Hindenburg रिपोर्ट सिर्फ हमारे ग्रुप पर हमला नहीं, SEBI से क्लीन चिट मिलने के बाद गौतम अडानी ने पहली बार किया बड़ा दावा

गौतम अडानी ने बुधवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिर्फ अडानी समूह को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत इंक को निशाना बनाया है। बंदरगाहों से लेकर बिजली तक का कारोबार करने वाले इस अरबपति समूह के संस्थापक ने बुधवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा यह रिपोर्ट सिर्फ़ आपके अडानी समूह की आलोचना नहीं थी। यह वैश्विक स्तर पर सपने देखने के भारतीय उद्यमों के साहस को सीधी चुनौती थी। आपके अदानी समूह के लिए, यह एक ऐसे परीक्षण की शुरुआत थी जिसने हमारी क्षमता के हर आयाम को प्रभावित किया। इसने हमारे शासन, हमारे उद्देश्य और यहाँ तक कि इस विचार पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया कि भारतीय कंपनियाँ पैमाने और महत्वाकांक्षा के मामले में दुनिया का नेतृत्व करने का साहस कर सकती हैं।इसे भी पढ़ें: अडाणी को क्लीन चिट मिलने के बाद क्या अब हिंडनबर्ग और राहुल गांधी माफी मांगेंगे सेबी के स्पष्ट और अंतिम वचन के साथ, सत्य की जीत हुई है, या जैसा कि हम हमेशा कहते आए हैं, 'सत्यमेव जयते' (सत्य की ही जीत होगी)। जिसका उद्देश्य हमें कमज़ोर करना था, उसने हमारी नींव को और मज़बूत कर दिया है। समूह के चेयरमैन अडानी ने इसे ‘लक्षित एवं बहुआयामी हमला’ बताने के साथ वैश्विक समीक्षा के दौर में अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि इस दौर में भी समूह के बंदरगाह, बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे, सीमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं आगे बढ़ती रहीं। अडानी ने कहा कि आपने साबित कर दिया कि दबाव में काम को अंजाम देना ही चरित्र की असली परीक्षा होती है और यह दिखा दिया कि अडानी का चरित्र अटूट है।इसे भी पढ़ें: Yes Milord: अडानी VS यूट्यूबर्स विवाद का पूरा सच क्या है? वीडियो हटाने वाला आदेश कोर्ट ने कैसे पलट दिया भविष्य की प्राथमिकताएं बताते हुए अदाणी ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता समूह की नींव बनी रहनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा, लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में तेज नवाचार, दीर्घकालिक मूल्य निर्माण और कायांतरण पर जोर दिया। अदाणी ने कहा कि हमें आज की तालियों के लिए नहीं बल्कि आने वाले दशकों की विरासत के लिए निर्माण करना है।’’ उन्होंने कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए इस अवधि को ‘अग्निपरीक्षा’ बताते हुए कहा कि हरेक संकट बुनियाद को मजबूत करता है और संकल्पशक्ति को दृढ़ करता है। अदाणी ने कहा कि पिछले तीन साल की अवधि को कर्मचारी एक ऐसी ‘चिंगारी’ के रूप में याद रखें जो बड़े अदाणी समूह का निर्माण करे। उन्होंने अपने संदेश के आखिर में कहा, हमारी कहानी साहस, संकल्प और मातृभूमि भारत से किए गए वादे की गवाही बने। सत्यमेव जयते, जय हिंद। 

Sep 25, 2025 - 20:38
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Hindenburg रिपोर्ट सिर्फ हमारे ग्रुप पर हमला नहीं, SEBI से क्लीन चिट मिलने के बाद गौतम अडानी ने पहली बार किया बड़ा दावा

गौतम अडानी ने बुधवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिर्फ अडानी समूह को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत इंक को निशाना बनाया है। बंदरगाहों से लेकर बिजली तक का कारोबार करने वाले इस अरबपति समूह के संस्थापक ने बुधवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा यह रिपोर्ट सिर्फ़ आपके अडानी समूह की आलोचना नहीं थी। यह वैश्विक स्तर पर सपने देखने के भारतीय उद्यमों के साहस को सीधी चुनौती थी। आपके अदानी समूह के लिए, यह एक ऐसे परीक्षण की शुरुआत थी जिसने हमारी क्षमता के हर आयाम को प्रभावित किया। इसने हमारे शासन, हमारे उद्देश्य और यहाँ तक कि इस विचार पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया कि भारतीय कंपनियाँ पैमाने और महत्वाकांक्षा के मामले में दुनिया का नेतृत्व करने का साहस कर सकती हैं।

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सेबी के स्पष्ट और अंतिम वचन के साथ, सत्य की जीत हुई है, या जैसा कि हम हमेशा कहते आए हैं, 'सत्यमेव जयते' (सत्य की ही जीत होगी)। जिसका उद्देश्य हमें कमज़ोर करना था, उसने हमारी नींव को और मज़बूत कर दिया है। समूह के चेयरमैन अडानी ने इसे ‘लक्षित एवं बहुआयामी हमला’ बताने के साथ वैश्विक समीक्षा के दौर में अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि इस दौर में भी समूह के बंदरगाह, बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे, सीमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं आगे बढ़ती रहीं। अडानी ने कहा कि आपने साबित कर दिया कि दबाव में काम को अंजाम देना ही चरित्र की असली परीक्षा होती है और यह दिखा दिया कि अडानी का चरित्र अटूट है।

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भविष्य की प्राथमिकताएं बताते हुए अदाणी ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता समूह की नींव बनी रहनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा, लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में तेज नवाचार, दीर्घकालिक मूल्य निर्माण और कायांतरण पर जोर दिया। अदाणी ने कहा कि हमें आज की तालियों के लिए नहीं बल्कि आने वाले दशकों की विरासत के लिए निर्माण करना है।’’ उन्होंने कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए इस अवधि को ‘अग्निपरीक्षा’ बताते हुए कहा कि हरेक संकट बुनियाद को मजबूत करता है और संकल्पशक्ति को दृढ़ करता है। अदाणी ने कहा कि पिछले तीन साल की अवधि को कर्मचारी एक ऐसी ‘चिंगारी’ के रूप में याद रखें जो बड़े अदाणी समूह का निर्माण करे। उन्होंने अपने संदेश के आखिर में कहा, हमारी कहानी साहस, संकल्प और मातृभूमि भारत से किए गए वादे की गवाही बने। सत्यमेव जयते, जय हिंद।