जेल की दीवारें बनीं प्यार की कब्रगाह, मुस्कान और साहिल की प्रेम कहानी का अंत!
Muskaan and Sahil love story of Meerut: 'अगर बेवफा तुझको पहचान जाते, खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते'— यह पंक्ति मेरठ जिला जेल में बंद साहिल की हालत पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कभी जिसे पाने के लिए साहिल ने अपनी इंसानियत को कुचल दिया, वही मुस्कान आज ...

Muskaan and Sahil love story of Meerut: 'अगर बेवफा तुझको पहचान जाते, खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते'— यह पंक्ति मेरठ जिला जेल में बंद साहिल की हालत पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कभी जिसे पाने के लिए साहिल ने अपनी इंसानियत को कुचल दिया, वही मुस्कान आज उससे नज़रें चुरा रही है। प्यार के जुनून में अंधे होकर दोनों ने मुस्कान के पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी थी। अब वही प्यार, जेल की सलाखों के पीछे दम तोड़ता नज़र आ रहा है।
यहीं से चर्चा में आया था नीला ड्रम : मुस्कान और साहिल एक-दूसरे के लिए दीवाने थे। उनकी मोहब्बत ने सारी हदें पार कर दी थीं। इस प्रेम कहानी की राह का सबसे बड़ा रोड़ा था मुस्कान का पति सौरभ। दोनों ने मिलकर सौरभ को मौत के घाट उतारने की साजिश रची। हत्या के बाद सौरभ के शव के टुकड़े कर उन्हें नीले ड्रम में भर सीमेंट से पैक कर दिया और विगत 3 मार्च को हिमाचल टूर पर निकल गए, वहां सुनहरे पलों को.जीने के बाद मेरठ लौटे तो सौरभ मर्डर की यह दिल दहला देने वाली वारदात पूरा देश हिल गया।
हत्या के कुछ ही दिनों बाद पुलिस ने मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन जेल की सलाखों ने सिर्फ उनकी प्रेम की आज़ादी ही नहीं छीनी, बल्कि उनके रिश्ते में गांठ पड़ने लगी। जेल में पहुंचने के बाद शुरुआत में दोनों को उम्मीद थी कि ये मुश्किल वक़्त भी गुजर जाएगा और फिर सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा। मगर वक्त की खाई ने दोनों के बीच ऐसी दीवार खड़ी कर दी, जिसे अब शायद पाट पाना आसान नही होगा।
गर्भवती है मुस्कान : मेरठ जेल में बंद मुस्कान को कुछ ही समय बाद पता चला कि वह गर्भवती है। यह खबर सुनकर उसकी आंखों में एक बार फिर चमक लौट आई थी। उसने इस अजन्मे बच्चे को साहिल की निशानी मानते हुए उसे प्यार से स्वीकार कर लिया। लेकिन अब वही मुस्कान उदास है, टूटी हुई है। जिस साहिल के लिए वह अपनी 6 साल की बेटी और पति को छोड़कर एक नई ज़िंदगी के ख्वाब देख रही थी, वही अब उससे बेरुखी बरत रहा है।
दोनों के बीच बंद है बोलचाल : जेल सूत्रों के मुताबिक, मुस्कान और साहिल के बीच अब बोलचाल तक बंद हो चुकी है। मेरठ जिला जेल के सर्किल-2 में बंद साहिल और महिला बैरक में बंद मुस्कान की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। पेशी के दौरान जब दोनों आमने-सामने आते हैं, तो मुस्कान मुंह फेर लेती है। शायद इसलिए, क्योंकि उसने अपने जीवन के सबसे बड़े फैसले में अकेलेपन का स्वाद चख लिया है।
मुस्कान से कोई मिलने नहीं आता : जेल अधीक्षक वीरेश राज के अनुसार, मुस्कान से अब तक न तो कोई मिलने आया है, न ही उसकी पैरवी करने वाला कोई है। उसके माता-पिता तक ने उससे किनारा कर लिया है, अब तक उसकी बेटी को मिलवाने के लिए जेल में कोई नही आया है, दूसरी तरफ, साहिल के परिवार ने उसके लिए प्राइवेट वकील तक कर लिया है। उसकी नानी और भाई उससे मिलने जेल आते हैं, साहिल की बुजुर्ग नानी हाईकोर्ट में भी मजबूत पैरवी के लिए चक्कर लगा रही है, साहिल का परिवार उसे बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। लेकिन मुस्कान? वह बस एक उम्मीद के सहारे जी रही है।
मुस्कान चाहती थी कि साहिल उसके लिए भी कुछ करे, कम से कम अपने परिवार से उसकी पैरवी करवाए। लेकिन अब जब ऐसा कुछ नहीं हो रहा, तो मुस्कान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। छह महीने की गर्भवती मुस्कान अब पूरी तरह अकेली है। सरकारी वकील उसकी पैरवी कर रहे हैं, लेकिन वो मजबूती नहीं जो साहिल को मिल रही है।
जेल की दीवारें बनीं प्यार की कब्रगाह : जेल प्रशासन हर पंद्रह दिन में मुस्कान की स्वास्थ्य जांच और अल्ट्रासाउंड करवा रहा है। गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह स्वस्थ है। मुस्कान उसे साहिल की संतान मान रही है, लेकिन अभी तक सौरभ और साहिल दोनों के परिवारों ने डीएनए जांच की कोई मांग नहीं की है। एक वक्त था जब मुस्कान और साहिल एक-दूसरे के लिए जान देने को तैयार थे, आज एक-दूसरे की शक्ल तक नहीं देखना चाहते। यह सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, एक ऐसी प्रेम कहानी है जो हत्या, धोखे और तन्हाई की भेंट चढ़ गई। जेल की दीवारें अब उनके प्यार की कब्रगाह बन चुकी हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala