सीएम से कराया पार्किंग का उद्घाटन, फिर भी शुरू नहीं:अंबाला की कपड़ा मार्केट में रेट को लेकर बिगड़ रहा गणित
हरियाणा के अंबाला की होलसेल कपड़ा मार्केट में आने वाले वाहनों को खड़ा करने के लिए रोडवेज विभाग ने पार्किंग का सीएम नायब सिंह सैनी से उद्घाटन तो करा लिया, मगर अब ठेका देने में उलझन हो रही है। रोडवेज ठेके की आमदनी को लेकर ऐसी फंसी है कि तीन बार बोलियां कराने के बावजूद कोई एजेंसी ठेका लेने को तैयार ही नहीं है। खुद होलसेल कपड़ा मार्केट की एसोसिएशन ने इस पार्किंग के काम को लेने की इच्छा जताई मगर अब उन्होंने भी हाथ खड़े कर लिए हैं। इस कारण अब रोडवेज उलझन में फंसी हुई है। रेट अधिक होने के कारण हो रहीं दिक्कतें रोडवेज चाहती है कि उसकी शर्तों पर पार्किंग का ठेका दिया जाए, मगर एजेंसियों को रोडवेज के रेट काफी अधिक लग रहे हैं। हालात ऐसे बने कि तीसरी बोली में तो कोई एजेंसी ही नहीं आई। पहले दो महीने लटकी थी पार्किंग पहले पार्किंग दो महीने तक लटकी, अब ठेका रोडवेज की कार्य प्रणाली पर अब कपड़ा मार्केट के व्यापारी भी सवाल उठाने लगे हैं। लोक निर्माण विभाग ने इस पार्किंग को बनाकर रोडवेज को समय से सुपुर्द कर दिया था। इसके बावजूद रोडवेज सीएम से उद्घाटन के इंतजार में दो महीने तक इस परियोजना को लटकाए रही, जबकि इस मसले पर विपक्ष से विधायक निर्मल सिंह ने तीखी टिप्पणी भी की थी, इसके बावजूद इस सुविधा से कपड़ा मार्केट को महरूम रखा अब पार्किंग का ठेका रोड़ा बन रहा है। 1.25 लाख रुपये रखा था रिजर्व प्राइस पार्किंग के ठेके की बोली के लिए रोडवेज ने पहली बोली के समय 1.25 लाख रुपये व जीएसटी को रिजर्व प्राइस रखा था। इस बोली में होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी पहुंचे थे। बोली के दौरान रिजर्व प्राइस अधिक लगने से किसी भी बोलीदाता ने रुचि नहीं दिखाई। इस दौरान एसोसिएशन ने रोडवेज के अधिकारियों को कहा था कि इतने दाम में नुकसान होगा, कोई पार्किंग लेने के तैयार नहीं होगा, इसके बाद दूसरी बार रोडवेज ने रिजर्व प्राइस 1.19 लाख तय कर बोली के लिए बोलीदाताओं को बुलाया, इसमें भी कोई बात नहीं बनी। वहीं तीसरी बार बुधवार को बोली के लिए बोलीदाताओं को बुलाया गया मगर कोई नहीं आया। अब रोडवेज ने बोली के लिए 29 अगस्त तक की तारीख बढ़ा दी है। कपड़ा व्यापारी भी रेट देख पीछे हटे जब पार्किंग बन गई है तो होलसेल कपड़ा मार्केट की एसोसिएशन के पदाधिकारी इस पार्किंग के संचालन का मन बना रहे हैं, मगर रोडवेज ने पार्किंग ठेका का रिजर्व प्राइस उनके गले नहीं उतर रहा है। उनका कहना है कि सही रेट लगाएं तो कपड़ा व्यापारी ही इस पार्किंग को चलाने में सक्षम हैं। इस गणित के आधार पर नहीं बन रही बात होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन के प्रधान विशाल बतरा ने बताया कि रोडवेज की कार पार्किंग में 103 गाड़ियों को खड़ी करने कीक्षमता है। कोशिश कर के 115 गाड़ियों को खड़ा किया जा सकता है। यहां पर तीन लड़के भी रखने होंगे। जिन्हें महीने के कुल 36 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा उनके अन्य खर्चों के लिए महीने का करीब पांच हजार रुपये अतिरिक्त खर्च होगा। वाहन पार्किंग की क्षमता और खर्चों को पूरा मिला लें तब भी इस पार्किंग के ठेके में नुकसान होगा। यही कारण है कि कोई एजेंसी वाला रुचि नहीं दिखा रहा है। अगर रोडवेज रिजर्व प्राइस कम करती है तब ही कोई बात बन सकती है। एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में से एक शहर की होलसेल कपड़ा मार्केट एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में से एक है। यहां हरियाणा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ व अन्य राज्यों से लोग व कपड़ा व्यापारी कपड़ों की खरीद के लिए आते हैं। मगर ग्राहकों और स्थानीय दुकानदारों को यहां जाम से जूझना पड़ता है। त्योहारी सीजन में तो जाम को संभालने के लिए पुलिस तक लगानी पड़ जाती है।यही कारण था कि होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन की लंबे समय से कपड़ा मार्केट के पास कार पार्किंग बनाने की मांग रही है।
हरियाणा के अंबाला की होलसेल कपड़ा मार्केट में आने वाले वाहनों को खड़ा करने के लिए रोडवेज विभाग ने पार्किंग का सीएम नायब सिंह सैनी से उद्घाटन तो करा लिया, मगर अब ठेका देने में उलझन हो रही है। रोडवेज ठेके की आमदनी को लेकर ऐसी फंसी है कि तीन बार बोलियां कराने के बावजूद कोई एजेंसी ठेका लेने को तैयार ही नहीं है। खुद होलसेल कपड़ा मार्केट की एसोसिएशन ने इस पार्किंग के काम को लेने की इच्छा जताई मगर अब उन्होंने भी हाथ खड़े कर लिए हैं। इस कारण अब रोडवेज उलझन में फंसी हुई है। रेट अधिक होने के कारण हो रहीं दिक्कतें रोडवेज चाहती है कि उसकी शर्तों पर पार्किंग का ठेका दिया जाए, मगर एजेंसियों को रोडवेज के रेट काफी अधिक लग रहे हैं। हालात ऐसे बने कि तीसरी बोली में तो कोई एजेंसी ही नहीं आई। पहले दो महीने लटकी थी पार्किंग पहले पार्किंग दो महीने तक लटकी, अब ठेका रोडवेज की कार्य प्रणाली पर अब कपड़ा मार्केट के व्यापारी भी सवाल उठाने लगे हैं। लोक निर्माण विभाग ने इस पार्किंग को बनाकर रोडवेज को समय से सुपुर्द कर दिया था। इसके बावजूद रोडवेज सीएम से उद्घाटन के इंतजार में दो महीने तक इस परियोजना को लटकाए रही, जबकि इस मसले पर विपक्ष से विधायक निर्मल सिंह ने तीखी टिप्पणी भी की थी, इसके बावजूद इस सुविधा से कपड़ा मार्केट को महरूम रखा अब पार्किंग का ठेका रोड़ा बन रहा है। 1.25 लाख रुपये रखा था रिजर्व प्राइस पार्किंग के ठेके की बोली के लिए रोडवेज ने पहली बोली के समय 1.25 लाख रुपये व जीएसटी को रिजर्व प्राइस रखा था। इस बोली में होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी पहुंचे थे। बोली के दौरान रिजर्व प्राइस अधिक लगने से किसी भी बोलीदाता ने रुचि नहीं दिखाई। इस दौरान एसोसिएशन ने रोडवेज के अधिकारियों को कहा था कि इतने दाम में नुकसान होगा, कोई पार्किंग लेने के तैयार नहीं होगा, इसके बाद दूसरी बार रोडवेज ने रिजर्व प्राइस 1.19 लाख तय कर बोली के लिए बोलीदाताओं को बुलाया, इसमें भी कोई बात नहीं बनी। वहीं तीसरी बार बुधवार को बोली के लिए बोलीदाताओं को बुलाया गया मगर कोई नहीं आया। अब रोडवेज ने बोली के लिए 29 अगस्त तक की तारीख बढ़ा दी है। कपड़ा व्यापारी भी रेट देख पीछे हटे जब पार्किंग बन गई है तो होलसेल कपड़ा मार्केट की एसोसिएशन के पदाधिकारी इस पार्किंग के संचालन का मन बना रहे हैं, मगर रोडवेज ने पार्किंग ठेका का रिजर्व प्राइस उनके गले नहीं उतर रहा है। उनका कहना है कि सही रेट लगाएं तो कपड़ा व्यापारी ही इस पार्किंग को चलाने में सक्षम हैं। इस गणित के आधार पर नहीं बन रही बात होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन के प्रधान विशाल बतरा ने बताया कि रोडवेज की कार पार्किंग में 103 गाड़ियों को खड़ी करने कीक्षमता है। कोशिश कर के 115 गाड़ियों को खड़ा किया जा सकता है। यहां पर तीन लड़के भी रखने होंगे। जिन्हें महीने के कुल 36 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा उनके अन्य खर्चों के लिए महीने का करीब पांच हजार रुपये अतिरिक्त खर्च होगा। वाहन पार्किंग की क्षमता और खर्चों को पूरा मिला लें तब भी इस पार्किंग के ठेके में नुकसान होगा। यही कारण है कि कोई एजेंसी वाला रुचि नहीं दिखा रहा है। अगर रोडवेज रिजर्व प्राइस कम करती है तब ही कोई बात बन सकती है। एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में से एक शहर की होलसेल कपड़ा मार्केट एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में से एक है। यहां हरियाणा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ व अन्य राज्यों से लोग व कपड़ा व्यापारी कपड़ों की खरीद के लिए आते हैं। मगर ग्राहकों और स्थानीय दुकानदारों को यहां जाम से जूझना पड़ता है। त्योहारी सीजन में तो जाम को संभालने के लिए पुलिस तक लगानी पड़ जाती है।यही कारण था कि होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन की लंबे समय से कपड़ा मार्केट के पास कार पार्किंग बनाने की मांग रही है।