दरभंगा के मेला में किसानों ने लगाया स्टॉल:जाले में पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने किया उद्घाटन; लोगों को मिलेगी ट्रेनिंग

दरभंगा के कृषि विज्ञान केंद्र जाले में 21 और 22 सितम्बर को दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और सांसद राधा मोहन सिंह ने किया। उद्घाटन समारोह में जिले के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों और किसानों की बड़ी संख्या मौजूद रही। मेले में किसानों के लिए जानकारी और प्रशिक्षण का विशेष इंतजाम किया गया है। इस अवसर पर 50 से अधिक सरकारी और निजी संस्थानों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इनमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, जिला उद्यान विभाग, गन्ना विभाग और मत्स्य विभाग शामिल हैं। किसानों को इन स्टॉल से गुणवत्तायुक्त बीज, पौधे, खाद, दवाइयां और अन्य कृषि उपकरण उचित मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए काम मेले में कृषक-वैज्ञानिक वार्ता और हाईटेक हॉर्टिकल्चर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है, जिसमें विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों की नई और उन्नत तकनीकों की जानकारी दी। इस मौके पर राधा मोहन सिंह ने बताया कि कल से महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। मेले की विशेष आकर्षण बनी पद्मश्री सम्मानित किसान चाची राजकुमारी देवी, जिन्होंने अपने मशहूर आचार का स्टॉल लगाया है। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी अपने घरेलू उत्पादों की आपूर्ति पूरे बिहार में करती हैं और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत मानी जाती हैं। किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान दरभंगा के मंत्री जीवेश मिश्रा ने किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और बाजार में ऐसे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। मेले में विशेष रूप से मछली और मखाना की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे आधुनिक तकनीक अपनाकर उत्पादन बढ़ा सकें। यह मेला 22 सितम्बर तक चलेगा। आयोजकों का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य किसानों को नई तकनीक की जानकारी देना, उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनके उत्पादों के विपणन के लिए मंच उपलब्ध कराना है। किसानों और महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी ने इस मेले को उत्सव का रूप दे दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यहां मिली जानकारी और संसाधन किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने में सहायक होंगे।

Sep 21, 2025 - 19:12
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दरभंगा के मेला में किसानों ने लगाया स्टॉल:जाले में पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने किया उद्घाटन; लोगों को मिलेगी ट्रेनिंग
दरभंगा के कृषि विज्ञान केंद्र जाले में 21 और 22 सितम्बर को दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और सांसद राधा मोहन सिंह ने किया। उद्घाटन समारोह में जिले के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों और किसानों की बड़ी संख्या मौजूद रही। मेले में किसानों के लिए जानकारी और प्रशिक्षण का विशेष इंतजाम किया गया है। इस अवसर पर 50 से अधिक सरकारी और निजी संस्थानों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इनमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, जिला उद्यान विभाग, गन्ना विभाग और मत्स्य विभाग शामिल हैं। किसानों को इन स्टॉल से गुणवत्तायुक्त बीज, पौधे, खाद, दवाइयां और अन्य कृषि उपकरण उचित मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए काम मेले में कृषक-वैज्ञानिक वार्ता और हाईटेक हॉर्टिकल्चर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है, जिसमें विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों की नई और उन्नत तकनीकों की जानकारी दी। इस मौके पर राधा मोहन सिंह ने बताया कि कल से महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। मेले की विशेष आकर्षण बनी पद्मश्री सम्मानित किसान चाची राजकुमारी देवी, जिन्होंने अपने मशहूर आचार का स्टॉल लगाया है। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी अपने घरेलू उत्पादों की आपूर्ति पूरे बिहार में करती हैं और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत मानी जाती हैं। किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान दरभंगा के मंत्री जीवेश मिश्रा ने किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और बाजार में ऐसे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। मेले में विशेष रूप से मछली और मखाना की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे आधुनिक तकनीक अपनाकर उत्पादन बढ़ा सकें। यह मेला 22 सितम्बर तक चलेगा। आयोजकों का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य किसानों को नई तकनीक की जानकारी देना, उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनके उत्पादों के विपणन के लिए मंच उपलब्ध कराना है। किसानों और महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी ने इस मेले को उत्सव का रूप दे दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यहां मिली जानकारी और संसाधन किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने में सहायक होंगे।