अफगानी मंत्री ने महिला पत्रकारों की एंट्री रोकी:प्रियंका का PM से सवाल- महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया; केंद्र बोला- हमारा कोई रोल नहीं

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की दिल्ली में शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगाने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने PM मोदी से पूछा- भारत में हमारे ही देश की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही देश की रीढ़ और गौरव हैं। वहीं, विवाद बढ़ने पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका कोई रोल नहीं था। न ही उनकी तरफ से पत्रकारों को बुलाया गया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानी एंबेसी में हुई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा- जब अफगानिस्तानी मंत्री दिल्ली आए तो मुंबई स्थित अफगानिस्तान के काउंसिल जनरल ने ही 10 अक्टूबर को चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रण भेजा था। अफगान दूतावास भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। बता दें कि अफगानी विदेश मंत्री 9 से 16 अक्टूबर तक भारत दौरे पर हैं। भारत दौरे पर अफगानी मंत्री, सिर्फ पुरुष पत्रकारों से बात की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर मुत्तकी 9 अक्टूबर से भारत दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों मंत्रियों की मीटिंग के बाद कोई जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। अफगानी मंत्री ने अकेले अफगानिस्तान दूतावास में मीडिया से बात की। हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकार और अफगान दूतावास के अधिकारी ही शामिल हुए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी महिला पत्रकार नहीं थी। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें एंट्री ही नहीं दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों ने ही ये तय किया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कौन शामिल होगा। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि तालिबान ने भारत को पहले बताया था या नहीं कि वे महिला पत्रकारों को नहीं बुलाएंगे। अफगान तालिबान बोला- ये अनजाने में हुआ अफगान तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने CNN न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करना किसी नीति या भेदभाव के कारण नहीं हुआ। ये अनजाने में हुआ, पास की संख्या सीमित थी। सुहैल ने कहा- मुत्तकी काबुल में अक्सर महिला पत्रकारों से मिलते हैं और इंटरव्यू भी लेते हैं। भविष्य में भारत दौरे पर महिला पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, बशर्ते सही समन्वय और पूर्व सूचना हो। अब अफगानी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 2 तस्वीरें देखिए... अफगानिस्तान में 15 अगस्त, 2021 को तालिबान हुकूमत ने कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से महिलाओं पर लगातार कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें लड़कियों के स्कूल जाने, सार्वजनिक रूप से बोलने, चेहरा दिखाने और खेलों में भाग लेने पर बैन शामिल है। राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने PM पर निशाना साधा राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष- PM मोदी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की इजाजत देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को यह बता रहे होते हैं कि आप (PM) बहुत कमजोर हैं और उनके लिए खड़े नहीं हो सकते। इस तरह के भेदभाव पर आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों का खोखलापन उजागर करती है। पी चिदंबरम, पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता- मुझे इस बात पर हैरानी है कि अफगानिस्तान के अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया। मुझे लगता है कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को नहीं बुलाया गया है, तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था। महुआ मोइत्रा, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद- एक भारतीय मुस्लिम अपनी छत पर नमाज नहीं पढ़ सकता, पैगंबर से प्यार का इजहार नहीं कर सकता है, लेकिन एक विदेशी मुस्लिम कट्टरपंथी अपनी 'आस्था' के नाम पर हमारी जमीन पर हमारी औरतों के साथ हमारे कानूनों और मूल्यों का उल्लंघन करते हुए भेदभाव कर सकता है। इसके बारे में जरा सोचिए। बांग्लादेशी लेखिका बोलीं- तालिबान महिलाओं को इंसान मानते ही नहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि तालिबान महिलाओं को मानव अधिकार नहीं देते क्योंकि वे महिलाओं को इंसान मानते ही नहीं। नसरीन ने पुरुष पत्रकारों की भी आलोचना की और कहा कि अगर उनमें किसी प्रकार की संवेदना होती तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर विरोध करते। उन्होंने कहा, “तालिबान के अनुसार महिलाएं केवल घर पर रहकर बच्चों को जन्म दें और परिवार की सेवा करें। यह एक दमनकारी और महिला विरोधी मानसिकता है।” .............................. तालिबान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... तालिबान और भारत साथ, पाकिस्तान क्यों घबराया: ट्रम्प की भी चिंता बढ़ी, अफगान मंत्री के दौरे से इंडिया को क्या मिलेगा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल में प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं। उन्हें भारत आने के लिए विशेष छूट लेनी पड़ी है। रूस के अलावा भारत समेत किसी भी देश ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अफगान मंत्री के भारत दौरे से क्या बदलेगा? भारत के लिए ये दौरा किस तरह फायदेमंद होने वाला है। यह समझने के लिए पूरी खबर पढ़ें...

Oct 12, 2025 - 09:27
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अफगानी मंत्री ने महिला पत्रकारों की एंट्री रोकी:प्रियंका का PM से सवाल- महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया; केंद्र बोला- हमारा कोई रोल नहीं
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की दिल्ली में शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगाने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने PM मोदी से पूछा- भारत में हमारे ही देश की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही देश की रीढ़ और गौरव हैं। वहीं, विवाद बढ़ने पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका कोई रोल नहीं था। न ही उनकी तरफ से पत्रकारों को बुलाया गया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानी एंबेसी में हुई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा- जब अफगानिस्तानी मंत्री दिल्ली आए तो मुंबई स्थित अफगानिस्तान के काउंसिल जनरल ने ही 10 अक्टूबर को चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रण भेजा था। अफगान दूतावास भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। बता दें कि अफगानी विदेश मंत्री 9 से 16 अक्टूबर तक भारत दौरे पर हैं। भारत दौरे पर अफगानी मंत्री, सिर्फ पुरुष पत्रकारों से बात की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर मुत्तकी 9 अक्टूबर से भारत दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों मंत्रियों की मीटिंग के बाद कोई जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। अफगानी मंत्री ने अकेले अफगानिस्तान दूतावास में मीडिया से बात की। हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकार और अफगान दूतावास के अधिकारी ही शामिल हुए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी महिला पत्रकार नहीं थी। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें एंट्री ही नहीं दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों ने ही ये तय किया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कौन शामिल होगा। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि तालिबान ने भारत को पहले बताया था या नहीं कि वे महिला पत्रकारों को नहीं बुलाएंगे। अफगान तालिबान बोला- ये अनजाने में हुआ अफगान तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने CNN न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करना किसी नीति या भेदभाव के कारण नहीं हुआ। ये अनजाने में हुआ, पास की संख्या सीमित थी। सुहैल ने कहा- मुत्तकी काबुल में अक्सर महिला पत्रकारों से मिलते हैं और इंटरव्यू भी लेते हैं। भविष्य में भारत दौरे पर महिला पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, बशर्ते सही समन्वय और पूर्व सूचना हो। अब अफगानी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 2 तस्वीरें देखिए... अफगानिस्तान में 15 अगस्त, 2021 को तालिबान हुकूमत ने कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से महिलाओं पर लगातार कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें लड़कियों के स्कूल जाने, सार्वजनिक रूप से बोलने, चेहरा दिखाने और खेलों में भाग लेने पर बैन शामिल है। राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने PM पर निशाना साधा राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष- PM मोदी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की इजाजत देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को यह बता रहे होते हैं कि आप (PM) बहुत कमजोर हैं और उनके लिए खड़े नहीं हो सकते। इस तरह के भेदभाव पर आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों का खोखलापन उजागर करती है। पी चिदंबरम, पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता- मुझे इस बात पर हैरानी है कि अफगानिस्तान के अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया। मुझे लगता है कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को नहीं बुलाया गया है, तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था। महुआ मोइत्रा, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद- एक भारतीय मुस्लिम अपनी छत पर नमाज नहीं पढ़ सकता, पैगंबर से प्यार का इजहार नहीं कर सकता है, लेकिन एक विदेशी मुस्लिम कट्टरपंथी अपनी 'आस्था' के नाम पर हमारी जमीन पर हमारी औरतों के साथ हमारे कानूनों और मूल्यों का उल्लंघन करते हुए भेदभाव कर सकता है। इसके बारे में जरा सोचिए। बांग्लादेशी लेखिका बोलीं- तालिबान महिलाओं को इंसान मानते ही नहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि तालिबान महिलाओं को मानव अधिकार नहीं देते क्योंकि वे महिलाओं को इंसान मानते ही नहीं। नसरीन ने पुरुष पत्रकारों की भी आलोचना की और कहा कि अगर उनमें किसी प्रकार की संवेदना होती तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर विरोध करते। उन्होंने कहा, “तालिबान के अनुसार महिलाएं केवल घर पर रहकर बच्चों को जन्म दें और परिवार की सेवा करें। यह एक दमनकारी और महिला विरोधी मानसिकता है।” .............................. तालिबान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... तालिबान और भारत साथ, पाकिस्तान क्यों घबराया: ट्रम्प की भी चिंता बढ़ी, अफगान मंत्री के दौरे से इंडिया को क्या मिलेगा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल में प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं। उन्हें भारत आने के लिए विशेष छूट लेनी पड़ी है। रूस के अलावा भारत समेत किसी भी देश ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अफगान मंत्री के भारत दौरे से क्या बदलेगा? भारत के लिए ये दौरा किस तरह फायदेमंद होने वाला है। यह समझने के लिए पूरी खबर पढ़ें...