सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। वहीं आमतौर पर भी भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए शिव पूजन करते हैं। आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग पूजा के बाद भगवान शिव के सामने तीन बार ताली बजाते हैं। बता दें कि यह एक आध्यात्मिक और धार्मिक अभ्यास है। जोकि भगवान शिव के प्रति भक्ति, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होता है। शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजाने का गहरा महत्व होता है। पहली ताली भगवान शिव के प्रति भक्त की उपस्थिति को दर्शाता है। दूसरी ताली मनोकामना पूर्ति और समृद्धि की प्रार्थना का प्रतीक मानी जाती है और तीसरी ताली क्षमायाचना और उनके चरणों में स्थान पाने की इच्छा व्यक्त करती है।
त्रिदेवों का आह्वान
तीन ताली बजाने के पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश के आह्वान होता है। तीन ताली बजाकर तीनों देवताओं को नमन किया जाता है। यह भगवान शिव के त्रिगुणात्मक स्वरूप यानी कि सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण की उपासना का भी प्रतीक होता है, ऐसा करने से जातक को जल्द ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
पौराणिक कथाएं
कुछ मान्यताओं के मुताबिक रावण और भगवान श्रीराम दोनों ने भगवान शिव की पूजा के बाद तीन बार ताली बजाई थी। जिससे उनको सफलता और आशीर्वाद दोनों प्राप्त हुए थे। कहा जाता है कि रावण ने भगवान शिव की पूजा करने के बाद तीन बार ताली बजाई थी, जिसके बाद रावण को सोने की लंका मिली थी।
वहीं मां सीता का पता लगाने के बाद जब श्रीराम को लंका तक जाने के लिए सेतु निर्माण की जरूरत थी। तब उन्होंने रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी और भगवान शिव के सामने तीन बार ताली बजाई थी। इसके बाद सेतु का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था।
अन्य मान्यताएं
वहीं अन्य मान्यताओं के मुताबिक 3 बार ताली बजाने से निगेटिव एनर्जी दूर होती है। क्योंकि तीन बार ताली बजाने से कंपन पैदा होती है, जिससे निगेटिव एनर्जी दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे जातक को मानसिक शांति मिलती है।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि तीन बार तालियां बजाने से हाथ के एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर भी दबाव पड़ता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और सेहत को भी लाभ होता है।