भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ बता रहे हैं। यह दर्शाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति मानसिक दिवालियेपन के शिकार हो चुके हैं। ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर रही हैं, ट्रंप का बयान कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता। हम आपको बता दें कि यह सब विदेशी एजेंसियां जो भारत की प्रगति के बारे में रिपोर्टें दे रही हैं उनमें से अधिकांश के मुख्यालय अमेरिका में ही हैं इसलिए प्रश्न उठता है कि क्या ट्रंप को यह नहीं दिखता कि अमेरिकी धरती पर बैठे विश्लेषक भारत के बारे में क्या सुनहरी भविष्यवाणियां कर रहे हैं और वह भारत को डेड इकॉनॉमी बता रहे हैं। हम आपको बता दें कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बना हुआ है और दुनिया की कई प्रमुख कंपनियां विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए इस देश की ओर देख रही हैं। इसके अलावा, भारतीय प्रतिभाओं की विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में सबसे अधिक मांग है और यह अमेरिका सहित कई देशों को सेवाओं का एक प्रमुख निर्यातक रहा है।
वास्तव में विश्व अर्थव्यवस्था का केंद्र धीरे-धीरे ‘ग्लोबल साउथ’ की ओर स्थानांतरित हो रहा है और जिसके लिए भारत ने खुद को अग्रणी भूमिका में रखा है। वहीं पूर्व विकसित अर्थव्यवस्थाएं तेजी से उम्रदराज हो रही हैं और इन अर्थव्यवस्थाओं में प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ही ये अर्थव्यवस्थाएं लगातार सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर रही हैं। हम आपको याद दिला दें कि अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने फरवरी, 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने आकलन में ‘अधिकारियों की सूझबूझ वाली वृहद आर्थिक नीतियों और सुधारों’ की सराहना की थी। इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है। आईएमएफ ने यह भी कहा था कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
इसके अलावा, भारत के पास प्रचुर मानव संसाधन भी हैं जो तकनीकी रूप से कुशल हैं। आईएमएफ के विश्व आर्थिक परिदृश्य पर अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान लगाए हैं। विश्व बैंक और ओईसीडी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू अर्थव्यवस्था) वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि एडीबी का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
बहरहाल, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है तथा राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गोयल ने कहा है कि सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई तथा उद्योग जगत के सभी हितधारकों की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है।