अमेरिका द्वारा ईरान के सबसे मजबूत परमाणु स्थलों पर हमला करने के बाद, शासन के धार्मिक नेताओं के सामने एक खतरनाक विकल्प है: अमेरिका पर पलटवार करें और दो सैन्य रूप से श्रेष्ठ शत्रुओं के साथ युद्ध को बढ़ाने का जोखिम उठाएं, या परमाणु वार्ता पर वापस लौटें, जहां उन्हें संभवतः परमाणु संवर्धन और अपने बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार पर रियायतें देनी होंगी, जो देश की संप्रभुता के दो स्तंभ हैं। ईरान और इजराइल की लड़ाई में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। ताजा जानकारी के अनुसार ईरान पर इजराइल के हमलों में कम से कम 950 लोग मारे गए हैं और 3,450 अन्य घायल हुए हैं। एक मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अमेरिका के मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने ये जानकारी दी है। यह संगठन ईरान में इस तरह के मामलों में हताहतों के आंकड़े जुटाता है।
संगठन ने कहा कि मरने वालों में 380 नागरिक और सुरक्षा बल के 253 जवान शामिल हैं।
‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने ही ईरानी नागरिक महसा अमीनी की मौत के बाद वहां 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हताहतों की विस्तृत संख्या प्रदान की थी।
महसा अमीनी (22) को ईरान की पुलिस ने हिजाब ठीक से नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था जिसके बाद सोलह सितंबर 2022 में संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मौत हो गई थी।
ईरान संघर्ष के दौरान मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है और उसने पूर्व में हताहतों की संख्या कम बताई थी। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि इजराइल के हमलों में लगभग 400 नागरिक मारे गए हैं और 3,056 अन्य घायल हुए।