हरियाणा में सभी मेडिकल काउंसिल एक ही प्लेटफार्म पर दिखेंगी:सरकार तैयार करा रही पोर्टल; रजिस्ट्रेशन से लेकर डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन यहीं हो सकेंगे
                                            
                            हरियाणा सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी तकनीकी पहल करने जा रही है। अब प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संबंधी काउंसिल मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, आयुष, फार्मेसी, फिजियोधीरेपी और होम्योपैथी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए सरकार हारट्रोन की मदद से विशेष पोर्टल तैयार करवा रही है। जल्द ही पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण, दस्तावेज सत्यापन, प्रमाण-पत्र जारी करना और अन्य जरूरी सेवाएं पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। DG हेल्थ कर रहे पोर्टल की मॉनिटरिंग दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के दिशा-निर्देशों पर शुरू की है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) सुधीर राजपाल से मिले सुझावों के बाद महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग हरियाणा डॉ. मनीष बंसल को निगरानी में पोर्टल विकसित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह पोर्टल हरियाणा में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए एक बड़ी सुविचा साबित होगा। जिससे डिजिटल गवर्नेस को भी बढ़ावा मिलेगा। 15 अगस्त से कर सकती है शुरुआत जिस रफ्तार से सरकार इस पोर्टल को इजाद करने में जुटी हुई है, उसे देखकर लगता है कि सरकार इस पोर्टल की शुरुआत 15 अगस्त पर कर सकती है। इसके शुरू होने से सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा के आवेदकों को होगा। उन्हें बिना किसी देरी की सेवाओं का लाभ मिलेगा। क्योंकि जिलास्तर के सभी संबंधित कार्यालयों को भी इससे जोड़ा जाएगा। ये प्रक्रिया न केवल पेपरलेस होगी बल्कि आवेदकों को डीजी लॉकर सर्टिफिकेट जैसी सुविधा प्रदान करने में भी कारगर साबित होगी। एक जगह से ही हो सकेगी मॉनिटरिंग मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचदेवा का कहना है कि इससे आवेदकों को संबंधित काउंसिल के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके शुरू होने से समय और श्रम दोनों की बचत होगी। इस एकीकृत पोर्टल की मदद से पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। सभी काउंसिल की प्रक्रियाएं एक जगह से मॉनिटर की जा सकेंगी। पोर्टल के विकास का कार्य अंतिम चरण में है। इसे जल्द ही जनता के लिए शुरू किया जाएगा। आवेदकों को एक ही प्लेटफॉर्म से सभी काउंसिल की सेवाएं मिलेंगी। फिजिकल वेरिफिकेशन की आवश्यकता घटेगी। पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। प्रशासनिक कानों में दक्षता बढ़ेगी।                        
                                        
                    
                                            
                            हरियाणा सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी तकनीकी पहल करने जा रही है। अब प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संबंधी काउंसिल मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, आयुष, फार्मेसी, फिजियोधीरेपी और होम्योपैथी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए सरकार हारट्रोन की मदद से विशेष पोर्टल तैयार करवा रही है। जल्द ही पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण, दस्तावेज सत्यापन, प्रमाण-पत्र जारी करना और अन्य जरूरी सेवाएं पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। DG हेल्थ कर रहे पोर्टल की मॉनिटरिंग दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के दिशा-निर्देशों पर शुरू की है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) सुधीर राजपाल से मिले सुझावों के बाद महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग हरियाणा डॉ. मनीष बंसल को निगरानी में पोर्टल विकसित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह पोर्टल हरियाणा में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए एक बड़ी सुविचा साबित होगा। जिससे डिजिटल गवर्नेस को भी बढ़ावा मिलेगा। 15 अगस्त से कर सकती है शुरुआत जिस रफ्तार से सरकार इस पोर्टल को इजाद करने में जुटी हुई है, उसे देखकर लगता है कि सरकार इस पोर्टल की शुरुआत 15 अगस्त पर कर सकती है। इसके शुरू होने से सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा के आवेदकों को होगा। उन्हें बिना किसी देरी की सेवाओं का लाभ मिलेगा। क्योंकि जिलास्तर के सभी संबंधित कार्यालयों को भी इससे जोड़ा जाएगा। ये प्रक्रिया न केवल पेपरलेस होगी बल्कि आवेदकों को डीजी लॉकर सर्टिफिकेट जैसी सुविधा प्रदान करने में भी कारगर साबित होगी। एक जगह से ही हो सकेगी मॉनिटरिंग मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचदेवा का कहना है कि इससे आवेदकों को संबंधित काउंसिल के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके शुरू होने से समय और श्रम दोनों की बचत होगी। इस एकीकृत पोर्टल की मदद से पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। सभी काउंसिल की प्रक्रियाएं एक जगह से मॉनिटर की जा सकेंगी। पोर्टल के विकास का कार्य अंतिम चरण में है। इसे जल्द ही जनता के लिए शुरू किया जाएगा। आवेदकों को एक ही प्लेटफॉर्म से सभी काउंसिल की सेवाएं मिलेंगी। फिजिकल वेरिफिकेशन की आवश्यकता घटेगी। पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। प्रशासनिक कानों में दक्षता बढ़ेगी।