शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन एक अलग रंग से जुड़ा होता है। ये रंग क्षेत्र और परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, हालांकि, फेस्टिवल में प्रतीकात्मक छाप छोड़ते हैं। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा की जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे मां शैलपुत्री की कृपा कैसे पाएं। नवरात्र में प्रत्येक दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आप इन 9 रंगों में से वस्त्र जरुर पहनें। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी मां भी प्रसन्न होती है। आइए आपको बताते है इस नवरात्रि में आप नौ दिनों तक किन रंग के वस्त्र पहन सकती हैं और इनका क्या महत्व है।
पहले दिन शैलपुत्री मां की पूजा होती है
नवरात्रि पर्व की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो पर्वतराज की पुत्री, शक्ति की जननी और सृष्टि का आधार है। मां शैलपुत्री के नाम का अर्थ है- 'शैल' मतलब पर्वत और 'पुत्री' अर्थ बेटी है। हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां के स्वरुप की बात करें, तो एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में कमल का फूल। बैल पर विराजमान रहती है। मां के स्वरुप एकदम शांत और दयालु है। मां शैलपुत्री के सबसे प्रिय सफेद मिठाई होती है। इस दिन आप पेठा या दूध की मिठाई से मां को भोग अर्पित कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने से घर के सभी क्लेश, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती है। पूजा के दौरान इस मंत्र “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” का जाप जरुर करें। ऐसा करने से व्यक्ति की मानसिक शांति, आध्यात्मिक बल, घर में सुख-शांति और संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
नवरात्रि में नौ रंगों के महत्व
-सफेद: सफेद रंग पहले दिन का रंग है। यह देवी शैलपुत्री का प्रतीक है। यह शांति, गर्मजोशी और स्थिरता से भी जुड़ा है। आप कल यानी के 22 सितंबर को सफेद रंग के वस्त्र पहन सकते हैं।
- लाल: दूसरे दिन या द्वितीया का रंग लाल है। यह प्रेम, जोश और उत्साह का प्रतीक है। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इसलिए आप इस दिन लाल वस्त्र जरुर पहनें।
- रॉयल ब्लू: रॉयल ब्लू तृतीया, यानी तीसरे दिन का रंग है। यह संतुलन और शांति का प्रतीक है और देवी चंद्रघंटा से जुड़ा है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे बाधाओं को दूर करती हैं और शांति लाती हैं। इसलिए आप तीसरे दिन रॉयल ब्लू रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
- पीला: चतुर्थी का रंग पीला, बुद्धि, विद्या, ज्ञान और खुशी का प्रतीक है। पीला रंग उगते सूरज का भी प्रतीक है, जो गर्मी, आशा और जीवन शक्ति का प्रतीक है।
- हरा: पंचमी या नवरात्रि के पांचवे दिन का रंग हरा है। यह कुष्मांडा, ब्रह्मांडीय की पूजा से जुड़ा है। हरा रंग प्रकृति, उर्वरता और विकास का प्रतीक है।
ग्रे: छठे दिन, यानी षष्ठी रंग ग्रे है। यह संतुलन और शांति का प्रतीक है। ग्रे रंग जीवन में मध्यम मार्ग और संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
- नारंगी: सातवे दिन, सप्तमी तिथि का रंग नारंगी है, जो उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन मां दुर्गा के रोद्र रूप, देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।
- रमा ग्रीन: अष्टमी तिथि को देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस साल सप्तमी का रंग रमा है, जो सकारात्मकता, समृद्धि और शांति का प्रतीक है।
- गुलाबी- नवमी तिथि या नौवे दिन का रंग गुलाबी होता है और यह रंग ज्ञान, प्रेम और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह देवी महागौरी को समर्पित है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।