सावन-भादो में कांवड़ यात्रा का आगाज:डुमरी कटसरी से सोमेश्वर नाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं का जत्था निकला, 2 सितंबर को जलाभिषेक
शिवहर में सावन-भादो माह के पावन अवसर पर धार्मिक आस्था का माहौल छाया हुआ है। डुमरी कटसरी प्रखंड के धनहरा गांव से नवयुवक कांवरिया संघ के नेतृत्व में मंगलवार को कांवड़ियों का जत्था अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ धाम के लिए रवाना हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर के पास स्थित पवित्र बागमती नदी के डूबा घाट से हुई। यहां 2 सितंबर 2025 को जलबोझी की परंपरा निभाई जाएगी। कांवड़ियों ने जल भरने के बाद हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों के साथ यात्रा शुरू की। नवयुवक कांवरिया संघ की ओर से जामदार दुखा महतो, खजांची कैलाश राउत, सहायक रंजीत सिंह और सिपाही नथुनी साह ने जत्थे का नेतृत्व किया। ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा और नारियल भेंट कर कांवड़ियों का स्वागत किया। स्थानीय प्रशासन ने यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किया है। मार्ग में श्रद्धालुओं ने कांवड़ियों को जल, शरबत, फल और प्रसाद वितरित किया। प्रतिवर्ष सावन-भादो में आयोजित होने वाली इस कांवड़ यात्रा में हजारों श्रद्धालु अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ धाम में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।
Sep 2, 2025 - 22:18
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शिवहर में सावन-भादो माह के पावन अवसर पर धार्मिक आस्था का माहौल छाया हुआ है। डुमरी कटसरी प्रखंड के धनहरा गांव से नवयुवक कांवरिया संघ के नेतृत्व में मंगलवार को कांवड़ियों का जत्था अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ धाम के लिए रवाना हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर के पास स्थित पवित्र बागमती नदी के डूबा घाट से हुई। यहां 2 सितंबर 2025 को जलबोझी की परंपरा निभाई जाएगी। कांवड़ियों ने जल भरने के बाद हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों के साथ यात्रा शुरू की। नवयुवक कांवरिया संघ की ओर से जामदार दुखा महतो, खजांची कैलाश राउत, सहायक रंजीत सिंह और सिपाही नथुनी साह ने जत्थे का नेतृत्व किया। ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा और नारियल भेंट कर कांवड़ियों का स्वागत किया। स्थानीय प्रशासन ने यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किया है। मार्ग में श्रद्धालुओं ने कांवड़ियों को जल, शरबत, फल और प्रसाद वितरित किया। प्रतिवर्ष सावन-भादो में आयोजित होने वाली इस कांवड़ यात्रा में हजारों श्रद्धालु अरेराज स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ धाम में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।
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