माइक्रोसॉफ्ट ने भारत समेत दुनिया भर के विंडोज़ 10 उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी है कि इस महीने से उनके सिस्टम के लिए आधिकारिक समर्थन समाप्त हो जाएगा। इसका मतलब है कि अब सुरक्षा अपडेट, बग फिक्स और तकनीकी सहायता उपलब्ध नहीं होगी। भारत में करोड़ों लोग अब भी विंडोज़ 10 पर काम करते हैं, इसलिए यह बदलाव कई उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
कंपनी ने उपयोगकर्ताओं के लिए दो विकल्प दिए हैं। या तो वे अपने सिस्टम को विंडोज़ 11 में अपग्रेड करें, या फिर पैसे देकर विंडोज़ 10 को कुछ समय तक और चलाते रहें। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि पुराने सिस्टम पर बिना अपडेट के काम करने से साइबर हमलों और वायरस का खतरा काफी बढ़ जाएगा।
इसके अलावा, कंपनी ने एक विकल्प भी दिया है जिसमें उपयोगकर्ता बिना पैसे खर्च किए एक साल तक अतिरिक्त सुरक्षा समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उपयोगकर्ता अपने डेटा का बैकअप “विंडोज़ बैकअप क्लाउड एप” में कर सकते हैं या 1000 माइक्रोसॉफ्ट रिवार्ड पॉइंट्स का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा “विस्तारित सुरक्षा अपडेट” कार्यक्रम के तहत 15 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2026 तक उपलब्ध होगी। जिनके पास पर्याप्त रिवार्ड पॉइंट्स नहीं हैं, वे करीब 30 डॉलर (लगभग 2,500 रुपये) देकर यह सुविधा ले सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट रिवार्ड पॉइंट्स कमाने के लिए उपयोगकर्ताओं को कंपनी के अकाउंट से खोज करना, स्टोर से खरीदारी करना, गेम खेलना और अन्य गतिविधियों में भाग लेना होगा। हालांकि, 1000 पॉइंट्स जुटाना समय और नियमित सक्रियता मांगता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से माइक्रोसॉफ्ट धीरे-धीरे पुराने सिस्टम छोड़कर नए प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को लाना चाहती है। भारत में छोटे व्यवसाय, साइबर कैफे और सरकारी कार्यालयों में अब भी लाखों कंप्यूटर विंडोज़ 10 पर चल रहे हैं। विंडोज़ 11 में अपग्रेड करने के लिए नए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की आवश्यकता होती है, जिससे खर्च बढ़ जाता है। ऐसे में यह एक्सटेंशन आम उपयोगकर्ताओं के लिए राहत का विकल्प साबित हो सकता है।
देश के गांव और छोटे कस्बों में, जहां इंटरनेट और नए उपकरणों की पहुंच सीमित है, इस बदलाव को चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।