जहानाबाद: BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष शशि रंजन ने दिया इस्तीफा:बोले- 'पार्टी के कुछ नेताओं ने मान-सम्मान नहीं दिया', 28 साल तक पार्टी से जुड़े रहे
BJP नेता शशि रंजन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह जहानाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान में महाराजगंज लोकसभा के प्रभारी थे। रंजन ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उन्हें उचित मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि अगला कदम अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद तय किया जाएगा। शशि रंजन की पहचान जहानाबाद और अरवल जिलों में भाजपा के एक प्रमुख नेता के रूप में रही है। उन्होंने कम उम्र में ही भाजपा के जिलाध्यक्ष का पद संभाला था और लगभग 28 सालों तक पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1995 से 1997 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कुर्था नगर मंत्री के रूप में हुई थी। 2006 में जहानाबाद भाजपा का जिला महामंत्री नियुक्त किया इसके बाद, 1998 में वह युवा भाजपा के जहानाबाद जिला मंत्री बने। साल 2000 में उन्हें युवा भाजपा का जिला महामंत्री बनाया गया, और 2003 में वह युवा भाजपा के जहानाबाद जिलाध्यक्ष बने। 2006 में, उन्हें जहानाबाद भाजपा का जिला महामंत्री नियुक्त किया गया। साल 2009 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी मजदूर महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष का पद संभाला। 2023 में महाराजगंज लोकसभा का प्रभारी बनाया वह 2011 से 2015 तक जहानाबाद भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। 2015 से 2022 तक, उन्होंने भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। 2023 में, उन्हें महाराजगंज लोकसभा का प्रभारी बनाया गया था, और वह वर्तमान में बिहार भाजपा की कार्य समिति के सदस्य भी थे। 28 सालों तक भाजपा से जुड़े रहे शशि रंजन लगभग 28 सालों तक भाजपा से जुड़े रहे शशि रंजन, जिन्हें कभी सुशील मोदी का विश्वासपात्र माना जाता था, हाल के दिनों में पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान से समझौता न करने के कारण उन्होंने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
BJP नेता शशि रंजन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह जहानाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान में महाराजगंज लोकसभा के प्रभारी थे। रंजन ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उन्हें उचित मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि अगला कदम अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद तय किया जाएगा। शशि रंजन की पहचान जहानाबाद और अरवल जिलों में भाजपा के एक प्रमुख नेता के रूप में रही है। उन्होंने कम उम्र में ही भाजपा के जिलाध्यक्ष का पद संभाला था और लगभग 28 सालों तक पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1995 से 1997 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कुर्था नगर मंत्री के रूप में हुई थी। 2006 में जहानाबाद भाजपा का जिला महामंत्री नियुक्त किया इसके बाद, 1998 में वह युवा भाजपा के जहानाबाद जिला मंत्री बने। साल 2000 में उन्हें युवा भाजपा का जिला महामंत्री बनाया गया, और 2003 में वह युवा भाजपा के जहानाबाद जिलाध्यक्ष बने। 2006 में, उन्हें जहानाबाद भाजपा का जिला महामंत्री नियुक्त किया गया। साल 2009 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी मजदूर महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष का पद संभाला। 2023 में महाराजगंज लोकसभा का प्रभारी बनाया वह 2011 से 2015 तक जहानाबाद भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। 2015 से 2022 तक, उन्होंने भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। 2023 में, उन्हें महाराजगंज लोकसभा का प्रभारी बनाया गया था, और वह वर्तमान में बिहार भाजपा की कार्य समिति के सदस्य भी थे। 28 सालों तक भाजपा से जुड़े रहे शशि रंजन लगभग 28 सालों तक भाजपा से जुड़े रहे शशि रंजन, जिन्हें कभी सुशील मोदी का विश्वासपात्र माना जाता था, हाल के दिनों में पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान से समझौता न करने के कारण उन्होंने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।