हरिद्वार में ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के दौरान दिखी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की सादगी और जनसंपर्क का अद्भुत उदाहरण*
हरिद्वार में ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के दौरान दिखी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की सादगी और जनसंपर्क का अद्भुत उदाहरण*
*हरिद्वार में ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के दौरान दिखी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की सादगी और जनसंपर्क का अद्भुत उदाहरण*
हरिद्वार की पावन धरती पर आज आयोजित ‘देवभूमि रजत उत्सव’ कार्यक्रम में उस समय एक अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी मंच पर पहुंचे। जैसे ही वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, एक छोटे से बच्चे ने उत्साहपूर्वक आगे बढ़कर उनके साथ सेल्फ़ी लेने की इच्छा जताई।
मुख्यमंत्री धामी जी ने बिना कोई झिझक या औपचारिकता दिखाए तुरंत उस बच्चे को अपने पास बुलाया और मुस्कुराते हुए उसके साथ सेल्फ़ी ली। यह दृश्य न केवल वहाँ उपस्थित लोगों के दिल को छू गया, बल्कि इसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि मुख्यसेवक धामी जी वास्तव में जनता के दिलों के मुख्यमंत्री हैं।
इस छोटे से क्षण ने मुख्यमंत्री धामी जी की सादगी, सहजता और संवेदनशीलता को उजागर कर दिया। जहाँ कई नेता सुरक्षा घेरे और प्रोटोकॉल की दीवारों में घिरे रहते हैं, वहीं धामी जी का यह व्यवहार दिखाता है कि उनके लिए जनता से जुड़ाव ही असली ताकत है।
पूरा परिसर तालियों और उत्साह से गूंज उठा — लोगों की आँखों में गर्व और खुशी दोनों झलक रही थी। बच्चे के चेहरे पर भी मुस्कान थी, जिसने मुख्यमंत्री से निकटता का वह पल जीवनभर के लिए यादगार बना लिया।
यह दृश्य इस बात का जीवंत प्रमाण है कि मुख्यमंत्री धामी जी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और हृदय से जुड़े हुए जननेता हैं, जिनके लिए हर नागरिक — चाहे वह बच्चा हो या बुज़ुर्ग — समान रूप से महत्वपूर्ण है।
आज जब राजनीति में दूरी और औपचारिकता बढ़ती जा रही है, ऐसे में धामी जी का यह सरल, मानवीय और आत्मीय व्यवहार पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है। *यह दृश्य बताता है कि क्यों लोग उन्हें प्यार से “मुख्यसेवक” कहते हैं*— क्योंकि वे सचमुच जनता के सेवक हैं, नेता नहीं, परिवार का हिस्सा हैं।
*यह सिर्फ़ एक सेल्फ़ी नहीं थी, बल्कि जनसेवा और मानवीय जुड़ाव की एक सुंदर मिसाल थी, जो आने वाले समय में भी प्रेरणा देती रहेगी।*



