक शहर को साफ रखने में लगे रहते हैं। अगर इन्हें ही समय पर वेतन न मिले तो सम्मान का क्या मतलब रह जाता है? बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर बना विवाद, सैलरी रोकी गई
संघ का आरोप है कि बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने को लेकर पहले ही 29 जून को शहरी निकाय मंत्री से बातचीत हुई थी, जिसमें यह सहमति बनी थी कि सफाई कर्मचारी ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाएंगे। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन ने जबरदस्ती बायोमेट्रिक लागू करना शुरू कर दिया। कर्मचारियों के विरोध के बाद अब उनकी सैलरी रोक दी गई है ताकि उन पर दबाव डाला जा सके। यह रवैया कर्मचारियों के साथ अन्याय है। आज धरना, कल से हड़ताल की चेतावनी
संघ पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि आज अगर सैलरी रिलीज नहीं की गई, तो मंगलवार से करनाल नगर निगम के 1180 सफाई कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो सकती है, जिसका सीधा असर आम जनता और नगर निगम की छवि पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समझना चाहिए कि राष्ट्रपति पुरस्कार इन कर्मचारियों की मेहनत से मिला है, सम्मान की असली हकदार ये लोग हैं, जिन्हें आज सैलरी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। 'गरीब कर्मचारी की सैलरी रोकोगे, तो शहर कैसे चमकेगा?'
संघ का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निगम को देश में तीसरा और हरियाणा में पहला स्थान दिलाने वाले कर्मचारियों को अब अपनी मेहनत का मूल्य पाने के लिए धरना देना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी और सैलरी रिलीज नहीं की, तो हड़ताल का असर पूरे करनाल शहर में नजर आएगा, जिसकी जिम्मेदारी निगमायुक्त की होगी।